Skip to main content

Ads

Gokuldham Maha Episode 5- Sex Story

 Gokuldham Maha Episode 5- Sex Story




बापूजी :- अए जेठिया...चल जा जाना नही है तुझे...


जेठालाल होश में आता हुआ..बापूजी के पैर छूता है...और बैठ जाता है गाड़ी

में....


सभी गाड़ी से सबको बाइ बोलते हैं....और चल पड़ते हैं..स्टेशन की तरफ....


,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


सभी लोग एक गाड़ियों में बैठ के कॉंपाउंड से निकल चुके थे...अब आगे.....!!!


एक कार में.... जेठालाल , तारक , अंजलि , दया , बबीता , अईयर बैठे थे.....


और दूसरी कार में... सोढी , रोशन , भिड़े , माधवी , अब्दुल और रीता थे...


कार के अंदर......!!


जेठालाल :- मेहता साहब .. ये 13 आदमी कौन है.....ये बाघा ने मुझे सच में

परेशान कर दिया है...


तारक :- जेठालाल भाई...तुम क्यूँ चिंता कर रहे हो...जो भी होगा देखा जाएगा...


जेठालाल :- लेकिन मुझे टेन्षन हो रही है....


अईयर :- जेठालाल..तुम क्यूँ टेंशन ले रहे हो....जो भी होगा..वहाँ पे जाके पता चल

जाएगा...


दया :- मुझे पता है...कौन है...


जेठालाल :- क्याआआ.....कौन है??


दया :- सुंदर वीराआआअ......


जेठालाल :- मेहता सहाब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब.....

और चक्कर खा के मेहता के कंधे पे गिर जाता है....


दया :- टप्पू के पापा क्या हुआ आपको...


बबीता :- जेठा जी...आर यू ऑल राइट...


तारक :- जेठालाल....क्या हुआ ..उठो....


जेठालाल :- कुछ नही हुआ है मेहता साहब....अब तो होगा...

तारक के कंधे से उठता हुआ बोलता है....


तारक :- तुमने तो डरा ही दिया....


जेठालाल :- लेकिन दया तुझे कैसे पता वो..सस्सुंन्दर्ररर है...


दया :- मुझे क्या पता कि वो वीरा है..


जेठालाल :- हैं....लेकिन अभी तो तूने बोला....


दया :- वो तो में शायद सुंदर वीरा है ...ऐसा बोली थी..


जेठालाल :- लेकिन तूने शायद कब बोला...


दया :- नही बोला....सॉरी...


जेठालाल :- सॉरी...क्या सॉरी....एक पल के लिए जान निकाल दी थी तूने मेरी..


दया :- हैं..जान..लेकिन क्यूँ??


जेठालाल :- वो वो..ह्म..वो..


तारक :- अरे आप लोग बहस करना छोड़ेंगे....

जेठालाल तुम सुंदर को फोन लगा के खुद पूछ लो..पता चल जाएगा...


जेठालाल :- हाँ ये आइडिया सही है मेहता साहब...


और जेठालाल सुंदर को फोन लगाता है....


दिस नंबर. ईज़ आउट ऑफ रीच...प्लीज़ ट्राइ आफ्टर सम टाइम...


जेठालाल :- उसका फोन ही नही लग रहा है...


दया :- में माँ..को फोन कर के पुछु..


जेठालाल :- हाँ पूछ...


दया फोन मिलाती है.


जेठालाल :- हाआँ माआ....

कैसी है....

बॅस हम अभी स्टेशन जा रहे हैं....

क्या...हाहहहहहहहहहहः.....


जेठालाल :- सस्शह..हंस क्यूँ रही है..


दया :- माँ ने आपका नया नाम रखा है...


जेठालाल :- क्या??


दया :- डबा....हाहहहः....

और फिर से माँ से बात करने लगती है..


जेठालाल :- डबा....

मेहता साहब...ये डबा कैसे..


तारक :- हँसते हुए....जेठालाल वो ट्रेन के अलग अलग डब्बे होते हैं....वो उसकी

बात कर रही हैं...


ये बात सुन के अईयर और बबीता भी हँसने लगते हैं...


जेठालाल :- बात को चेंज करते हुए...अए दया...जो पूछना है वो पूछ फालतू की

पंचाट क्यूँ कर रही है...


दया :- हाँ...

माँ...सुंदर वीरा है घर पे..

क्या नही है...

कहाँ गया...

अच्छा.....

मुंबई में......


जेठालाल :- मेहता साहब....और फिर से उसके कंधे पे गिर जाता है...


दया :- अच्छा...कल आया था..

आज बॅंगलॉर गया ...


जेठालाल फिर से उठ जाता है..


जेठालाल :- हाशह....चलो बला टली......:-)

कॅट्ट फोन...दया..कॉट..


दया :- अच्छा माँ में तुमसे बाद में बात करती हूँ...

हाँ...बयईए...


जेठालाल :- इतनी पंचाट क्यूँ है तुझे और तेरी माँ को..


दया :- क्या.क्या..


जेठालाल :- कुछ नही रहने दे ना भाई..


तारक :- आप लोग की नोक झोंक में आ गया..


जेठालाल :- घबराता हुआ..कौन कौन..


तरल :- अरे भाई स्टेशन...


अईयर :- हाहहाहा....जेठालाल तुम तो बहुत डरपोक हो..


जेठालाल :- बबीता जी...ये क्या बोल रहे हैं..अईयर भाई.


बबीता :- अईयरर..


अईयर :- ओके सॉरी बबीता...


और स्टेशन आ जाता है....सभी कार से उतर के अपना समान उतार लेते हैं...


सोढी :- हाँ भाई...आ गया स्टेशन..जेठा प्रा..कौन से डब्बे पे हमारी सीट है.


भिड़े :- हाँ जल्दी बताओ जेठालाल...अब तो बस रहा नही जा रहा....


जेठालाल :- हाँ भाई बताता हूँ..

पहले ये तो पता चले..कि वो 13 वाँ इंसान कौन है...


भिड़े :- आररीए हाँ...तो कहाँ है वो..


जेठालाल :- मुझे क्या पता भाई..में भी तो तुम्हारे साथ ही आया हूँ ना..


तारक :- बाघा को फोन कर के पूछो...उसको पता होगा..


जेठालाल बाघा को फोन लगाता है..


जेठालाल :- हाँ बाघा..वो 13 वाँ इंसान कहाँ मिलेगा..

अच्छा..उसके आगे...चल ठीक है...


और फोन कट हो जाता है.....


जेठालाल :- चलो हम सब अपने डब्बे के पास चलते हैं...वहीं मिलेगा वो 13 वाँ इंसान..


सोढी :- चलो भाई चलो..समान उठाते हैं..


अब्दुल :- लेकिन कौन से पलटफ़ॉर्म पे जाना है..


जेठालाल :- यही..अपना 2 नंबर..


अब्दुल :- ठीक है.....


और सभी अपना समान उठा के चलने लगते हैं...


चलते चलते..


माधवी :- दया भाभी..कहीं सुंदर भाई तो नही..


दया :- नही वो नही है..माँ से बात हुई..तो वो बोल रही थी..कि वीरा तो बॅंगलॉर

में है...


माधवी :- तो फिर कौन हो सकता है...


रोशन :- वही तो देखने वाली बात है बावा...


बबीता :- या....लेट सी अब तो पता ही चल जाएगा...


और सभी अपने प्लॅटफॉर्म पे पहुँच जाते हैं...अपने डब्बे के आगे.....


तारक :- जेठालाल टेंशन ना लो...में अभी लिस्ट में देखता हूँ..पता चल जाएगा..

कि कौन है....


भिड़े :- हाँ मेहता साहब....इससे पता चल जाएगा..कि कौन है जो हमे सरप्राइज देना

चाहता है...


तारक लिस्ट में नाम देखने लगता है...


1. जेठालाल

2. दया

3. तारक

4. अंजलि

5. बबीता

6. अईयर

7. सोढी

8. रोशन

9. भिड़े

10. माधवी

11. अब्दुल

12. रीता


और 13 नाम....था..


तारक :- भाई....ये कैसा नाम है..


जेठालाल :- भाई...ये क्या अजीब नाम है.


भिड़े :- लेकिन हम इस नाम के किसी आदमी को नही जानते...


सोढी :- हाँ...ये कौन आ गया..नया..हमारी सोसाइटी में...


अईयर :- भिड़े कोई नया आदमी आया है..और तुमने बताया भी नही..


सोढी :- ऊ भिड़ू...तुझे बताना चाहिए था ना..कि कोई नया आदमी आया है..


जेठालाल :- ये किसी काम का नही ... इसको सेक्रेटरी पद से हटाओ...


भिड़े :- अरे क्या हटाओ..जेठालाल मुझे खुद नही पता कि ये कौन है...


जेठालाल :- ले तुझे भी नही पता..तो फिर ये कौन है..


में बताता हूँ कि ये नाम किसका है......

एक आवाज़ प्लॅटफॉर्म से आती है....


सब की नज़र उस आवाज़ की तरफ घूमती है....

एक आदमी प्लॅटफॉर्म पे पड़े बेंच पे बैठा था..और न्यूसपेपर पढ़ रहा था...


सोढी :- कौन हो भाई तुम..


भिड़े :- हाँ भाई कौन हो....अपनी शक्ल तो दिखाओ..


जेठालाल :- हाँ...हम तो आपको जानते भी नही है....


आप सब मुझको अच्छी तरह से जानते हो.....


टू बी कंटिन्यूड............!!!!!!!!!!


सभी स्टेशन पे पहुँच जाते हैं.....और लिस्ट में नाम चेक करते हैं...लेकिन

उनको वो नाम समझ नही आता.....दूसरी तरफ एक आदमी बैठा होता है....अब आगे...!!


में अब सब को जानता है...

वो बेंच पे बैठा आदमी बोलता है..


तारक :- लेकिन कैसे हम....आपको नही जानते....


नही .... आप सब मुझको जानते हैं..


जेठालाल :- सोढी ये आवाज़ जानी पहचानी सी नही लग रही है..


भिड़े :- हाँ जेठालाल मुझे भी ऐसा ही लग रहा है....


तारक :- लेकिन किसकी हो सकती है..


जेठालाल :- चलो इसी से पूछ लेते हैं...

भाई कौन हो तुम..


जेठा भाई ये आप मुझसे पूछ रहे हैं.....


जेठालाल :- आपको मेरा नाम कैसे पता...


में आपका क्या...सबका नाम जानता हूँ...मेहता साहब..कैसे हो...

भिड़े भाई..ट्यूशन कैसी चल रही है....

अईयर भाई लॅब तो बराबर है ना....

सोढी गॅरेज कैसा चल रहा है....

अब्दुल..सोडा नही पिलाएगा क्या....

दया भाभी..नमस्ते..


दया :- नमस्ते भाई..


अंजलि भाभी...आज भी आप मेहता साहब को डाइयेट फुड देते हो...

माधवी भाभी...आचार पापड..का बिज़्नेस कैसा चल रहा है..

रोशन भाभी..आप भी ठीक हो ना...

बबीता जी..हाउ आर यू??


बबीता :- आइ आम फाइन....


और रीता...कैसी चल रही है रेपॉर्टिंज्ग....


अंजलि :- अरे ये तो हमारे बारे में सब जानता है..


माधवी :- अगो बाई....हाँ इसे तो सब पता है...


रीता :- लेकिन ये कौन है..


भिड़े :- भाई तुम अपना चेहरा आब दिखाओगे कि नही...


तो दिखा दूं...


सभी एक साथ हन्न्न....


और वो आदमी न्यूज़पेपर को नीचे कर देता है...और अपना चेहरा सबके सामने दिखा

देता है....


आआआआप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प..............


सभी के मुँह से यही निकलता है..............


तारक :- लेकिन आप यहाँ कैसे??


जेठालाल :- हाँ कैसे??


माधवी :- आगो बाई......


भिड़े :- आप यहाँ कैसे???


जेठालाल :- भाई मेने भी तो वही पूछा है...तुम क्या भिड़े...


हां में........मोहन लाल......आप सबके के सामने हाजिर हूँ........


भिड़े :- मोहन लाल भाई आप और यहाँ....व्हाट आ प्लीज़ेंट सर्प्राइज़...


जेठालाल :- हाँ....आपने तो मुझे डरा ही दिया था...


मोहन लाल :- हाहहहः....यही तो सर्प्राइज़ है....


सोढी :- ऊओ वेलकम मोहन लाल प्रा...


अईयर :- लेकिन आप यहाँ कैसे..


अब्दुल :- हाँ आपको कैसे पता चला.....


जेठालाल :- हाँ वही तो कैसे पता चला....


मोहन लाल :- हाँ बताता हूँ.....


चलते है एक बार फलशबॅक में...इस बार मोहन लाल की.....


मोहन लाल प्लेन से उतर के आज ही मुंबई आया था....


और आते ही उसका फोन गिर के टूट गया...तो उसने सोचा जेठालाल की दुकान से जाके

नया ले लेता हूँ...


और वो पहुँच जाता है जेठालाल की दुकान पर....

और वो दुकान पर जब पहुँचता है...जब जेठालाल नट्टू काका को छोड़ के गया था...

दुकान पर...


नट्टू काका :- अरे मोहन लाल भाई..आप आई..आइए....यहाँ कैसे आना हुआ...


मोहल लाल :- बस आज ही में मुंबई आया था...और आते ही मेरा फोन टूट गया

तो सोचा नया ले लूँ...


नट्टू काका :- अरे आइए...एक से एक बढ़िया मोबाइल हैं..


मोहन लाल :- नट्टू काका जेठा भाई कहाँ गये..


नट्टू काका फोन दिखाते हुए..


नट्टू काका :- वो ज़रा....मार्केट गये हैं..कल गोआ जो जाना है उन्हे..


मोहन लाल :- अरे वो कल गोआ जा रहे हैं..बढ़िया है..


नट्टू काका :- केवल वो हे नही...सोसाइटी में से 12 जने जा रहे हैं..


मोहन लाल :- अच्छा.....

अपने मन में...क्यूँ ना में भी चला जाउ..वैसे भी सबके साथ घूम के आउन्गा

मज़ा आएगा...सुंदर सुंदर भाभियाँ भी होंगी वहाँ पर..


मोहन लाल :- नट्टू काका..टिकेट आ गई क्या..


नट्टू काका :- नही वो बाघा टिकेट लेने गया है..


मोहन लाल :- ये बाघा कौन है??


नट्टू काका :- मेरा भतीजा.....यहीं दुकान पे काम करता है.



मोहन लाल :- अच्छा तो नट्टू काका..उससे बोल के मेरी भी एक टिकेट करवा दो...और

उससे बोलना कि सोसाइटी में किसी को ना बताए....सूप्राइज़ देना है..


नट्टू काका :- अरे वाह...ये तो बहुत बढ़िया है...


में अभी फोन लगाता हूँ..


नट्टू काका :- हाँ बघा.....

और मोहन लाल की सारी बात बता देता है..


नट्टू काका :- हो गई टिकेट मोहन भाई...


मोहन लाल :- थॅंक यू नट्टू काका..


नट्टू काका :- तो फोन कौन सा पसंद आया...


मोहन लाल :- ये वाला दे दीजिए.....


बॅक टू स्टेशन..........(अब क्या फ्लॅशबॅक में ही रहोगे...Smile


ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ....सबके मुँह से ये ही बात थी..


तारक :- मोहन भाई..आपका सर्प्राइज़ बहुत अच्छा था...एक पल के लिए जेठालाल की तो

जान ही निकल गई थी..


दया :- टप्पू के पापा...ऐसा क्यूँ..


जेठालाल :- अरे कुछ नही डोबी...

चलो भाई चलो..ट्रेन में समान भी तो रखना है....


हाँ हाँ......और सभी ट्रेन में समान रखना चालू कर देते हैं.....


कुछ 20 मिनट बाद ट्रेन में समान अड्जस्ट हो जाता है....


टिकेट सेकेंड क्लास ए/सी की थी....जिसमे एक साइड 4 सीट्स होती हैं.....

और 2 सीट सामने होती है....तो ऐसे करके...सभी सीट्स बुक थी...


जेठालाल :- ये बाघा ने टिकेट अच्छी बुक की है...सब एक साथ..


तारक :- हाँ ये बात तो है...


अंदर डब्बे में हल्ला गुला मचा हुआ था...सभी लॅडीस और जेंट्स की बातों का...


और कुछ ही देर में ट्रेन चल पड़ी...


और सभी ने ईईईईईई...कर के चिल्लाया.....



टाइम हो रहा था इस वक़्त रात के 8 बजे.....


और ट्रेन अपनी पूरी रफ़्तार से चल रही थी...ये ट्रेन कोई लंबे रुट से जाती है.

इसलिए सुबह 6 बजे पहुँचने का टाइम था.....


सभी लोगों ने खाना खाना शुरू कर दिया था....

सभी ने हर्षो उल्लास से खाना खाया....

और कुछ ही देर में सभी ने खाना खा लिया.....


टाइम हो चुका था 9.....


जेठालाल बबीता....अईयर....दया माधवी और भिड़े....एक ही जगह बैठ के बात कर

रहे थे.....


जेठालाल तो बस बबीता पे नज़र चिपकाए रखा था....

चेहरे पे नही..उसके चुचों पे...

ट्रेन चलने की वजह से हिल रहे थे काफ़ी...वैसे भी उसने टाइट सा टॉप पहना

हुआ था....


बबीता की नज़र जब जेठालाल पर पड़ी..और उसने जब देखा जेठालाल कहाँ देख रहा

है...पहले तो वो थोड़ा सा शॉक हुई..कि सब यहाँ बैठे हैं...फिर कुछ देर

सोचने के बाद उसने एक हल्की सी स्माइल दे दी....


दया :- टप्पू के पापा चलिए ना सोते हैं...


जेठालाल घबरा जाता है...और वो फिर...अपनी नज़र हटा लेता है....


भिड़े :- हाँ अब सब सो जाते हैं....देखो दूसरी साइड..

सब सो गये...मेहता साहब..अंजलि..अब्दुल...रीता...मोहन भाई..सोढी..रोशन भाभी

सब सो गये....


जेठालाल :- भिड़े...तू यहाँ सबके नाम क्यूँ गिना रहा है..हमे पता है...वो सब

हैं हमारे साथ...

तुझे रात में भी कितनी पंचाट है...


भिड़े :- जेठालाल...डिसिप्लेन मीन्स डिसिप्लेन...


जेठालाल :- आई माधवी भाभी..इसको बोलो कि ये यहाँ ट्यूशन नही पढ़ा रहा...

भाई थोड़ा शांति रख...

मुझे भी पता है टाइम हो गया है सोने का...


अईयर :- हाँ तो चलो सो जाते हैं..


जेठालाल :- बबीता जी आप कहाँ पे सोएंगी...


अईयर :- क्या मतलब है जेठालाल तुम्हारा..


जेठालाल :- मेरा मतलब् है नीचे सोएंगी...या फिर उपर...

वो बबीता की तरफ़ देखते हुए कहता है..


अईयर :- ये क्या बोल रहे हो जेठालाल...


जेठालाल :- मेरा मतलब् है अईयर भाई..कौन सी सीट पे सोएंगी..


बबीता :- जेठा जी में..सोच..


अईयर :- में और बबीता...वो सामने वाली सीट्स पे सोएंगे...बबीता तुम उपर

वाली बर्त पे सोना..और मैं नीचे वाली बर्त पे...

जेठालाल की तरफ देखते हुए बोलता है..


जेठालाल अपने मन में...ये अईयर..को में छोड़ूँगा नही..एक बार गोआ तो पहुँचने

दो...फिर बताता हूँ इसे…


दया :- टप्पू के पापा...आप क्या सोच रहे हैं...चलिए सोना नही है..


जेठालाल :- हाँ भाई..हाँ..

तू कहाँ सोएगी..


दया :- में तो ये नीचे वाली सीट पे सो जाउन्गी...


दया लेफ्ट वाली सीट पे सोने के लिए बोलती है...


भिड़े :- में ये उपर सो जाउन्गा..माधवी तुम इधर नीचे सो जाना...


माधवी :- हूँ...


ये दोनो राइट साइड वाली सीट्स पे सोने का प्रोग्राम चलाते हैं..


जेठालाल :- तो ठीक है फिर..में उपर सो जाउन्गा..और क्या...


सब अपना बिस्तर बिछा लेते हैं...और सीट पे लेट जाते हैं....


जेठालाल उपर से नीचे उतरता है.....


उधर भिड़े और माधवी बात कर रहे थी...लेकिन एक दूसरे को देख नही पा रहे थे...


दया :- टप्पू के पापा..कहाँ जा रहे हो..इतनी रात को.


जेठालाल :- ट्रेन में क्रिकेट खेलने..


दया :- क्याअ...


जेठालाल :- अरे बाथरूम जा रहा हूँ भाई..तो सो जा..


दया :- ओह्ह...सोरररयी......


टू बी कंटिन्यूड.....!!!!!!!


,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


सभी ट्रेन में सोने की तैयारी कर रहे थे...भिड़े और माधवी बात कर रहे थे..

और जेठालाल बाथरूम जाने के लिए अपनी सीट्स से उठा था....अब आगे.....!!!!!


जेठालाल बाथरूम की तरफ़ बढ़ता है...


और गेट खोलने की कॉसिश करता है...लेकिन वो खुलता नही है..


जेठालाल :- क्या मुसीबत है....उःम्म्म...


वो ताक़त लगाने लगता है..


जेठालाल :- हाशह...खुल गया....


और घुस जाता है अंदर.....


अंदर हाथ धोते हुए...आईने के सामने खड़े होकर..


जेठालाल :- ये अईयर भाई का तो कुछ करना पड़ेगा....बड़े चालाक हो रहे हैं ना..

गोआ में पता चलेगा अईयरदी को...तब समझ आएगा....

चलो भाई अब चलते हैं सोने.....बहुत नींद आ रही है....


और वो दरवाजा खोलने लगता है...

दरवाजे को खिचता है...नही खुलता.....

दुबारा खिचता है...फिर भी नही खुलता....


जेठालाल :- अरे ये क्या मुसीबत हो गई भाई....खुल जा...

वो काफ़ी कॉसिश करता है...


कभी पैर लगा के....कभी दोनो हाथ लगा के....

पूरे चेहरे पे पसीना पसीना हो जाता है...


थक हार के वहीं जम्मीन पे बैठ जाता है...


जेठालाल :- हे भगवांन...ये क्या हो गया.....ये खुल क्यूँ नही रहा है.....

क्या सुबह तक यहीं बैठना पड़ेगा...नही.....


फिर कुछ सोचता है....


जेठालाल :- हाँ फोन...फोन मिलाता हूँ...


वो अपनी पॉकेट चेक करता है.....


जेठालाल :- ले...फोन....ओह्ह...फोन तो वहीं सीट पे रखा है....

ये कैसी परीक्षा ले रहा है तू मुझसे....

चलो आवाज़ लगा के देखता हूँ...


जेठालाल :- अरे कोई है..खोलो इसे....और वो दरवाजे पे मारता है....

कोई है.....प्लीज़ खोल दो......कोई है....


ऐसा करते करते करीब 45 मिनट गुज़र जाते हैं..लेकिन कोई नही खोलता दरवाजा...


जेठालाल अपने आप से.... मेने आप क्या बिगाड़ा है प्रभु.....हर बार मेरे साथ ही

ऐसा क्यूँ.....


जेठालाल :- अरे कोई है...इसे खोल दो प्लीज़......चिल्लाते हुए....


तभी उसे बाहर कुछ हल चल सुनाई देती है....


जेठालाल :- कोई है...भाई..खोल दो इसे.....


तभी बाहर खड़ा शख्स दरवाजे के काउंड को खोलने की कॉसिश करता है....


जेठालाल अनादर बैठा सोचता है हस्शह चलो कोई है...


और कुछ देर बाहर से मेहनत करने के बाद गेट खुल जाता है......और जेठालाल

ऐसे कूदते हुए बाहर आता है..जैसे कोई बंदर एक छत से दूसरी पे कुद्ता हो....


जेठालाल :- थॅंक यू भाई...थॅंक यू .... थॅंक यू...

आपको पता है..पिछले 1 घंटे से में इसके अंदर फसा हुआ हूँ....


स्टाफ :- भाई लेकिन ये गेट खराब है.....आप घुसे क्यूँ अंदर...यहाँ नोटीस तो

लगा हुआ है...देखा नही आपने...


जेठालाल :- लेकिन कहाँ पे लगा हुआ है...


स्टाफ :- अरे ये देखिए....हाँ लगा हुआ तो है...


और वो जेठालाल को वो नोटीस दिखाता है....


जेठालाल :- कमाल है तब तो नही था यहाँ...

थॅंक यू भाई...आप आ गये...नही तो पता नही क्या होता...इस गेट ने तो जान निकाल

दी थी मेरी....


वो आदमी चला जाता है…


जेठालाल अपने मन में....लेकिन ये नोटीस तब क्यूँ नही दिखा....


कुछ मिनट बाद वो अपनी बर्त के सामने पहुँच जाता है..उसका मूड बहुत खराब था...

वो देखता है सभी सो चुके थे....सबने मुँह तक रज़ाई ओढ़ रखी थी....

ए/सी से काफ़ी ठंड हो गई थी वहाँ.....


लेकिन जब उसकी नज़र दूसरी तरफ बढ़ती है....तो उसका सारा गर्म दिमाग़ ठंडा हो

जाता है....मगर उसकी एक चीज़ गर्म होने लगती है......


क्यूँ कि जब उसकी नज़र दूसरी साइड पे पड़ती है...तो बबीता अपनी सीट पे सोई पड़ी

होती है.....


और उसकी बॅक साइड जेठालाल के आँखों के सामने थी.......


उसकी पोज़ीशन कुछ इस तरह थी.....कि जेठालाल तो क्या..किसी का भी गरम होने

लगता....


बबीता की गान्ड सीट के बाहर की तरफ निकली हुई थी....उसकी गान्ड उसकी शॉर्ट्स में

इतनी बड़ी और गोल गोल लग रही थी..की कोई भी उससे दबाने के लिए टूट पड़े....

और उसकी शॉर्ट्स थोड़ा नीचे खिसक गई थी..जिसकी वजह से उसकी ब्लॅक पैंटी की

स्ट्रिप्स नज़र आने लगी थी....और एक दम गोर्रे रंग की गान्ड भी थोड़ी सी नज़र

आ रही थी...


और उपर से उसका टॉप पीछे से थोड़ा उपर हो गया था..जिसकी वजह से उसकी पीठ

आधी नंगी हो गई थी...

और उसकी गोरी गोरी...भरी हुई पीठ...जेठालाल की आँखों के सामने थी...


जिससे देख के जेठालाल का लंड लोहे की तरह...सीधा खड़ा हो गया था....


ऐसा लगा रहा था...जैसे खुद बबीता जी ने इन्वाइट किया हो....


जेठालाल सोचता है....कि आगे बढ़ के उसकी गान्ड को टच कर ली...लेकिन उससे वो

होता नही है..क्यूँ कि..उसे डर था..अगर बबीता जी चिल्ला पड़ी..और सब जाग गये

तो उसकी तो खैर नही.....


जेठालाल अपने मन में......अब क्या करूँ..ये बबीता जी ने इसमे जो आग लगा दी..इसे

कैसे भुजाऊ....

एक काम करता हूँ...


ये दया के पास चला जाता हूँ उसकी सीट पे जाके ही सो जाता हूँ...उसके साथ ही

थोड़े मज़े कर लूँगा....कोई कुछ बोलेगा भी नही...

लेकिन अगर वो चिल्लाई तो...

एक काम करूँगा....जाते ही उसके मुँह पे हाथ रख लूँगा....हाँ ये ठीक रहेगा....

फिर जेठालाल दया की सीट की तरफ बढ़ता है....

उसकी चादर सर तक धकि थी...बस उसकी नीचे से ग्रीन कलर की ड्रेस दिख रही

थी थोड़ी सी...

और वो ना तो तो पेट के बल लेती थी..ना पीठ के बल..वो अपने सर के नीचे

हाथ रख के लेती थी....मतलब ये कि जेठालाल की तरफ उसकी पीठ थी...


जेठालाल चादर के अंदर आराम से घुसता है....उसके उपर एक कंबल भी होता है.

वो उसे ढंग से उठाता है..और अपने उपर रख लेता है...फिर अपनी नज़र इधर

उधर दौड़ाता है....कि कोई देख तो नही रहा क्या...


जब उससे पूरी संतुष्टि मिलती है कोई नही देख रहा...फिर फ़ौरन से पूरा का पूरा

कंबल के अंदर घुस जाता है...और अपना मुँह भी अंदर कर लेता है...जिससे उसको

कोई देख के नही सकता था....


जेठालाल को महसूस हुआ कि दया जाग चुकी है वो फटाफट अपना हाथ उसके मुँह पे रख

देता है....


जेठालाल :- दया ये में हूँ ... टप्पू के पापा...


दूसरी तरफ से सिर्फ़...उन्न्न..उन्न्ञन्..की आवाज़ आ रही थी....


जेठालाल :- दया ... मेने सोचा अभी कुछ मज़े किए जाए...मेरा बुरा हॉल है नीचे

से.....


और अपना दूसरा हाथ ले जाके....उसके चुचों पे रख देता है...और उन्हे आराम

आराम से दबाने लगता है...


उसका एक हाथ अभी भी मुँह पर ही था.....क्यूँ कि वो नही चाहता था..कि दया ज़रा

सी भी आवाज़ निकाले.....


उसके हाथ चुचों पे लगातार चल रहे थे......लेकिन अब कुछ तेज़ी से दबा रहा था..


जेठालाल :- दया मेरे लंड की मालिश कर दे....देख कैसे फुदक फुदक के बाहर

आने की कॉसिश कर रहा है...


वो कुछ नही करती पास चुप चाप लेटी रहती है...


जेठालाल :- अरे कर ना...

लेकिन फिर जेठालाल अपना हाथ चुचों से हटा के.....दया का हाथ पकड़ के....

अपने पाजामे के उपर से लंड पे रख देता है....और ज़ोर से उसका हाथ लंड पे दबा

देता है...


जेठालाल के मुँह से हल्की सी अहह निकल जाती है...


जेठालाल :- दया इसे ऐसे ही...मसल बहुत तड़प रहा है ये...और अपना हाथ हिलाता

रहता है....अहह...दया...मज़ा आ रहा है...


चल एक मिनट रुक...और हाथ रुक जाता है...


और फिर अपनी कॅप्री का बटन खोलता है...और दया का हाथ खिच के...अंदर

लंड पे रख देता है....


जेठालाल :- हाँ अब हिला इसे.....


लेकिन फिर वही वो लंड पे हाथ रख देती है....लेकिन हिलाती नही है..


जेठालाल :- क्या हुआ है तुझे....

अच्छा डर लग रहा है....तू टेंशन मत ले...किसी को पता नही चलेगा...तू हिला...


फिर भी नही हिलाती..


जेठालाल :- अच्छा तो तू चाहती है...पहले तेरी चिकनी चूत को अच्छी तरह से मसल

दूं...

चल ठीक है....पहले तेरी चूत को थोड़ा चिकना कर देता हूँ...


और फिर जेठालाल अपना हाथ ले जाके....दया की सलवार के उपर से चूत को मसल्ने

लगता है...


जैसे ही चूत मसली जाती है...उधर लंड पे रखा दया का हाथ...चलने लगता है...

और वो लंड को मसलने लगता है..


जेठालाल :- आहह....अच्छा तो तेरा एंजिन चूत से शुरू होता है..हहेः...


अब जेठालाल उसकी सलवार का नाडा खोलने लगता है....


लेकिन दया सिर हिला के मना करने की कॉसिश करती है..


जेठालाल :- कुछ नही होगा डोबी....तू टेंशन क्यूँ ले रही है...


और फिर वो नाडा खोल देता है......और सीधे नंगी चूत पे हाथ फिरानी लगता है.


जेठालाल :- दया तेरी चूत पे तो आज बाल नही है...क्या बात है...गोआ के लिए

पूरी अच्छे से तैयारी कर के आई है....


और अब जेठालाल दया की चूत के अंदर अपनी दो उंगलियाँ डाल के...अंदर बाहर करने

लगता है.....और वो भी अब बहुत मस्त हो चुकी थी....लंड पे रखा हाथ...बड़ी तेज़ी

से लंड पे चल रहा था....वो लंड को आगे पीछे कर रही थी.....


जेठालाल की हाथों की स्पीड काफ़ी बढ़ गई थी...और वो चूत में 3 उंगलियाँ डाल

के अंदर बाहर कर रहा था...

दया के मुँह से सिर्फ़..उःम्म्म्ममममममम...उःम्म..उग्गग..उन्न्न्न्....जैसी अज्जीब आवाज़ निकल

रही थी....

उसका थूक निकल के जेठालाल के हाथ पे आ गया था...

फिर भी जेठालाल ने अपना हाथ नही हटाया..क्यूँ कि वो जानता था..दया पागलों की

तरहह आह उहह करेगी.....


नीचे से पूरी चूत गीली हो चुकी थी..जेठालाल को भी बड़ा मज़ा आ रहा था...

दया की टाँगें...पूरी सीधी थी..और हिल रही थी....क्यूँ कि जेठालाल दया

की टाँगों के बीच में से चूत के अंदर उंगलियाँ डाल रहा था....


जेठालाल :- दया अब मुझसे रहा नही जा रहा रहा....अब तेरी चूत को चखने के लिए

बेताब है मेरा लंड......


दया अपनी गर्दन हिला के मना करती है.....

वो जेठालाल का हाथ पकड़ के..अपनी चूत पे ले जाती है....और इशारा करती है

कि ऐसे ही करता रहे...


जेठालाल :- अरे मेरी रानी..उंगलियों से तेरा क्या होगा..तू क्यूँ चिंता कर रही है

भाई...कुछ नही होगा..में हूँ ना...तू बस मज़े ले...


और फिर वो उसका हाथ अपने लंड से हटा के....दया का सलवार और नीचे करता है.


और अपने लंड को दया की चूत पे सेट करता है..


जेठालाल :- ले....अब देख कितना मज़ा आएगा...ट्रेन में तेरी चुदाई...


और एक धक्का लगाता है...लेकिन लंड फिसल जाता है...क्यूँ कि वो पोज़ीशन सेक्स के

लिए इतनी आसान नही थी..


लेकिन अगली बार जब वो धक्का मारता है..तो लंड का सुपाडा अंदर चला जाता है..


फिर वो एक और धक्का मारता है...और इस बार आधा अंदर चला जाता है..


दया उछल पड़ती है....और उसका मुँह अब कंबल से बाहर आ जाता है.....


जेठालाल :- लगता है...दया को ट्रेन में चुदाई करने में ज़्यादा मज़ा आ रहा है..


और फिर एक और धक्का मारता है...और पूरा का पूरा अंदर चला जाता है…

दया के मुँह से...बस..धीरे से..उहणंनननननननननननननननणणन्...

ही निकलता है....


जेठालाल :- दया...आज तो मज़ा आएगा....अहह..


और धक्के लगाने लगता है....

और एक बाद एक धक्के लगने शुरू हो जाते हैं...


ट्रेन चलते वक़्त तो हिल रही थी...तो डबल झटके मिल रहे थे दया को जेठालाल के

हिसाब से...


वो तेज़ी से लंड अंदर बाहर कर रहा था...और दया भी अपनी गान्ड पीछे कर के...

मरवा रही थी...वो भी भरपूर मज़ा ले रही थी सेक्स का....


और कुछ धक्कों के बाद....दया ने अपनी गान्ड हिलानी बंद कर दी....इससे जेठालाल

को पता चल गया कि वो झड चुकी है...


जेठालाल :- बसस्स दया...कुछ और मिनट...अहह.....ओह्ह्ह्ह...


और कुछ धक्के लगाने के बाद वो भी झड गया अंदर ही चूत में......और अपना

सारा रस चूत के अंदर के डाल दिया....

और अपना हाथ भी हटा लिया दया के मुँह से....


और और देर अपनी साँस को सही करने के बाद...उठा..


जेठालाल :- अच्छा दया में जा रहा हूँ...


दया कोई रेस्पॉन्स नही करती....


और जेठालाल उठ के चला जाता है..अपनी सीट पे......


टू बी कंटिन्यूड........!!!!!!!!

जेठालाल मस्त अपने लंड को शांत कर के अपनी सीट पे चला गया था....अब आगे....!!


जेठालाल सोते हुए अपने आप से बोलता है..


जेठालाल :- हश्ह्ह...मिल गई शांति...मज़ा आ गया....

अब सुबह देखता हूँ इसको तो...छोड़ूँगा नही....


और फिर वो भी सो जाता है....


सुबह के 5 बजे....


सभी उठ चुके थे ...और बात कर रहे थे.....सिर्फ़ एक जने के...जी हाँ आप

सभी जानते हैं....एक ही कुम्भ्करन है इस सोसायटी का...जी हाँ हमारे जेठा भाई

साहब....मस्त सो रहे थी...


दया :- टप्पू के पापा...ऊ टप्पू के पापा...उठ जाइए....गोआ आने वाला है..


जेठालाल :- हाँ बॅस...5 मिनट...और सोने दे ना..


सभी नीचे बैठे सीट पे हँसने लगते हैं...


दया :- मेहता साब आप उठाइए ना...


तारक :- हाँ भाभी...अभी उठाता हूँ....


तारक जेठालाल को उठाने में लग जता है...


भिड़े जो कि सामने वाली पे बैठा था...उसके बगल में अईयर...और सोढी बैठे थे


मोहन लाल अब्दुल....ठीक उन सब के सामने वाली सीट पे बैठे थे...


अब्दुल के सामने..रीता माधवी..बबिता..और अंजलि बैठी थी...


रोशन वॉशरूम गई हुई थी....


दया और तारक दोनो जेठालाल को उठाने में लगे हुए थे...


और आख़िर कर....कुछ मेहनत मशक्कत करने के बाद उन्होने जेठालाल को उठा ही लिया..


अईयर :- ये जेठालाल..छी...यहाँ पर भी सोना ही सोना है...


भिड़े :- सही बोलते हैं चाचा जी ... कुंभकरण....हाहहहः....


अईयर :- हाहहः....सही बात है..


सोढी :- अरे क्या तुम दोनो क्यूँ जेठाप्रा के पीछे पड़ गये हो सुबह सुबह...


जेठालाल अपनी सीट से उतर जाता है...और जहाँ कल रात उसने चुदाई की थी...वहाँ

आके बैठा जाता है..तारक और दया के साथ...


अईयर :- क्यूँ जेठालाल कल कुछ ज़्यादा मेहनत की थी...जो इतनी देर से उठाने पे भी

नही उठे...हहहहहाहा.....

जेठालाल :- अईयर भाई.....गुराते हुए...

शांत रहो भाई सुबह सुबह....कल रात जो मेरे साथ हुआ अगर में सबको बता दूं

तो सब समझ जाएँगे कि क्यूँ इतनी देर तक सोता रहा...


दया :- क्यूँ ऐसा क्या हुआ??


जेठालाल :- तू तो ऐसे बोल रही है जैसे तुझे कुछ नही पता...


दया :- मुझे ... मुझे क्या पता...


जेठालाल :- अच्छा..झुटि...


दया :- सच में टप्पू के पापा..मुझे कुछ नही पता कि आप क्या बोल रहे हैं...


जेठालाल गहरी सोच में चला जाता है....


जेठालाल अपने मन में....ये क्या...दया जो बोल रही है..वो सच बोल रही है या फिर

झूठ....कहीं ये ड्रामा तो नही कर रही...इसी से पूछता हूँ....


जेठालाल :- अच्छा दया तुझे..कल रात इस सीट पे मज़ा आया सोने में...


दया :- नही आया...


जेठालाल :- क्यूँ??


दया :- क्यूँ कि में सामने वाली सीट पे सोई थी.....हहेहेहेहेहेहेः....


जेठालाल के तो तोते उड़ जाते हैं............उसके मुँह से निकलता है...क्या


जो सब लोग सुन के चौंक जाते हैं...


तारक:- क्या हुआ जेठालाल...


जेठालाल होश में आता हुआ...


जेठालाल :- कुछ नही मेहता साब...


और फिर चला जाता है अपने आप से बात करने के लिए..


जेठालाल :- ये क्या हो गया ....अगर कल रात यहाँ दया नहीं थी तो कौन थी....

हे भगवान इस बार तुमने मुझे किस मुसीबत में डाल दिया है....अब क्या होगा..


कौन था वो जिसके साथ कल मेने मज़े लिए.....ये क्या हो गया....एक काम करता

हूँ सबके चेहरे देखता हूँ....क्या पता किसी के चेरे पे कुछ समझ आ जाए....

और वो एक एक करके सबके चेहरे देखने लगता है...सबसे पहले वो रीता को देखता है..

लेकिन वो नॉर्मल लग रही थी...और अब्दुल से बात कर रही थी...

फिर उसने अंजलि की तरफ देखा...तो वो भी मस्त कोई मॅग्ज़िन पढ़ रही थी...

बबीता जी तो नही थी..क्यूँ कि उनको तो मेने उधर सोते हुए देखा था....

फिर वो देखता है माधवी को....वो भी मस्त दया से बात कर रही थी....

जब वो देखता है रोशन कहीं नही दिखाई दे रही है..तो वो घबरा जाता है.....

लेकिन जब उसे रोशन वहाँ से आती दिखाई देती है..तो उसके मन को राहत मिलती है.

क्यूँ कि उसके चेहरे पे भी स्माइल थी...और वो भी ठीक लग रही थी...


फिर वो सोचता है...आख़िर कौन हो सकता है....और उसने कल क्यूँ कुछ नही बोला..

अरे हाँ बोलती भी कैसे ...मेने उसके मुँह जो बंद कर रखा था...

तो फिर कौन हो सकता है.....

लगता है..अब फाइयर ब्रिगेड को पूछना पड़ेगा...

या फिर दया से पूछ लूँ....नही अगर उसको कुछ शक़ हो गया..तो लेने के देने पड़

जाएँगे..

पर मेहता साब से भी कैसे पूछूँ....

एक काम करता हूँ..गोआ पहुच के ही आराम से बात करूँगा मेहता साब से...


तारक :- भाई जेठालाल क्या हो गया...क्यूँ सोच में डूबे जा रहे हो....

और क्या हुआ कल रात को.....


जेठालाल :- कुछ नही वो मेहता ..


अईयर भाई को चैन कहाँ है..उनको तो मज़े लेने की आदत है....


अईयर :- क्यूँ जेठालाल कल बहुत ज़्यादा मेहनत की है..हाहहहः...


जेठालाल अपने मन में...ईयादी....तुझे तो में देख लूँगा...


अईयर :- बबीता मेरी वॉच तुम्हारे पास है....

कल से मिल ही नही रही है..तुम्हारे पास है....


बबीता :- नही अईयर...मेरे पास तो नही है...तुमने मुझे कब दी..


अईयर :- ओहो...पता नही कल से मिल ही नही रही है.....


वॉच मेरे पास है..........एक आवाज़ आती है....

जब अईयर उस आवाज़ की तरफ देखता है...तो उसके होश उड़ जाते हैं....


अईयर :- जेठालाल तुम्हारे पास कैसे....आई मेरी वॉच...


जेठालाल :- बता दूं अईयर भाई....


सोढी :- दसो जेठा प्रा क्या हुआ...


भिड़े :- हाँ तुम्हारे पास कैसे आई..


जेठालाल :- तो आप सब जानना चाहते थे...ना कि कल रात मेरे साथ क्या हुआ...


सभी की नज़र जेठालाल पे चिपकी पड़ी थी…


सभी की नज़र जेठालाल पे चिपकी पड़ी थी...


जेठालाल :- कल मैं पूरे 1 घंटे बाथरूम में बंद था.....


तारक :- क्या...


दया :- हे माँ माताजी.......टप्पू के पापा कैसे....


भिड़े :- कैसे....


बबीता :- ओह गॉड....


रोशन :- आई खुदाई...


माधवी :- अगू बाई....


तारक :- जेठालाल कैसा फसे और तुमने बताया क्यूँ नही तभी किसी को....


जेठालाल :- मेहता साब...आप सब को रात में क्या तकलीफ़ देता..


बबीता :- जेठा जी अपनो को थोड़ी कोई तकलीफ़ थोड़ी देता है....


ये बात सुन के तो जेठालाल का सीना फूले नही समा पा रहा था....


(बॅकग्राउंड म्यूज़िक में......आईए छोरी...)


जेठालाल :- ऐसी बात नही है...वो सब सो गये थे इसलिए...वैसे मुझे पता है.

कि आप मेरे अपने हैं…


बबीता :- क्या..


जेठालाल :- नही मेरा मतलब है..आप सब मेरे अपने ही तो हैं..


भिड़े :- वो सब छोड़ो जेठालाल...लेकिन ये बताओ...तुम वहाँ फसे कैसे..


जेठालाल :- ये अईयर भाई की वजह से.....


सबके मुँह से एक ही बार में निकल जाता है.....क्याआआआ....


और अईयर शॉक हो जाता है.....


(बॅकग्राउंड म्यूज़िक .... आऐअयूऊओ....)


बबीता :- अईयर की वजह से...लेकिन कैसे..


जेठालाल :- वो आप इन्ही से पूछिए......


क्यूँ अईयर भाई कल अपने ही वहाँ से वो नोटीस हटाया था ना...


अईयर की तो सिट्टी बिटी गुल हो जाती है..


दया :- अईयर भाई..अपने ऐसा क्यूँ किया...आपका टप्पू के पापा ने क्या बिगाड़ा था...

कोई ऐसा थोड़ी करता है...हम सब एक ही सोसायटी में रहते हैं..


जेठालाल :- अरे तू चुप रह ना भाई...


बबीता :- बोलो अईयर...क्या जेठा जी सही बोल रहे हैं...


अईयर :- घबराते हुई....हा.न..ब..बिता वो जेठालाल...सही बोल रहा है...मेरी..वजह

से वो अंदर बंद हुआ था...


तारक :- अईयर तुम्हारा दिमाग़ तो खराब नही है...अगर जेठालाल को कुछ हो जाता तो..

तो तुमने सोचा है कितनी बड़ी मुसीबत हो जाती..


अईयर :- लेकिन में तो जेठालाल के साथ बस छोटा सा मज़ाक कर रहा था मेहता साब..


बबीता :- मज़ाक...इसे तुम मज़ाक कहते हो अईयर....पूरा 1 घंटा जेठा जी बाथरूम में

फसे हुए थे...अगर उहहे कुछ भी हो जाता तो में उनको कैसे फेस कर पाती....


जेठा जी आइ आम एक्सटरेमली सोर्री...अईयर की वजह से जो भी आपको तकलीफ़ हुई उसके लिए

में माफी चाहती हूँ..


और तुम अईयर अब में तुम्हसे बात नही करूँगी.....

ट्रिप के शुरू होने से पहले तुमने मेरा मूड कराब कर दिया..


अईयर :- बबिता...वो..


इस बार जेठालाल बीच में रोक देता है..


जेठालाल :- बबीता जी इसमे आप क्यूँ सॉरी बोल रहे हैं...और आप अपना मूड मत खराब

कीजेए...मुझे कुछ नही हुआ है...आप एंजाय करो...वैसे भी आपको गोआ बहुत पसंद

है....कोई बात नही कभी कभी अईयर भाई भी बच्चे बन जाते हैं..

मेरे खातिर आप अपना मूड ठीक कर लीजेए...रेक़ुएस्ट...


ब्बैइटा :- ओके...बट में अईयर से अभी बात नही करूँगी..


जेठालाल :- हाँ वो चलेगा....


इस बात पर सब हँसने लगते हैं..सिवाय अईयर के..


सोढी :- लेकिन जेठा प्रा..तुम्हे कैसे पता कि ये अईयर ने किया है..


जेठालाल :- वो सोढी हुआ यूँ....


चलते हैं कल रात की हुई घटना पर....


जेठालाल बाथरूम से जब बाहर निकला था...और उसने देखा कि वहाँ नोटीस लगा हुआ है

जबकि ज्ब वो बाथरूम के अंदर गया था तो उससे ऐसा कोई नोटीस नही लगा था...

तभी उसकी नज़र वहाँ पड़ी हुई घड़ी पे गई...जब उसने उठा के देखा.. तो उसे

याद आया कि ये घड़ी तो अईयर भाई की है.....तब उससे यकीन हो गया कि ये अईयर भाई

ही हैं जिन्होने मुझे यहाँ अंदर बंद करवाया...


कल से बाहर आ जाओ..सब..


ओह.....सब के मुँह से यही निकलता है..


तारक :- वो ठीक है...लेकिन जेठालाल अईयर ने ये सब किया कब..


जेठालाल :- वो तो आपको अईयर भाई ही बताएँगे....


भिड़े :- अईयर फिर तुम बताओ....


अईयर :- वो हुआ यूँ.....


तारक :- वो ठीक है...लेकिन जेठालाल अईयर ने ये सब किया कब..


जेठालाल :- वो तो आपको अईयर भाई ही बताएँगे....


भिड़े :- अईयर फिर तुम बताओ....


अईयर :- वो हुआ यूँ.....


सुनते है कहानी.....लेकिन इस बार अईयर की ज़ुबानी..


जब में बाथरूम से निकल रहा था....तो मेने गेट से देखा कि जेठालाल आ रहा है..

तो मेने देखा सामने......

वाले बाथरूम के दरवाजे पर..एक नोटीस चिपका हुआ है..


कि प्लीज़ इस बाथरूम को यूज़ ना करे..क्यूँ कि इसका गेट ठीक नही है..


तो मेने सोचा कुछ मस्ती हो जाए...जेठालाल के साथ..


मेने वो नोटीस हटा दिया....और छुप गया...वापिस अपने बाथरूम में...


और जैसा कि में चाहता था ... जेठालाल सीधे उसबाथरूम में घुस गया...


मेने सोचा थोड़ी देर अंदर रहेगा तो मज़ा आएगा....


में फ़ौरन बाहर आया...और फिर से वो नोटीस वही दुबारा से लगा दिया....


लगा के थोड़ी देर में वहीं खड़ा रहना चाहता था..लेकिन अचनाक से टीटी आ गया..

और टिकेट चेक करने को बोलने लगा...


मेने उससे कहा..कि मेरी टिकेट चेक हो चुकी है....लेकिन वो माना ही नही...


वो तो कल जब टिकेट चेक हो रही थी...तो बाइ चांस टिकेट मेरे पास ही थी..

में उस टीटी को अपने साथ ले गया टिकेट दिखाने के लिए.....


और इन सब चक्कर में भूल ही गया कि जेठालाल को में अंदर बाथरूम में ही बंद

कर दिया है.....


तारक :- वेरी रॉंग अईयर...तुमने जो किया वो ठीक नही किया..तुम एक साइंटिस्ट होके

ऐसे गड़बड़ी करोगे मुझे उम्मीद नही थी...


बबीता :- मेहता जी..ईज़ राइट अईयर...यू डू दिस लाइक आ चिल डू...

मुझे तुमसे ये उम्मीद नही थी..


अईयर :- सॉरी बबिता...


बबीता :- सॉरी मुझे नही..जेठा जी को कहो..


अईयर :- सॉरी जेठालाल..आइ आम एक्सट्रीम्ली सॉरी..


जेठालाल :- कोई बात नही अईयर भाई..


तभी अनाउन्स्मेंट होती है...


ट्रेन ईज़ अबाउट टू रीच गोआ इन 2 मिनट...


सभी लोग ह्युयीई...करने लगते हैं...सिवाय दो जनो की...


दया और जेठालाल..


दया :- टप्पू के पापा...ये सब चिल्ला क्यूँ रहे हैं..और वो अभी ट्रेन वाली मेडम ने

क्या बोला..


जेठालाल :- क्या मालूम...ट्रेन में भी इंग्लीश...


तारक :- चली जेठालाल..समान निकालना शुरू करो..


जेठालाल :- लेकिन मेहता साब..अभी हम पहुचे कहाँ है..


तारक :- अरे अभी तो अनाउसमेंट हुई..कि 2 मिनट में गोआ आने वाला है..


जेठालाल :- अच्छा तो ये बोली..

दया वो ये बोली थी...


दया :-अरे वाहह...


और इस बार ये दोनो चिल्लाने लगते हैं....सब इनको देख के हैरान होते हैं...


और फाइनली गोआ आ जाता है....


सभी लेडीज़ बाहर निकल जाती है पहले...


और जेंट्स समान निकालने लगते हैं....


सारा समान उतारने के बाद...जेठालाल सबसे लास्ट में ट्रेन से निकलता है..


और अपने मन में बोलता है...


जेठालाल :- एक कची मानुष से पंगा लेना तुझे बहुत महँगा पड़ेगा तुझे अईयर...


और हाँ ये भी बोलता है...


लेकिन अईयर को रास्ते पे लाने के बाद....वो कल कौन सी लेडी थी.जिसकी कल मेने

ट्रेन में जबरदस्त चुदाई कर दी..मेहता साब से ये बात भी करनी पड़ेगी..


तारक :- ऊओ जेठालाल क्या वापिस मुंबई जाने का इरादा है क्या....

जल्दी आओ...ट्रेन में क्यूँ खड़े हो..


जेठालाल :- नही भाई..नही..मुंबई अभी नही जाना....अभी तो बहुत कुछ करना है..

आता हूँ.....


और ट्रेन से उतर के वो भी सबके पीछे चल देता है...स्टेशन से बाहर निकल के

गोआ में मज़े करने ....


में एक बात कहना कहूँगा....यूँ समझ लीजेए एक बार फिर से एक फिलोसफी

देना चाहता हूँ...


हमे मज़ाक सिर्फ़ एक हद तक करना कहिए किसी के साथ....कई बार ये मज़ाक सामने

वाले के लिए बहुत दुखदाई बन जाता है...कई बार बहुत मुसीबत भी आ जाती है..

हमे सिर्फ़ उतना मज़ाक करना चाहिए किसी के साथ...की सामने वाले को उससे तकलीफ़ ना

हो..उसे उस मज़ाक से कोई परेशानी ना हो... किसी के साथ भी ऐसा हो सकता है..

या फिर ऐसा मज़ाक हुआ हो अब सब के साथ कभी...


जैसे कि अईयर ने किया...अगर कोई गेट नही खोलता तो क्या पता क्या हो जाता जेठालाल

के साथ....


अब सब सोच रहे होंगे..कि ये इन भाई साहब को क्या हो गया है..स्टोरी में कोई

हॉटनेस्स तो ला नही रहे हैं....और यहाँ फिलोशपी झाड़ रहे हैं...


लेकिन में ये बताना चाहता था ...


होप मेरी फिलोसफी से आप परेशान नही हुए होंगे....


टू बी कंटिन्यूड.......!!!!!!!!!!!


आख़िर कार सभी लोग गोआ पहुच चुके थी....कुछ बाथरूम में बंद होके...तो

कुछ रात में ट्रेन में चुदाई का खेल खेलके....लेकिन ठीक ठीक सही सलामत..

पहुँच गये थे.....


सभी स्टेशन से बाहर आते हैं......


और गोआ की मस्त ठंडी हवा को महसूस करते हैं...


सोढी :- वाहह भाई..वाहह...जेठा प्रा क्या मस्त जगह का आइडिया दिया था तुमने....

यहाँ आके ऐसा लग रहा है...जैसे जन्नत में आ गये हों..


मोहन लाल :- सोढी भाई...अभी तो आप सिर्फ़ गोआ के स्टेशन तक पहुँचे हैं...जब

आप सब मेरे गोआ रिज़ॉर्ट में चलोगे तो फिर देखना कितना मज़ा आता है...


जेठालाल :- क्याअ...रिज़ॉर्ट..मोहन लाल भाई..आपका रिज़ॉर्ट है यहाँ..


मोहन लाल :- हाँ....और वो भी कोई ऐसा वैसा नही....एक दम आलीशान है...देख के

पता चलेगा आप सब को...


तारक :- फिर तो बड़ा मज़ा आने वाला है...


अब्दुल :- मोहन भाई...मैने सुना है गोआ के बीच बहुत अच्छे होते हैं...क्या हम वहाँ

पे चलेंगे..


भिड़े :- अरे तुम टेन्षन मत लो अब्दुल...गोआ में ज़्यादातर बीच ही हैं...


अंजलि :- सारी बातें आप सब लोग यहीं करोगे..कि चलना भी है.


रीता :- हाँ चलो अब...खड़े खड़े मेरे पैरों में दर्द हो रहा है…


जेठालाल :- हाँ तो ठीक है...चलो..

ऊओ टॅक्सी....हाँ भाई तू...


मोहन लाल टॅक्सी वाले से बात करता है.....और ये फ़ैसला होता है कि 3 टॅक्सी करेंगे

जिससे आराम से सभी जा सकें...


पहली टॅक्सी में आगे की तरफ भिड़े...पीछे माधवी..सोढी.....और रोशन...


दूसरी टॅक्सी में...बैठने के लिए.....


हुआ यूँ .. कि सबसे आगे बेत गये... तारक...


पीछे पहले बैठी दया...उसके बाद अंजलि और फिर बैठी बबिता....


अईयर और जेठालाल टॅक्सी के आगे की तरफ खड़े थे...


जब अईयर को लगा अब जेठालाल बैठने के लिए आगे बढ़ रहा है...तो फ़ौरन आगे

भागने लगा जिससे वो बैठ जाए....


लेकिन उससे ये कहाँ पता था...कि . सामना जेठालाल से है..जो पहले से ही उससे..

खुन्नस में था....उसने अपना पैर आगे कर के उसे टॅग्डी दे दी जिससे अईयर

पीछे वाले गेट से कुछ ज़्यादा आगे निकल गया..और तीसरी टॅक्सी के पास पहुच गया..

एक बार तो गिरते गिरते बचा....


(बॅक . म्यूज़िक ... आयूऊ...)

और इसका फ़ायदा उठाया जेठालाल ने ..और वो जाके बैठ गया..बबीता जी की बगल

में........


अंदर बैठे मेहता साब ने बोला....


तारक :- अरे अईयर भाई संभाल के...इतनी जल्दी में क्यूँ हो..कहीं गिर जाते तो

मुसीबत हो जाती..


अईयर :- मेहता साब...ये जेठालाल ने मुझे अपने पैर से टंगड़ी दी...जिसकी वजह

से..में यहाँ आ गया...


जेठालाल :- अईयर भाई मेने..कब...(अपना मासूम चेहरा बनाते हुए..)


अईयर :- जेठालाल झूठ मत बोलो..तुम..


बबीता :- बीच में बोलते हुए...एनफ इस एनफ अईयर...तुम जेठा जी के पीछे क्यूँ

पड़े हो...


अईयर :- लेकिन बबिता..


बबीता :- आइ डोंट वॉंट तो लिसन एनितिंग..तुम जाओ और पीछे वाली टॅक्सी में जाके

बैठ जाओ....


जेठालाल की तो ट्यूनिंग स्टार्ट हो जाती है.....


( बॅक जी. में....आई छोरिरी......)


जेठालाल :- बबीता जी कोई बात नही..आप गुस्सा मत कीजिए....

अईयर भाई आप जाके शांति से बैठ जाओ...


अईयर गुस्से में आगे बढ़ता है...उसकी नज़र जेठालाल पर ही थी...

और इसकी सज़ा उससे मिल जाती है....वो सीधा जाकर तीसरी टॅक्सी के गेट से टकरा

जाता है....


अंदर बैठे .... रीता और अब्दुल ने गेट खोल रखा था..जिसकी वजह से वो टकरा

जाता है...


अईयर अपने आप को संभालते हुए....अंदर बैठ जाता है....आगे की तरफ मोहन लाल

बैठा होता है....जो टॅक्सी वाले को चलने के लिए बोलता है..


बाकी आगे की दोनो टॅक्सी आगे जा चुकी थी.....


जिस टॅक्सी में जेठालाल बैठा था....उसमे में पीछे अंजलि दया और बबीता भी

बैठी थी....तो सोचिए...कि ये 4 कैसे बैठ के गये होंगे....

चलीए वो भी जान लेते हैं....


दया के बाद अंजलि बैठी थी..उसके बाद बबिता...और बबीता से चिपका जेठालाल...

पीछे 4 जनों की जगह ना होते हुए भी...वो लोग बैठे थे..

दया और अंजलि तो दोनो लेडीज़ थी...उन दोनो ने तो अड्जस्ट कर लिया...लेकिन

रही बात बबीता की...तो उसे तो अब बहुत कुछ सहना था...क्यूँ कि बगल में मिस्टर

जेठालाल जो बैठे थे...


वो तो ठहरे गोल मटोल..जगह भी ज़्यादा लेंगे..लेंगे क्या..ले रहे थे...

बेचारी बबिता...वो तो बुरी तरह पिस रही थी बीच में...


बबीता पीछे होके बैठी थी..और जेठालाल आगे होके बैठा था...जिसकी वजह से

उसकी हाथ की कोहनी..बबीता के बड़े बड़े चुचों के उपर थी....

और बबीता पूरी तरह उसके हाथ को अपने चुचों पे एहसास कर रही थी...


और जेठालाल को भी अपने हाथ के नीचे बड़ी नरम चीज़ का आभास हो रहा था...

और वो जानता था कि ये क्या है...

इसकी वजह से उसके नीचे रेंगता साँप अब फनफनाने लगा था..


अपने मन में जेठालाल..


जेठालाल :- अरे ओ .. ज़रा थोड़ी देर शांत रह....

मुझे पता है बहुत मुश्किल है..क्यूँ कि बबीता जी के ये चुचे जो मेरे हाथ को छू

रहे हैं...अगर थोड़ी देर ऐसे ही हाल रहा...तो ये फनफना के खड़ा हो जाएगा..

और अगर बबीता जी ने देख लिया तो मेरी तो इज़्ज़त का फालूदा हो जाएगा…


वो ये सोच ही रहा था...कि टॅक्सी ने स्पीड में टर्न लिया...जिसके कारण उसकी कोहनी..

बबीता के चुचों में बुरी तरह धँस गई...

पूरी की पूरी चुचि अंदर घुस गई थी.....

टर्न की वजह से जेठालाल बबीता के उपर भी गिरा...और अपने आप को सम्हालने के लिए

जेठालाल का एक हाथ...बबीता की चूत के बिल्कुल साइड पे पड़ा..और काफ़ी गहरा दबाव

पड़ गया...


बबीता के मुँह से एक..ज़ोर से...अहह....निकल गई....


ये सुन के जेठालाल की तो गान्ड फट गई...उससे लगा अब बबीता जी बता देंगी...


अंजलि :- व्हाट हॅपन बबिता??


दया :- क्या हुआ बबीता जी..


तारक भी पीछे मुड़ा..


तारक :- क्या हुआ बबीता जी..


जेठालाल ने अपना हाथ तो हटा लिया था..चूत के उपर से..लेकिन उसकी कोहनी वैसी ही

थी....वो बबीता के फेस को एक टक देखे जा रहा था..कि अब क्या बोलेंगी बबीता जी..


लेकिन जब बबीता ने जवाब दिया....तो जेठालाल के तो होश ही उड़ गये...


वो बबीता ने बोला कुछ ऐसा था कि...


बबीता :- वो अंजलि भाभी...वो एक दम से टर्न आया ना...तो में आपको उपर गिरी...

और जेठा जी का पैर मेरे पैर के उपर गिर गया..जिसकी वजह से में चीख पड़ी...


अंजलि :- ओह्ह..मेने सोचा पता नही क्या हो गया..


दया :- टप्पू के पापा..देखा आपकी वजह से बबीता जी को लग गया..


जेठालाल :- हाँ दया...सही बोल रही है..

सॉरी बबीता जी...आइ आम वेरी सॉरी..वो पता ही नही चला कब मेरा पैर आपके पैर के

उपर गिर गया....


बबीता :- इट्स ओके जेठा जी...मुझे कुछ नही हुआ है..


जेठा की घंटी बजती हुई...


(बॅक ग्राउंड.म्यूज़िक... अहन्ंनननननननननणणन्...)


जेठालाल अपने मन में...बबीता जी ने सच नही बोला...इसका मतलब ये कि वो भी मज़े कर

रही थी....नही नही...ऐसी बातें वो सबके सामने नही बता सकती थी..इसलिए नही

बोला होगा...

लेकिन में क्या करूँ..बबीता जी के ये इतने सुंदर और बड़े बड़े चुचे..तो अभी भी

मेरे हाथ के नीचे दबे पड़े हैं....

अगर मेहता साब..ने देख लिया तो बहुत खिचाई करेंगे मेरी...


फिर वो तारक को देखने लगता है....लेकिन उसका ध्यान तो सिर्फ़ बाहर की चीज़ों पे होता

है....वो खिड़की से बाहर देख रहा होता है..


जेठालाल को ये देख के राहत मिलती है...


जेठालाल अपने मन में..


जेठालाल :- हॅश....चलो मेहता सहब तो नही देख रहे.....लेकिन अंजलि भाभी..और दया भी

तो हैं...एक बार उसको भी देख लेता हूँ....


और वो फिर उन दोनो की तरफ देखता है.....


दया तो काफ़ी ज़्यादा खुश थी...और अंजलि को बाहर दिखा दिखा के पूछ रही थी......


जेठालाल :- हस्स्सश......हर तरफ से रास्ता क्लियर है...कोई टेशन नही है...बबीता जी की तरफ भी

देखूं क्या एक बार...नही नही....

चलो एक बार देख ही लेता हूँ....


और वो अपनी गर्दन धीरे धीरे...स्लोली स्लोली...बबीता की तरफ मोड़ता है....और देखने

लगता है.....


बबीता के गाल एक स्टॉबिरी की तरह बिल्कुल लाल थे...आँखों में एक अजीब चीज़ नज़र आ रही

थी...पहचानना मुश्किल था..कि क्या हो रहा है....और वो सिर्फ़ सामने देख रही थी...


जेठालाल बबीता को देख के वापिस अपनी गर्दन सीधी कर लेता है...उसे कुछ समझ नही आ रहा

था..बबीता का चेहरा देख के....वो फिर से अपनी सोच में डूब गया..


ये बबीता जी...को देख के समझ नही आया..कि वो क्या चाहती है...उनको अच्छा लग रहा है..या फिर..

वो इसका बदला बाद में लेगा…


इतना सोच ही रहा होता है...कि इस बार भी एक शार्प टर्न आता है.....


लेकिन इस बार उल्टा होता है.....


इस बार बबीता जेठालाल की साइड गिरती है.......


और इस बार चीख जेठालाल के मुँह से निकलती है.............अहह

और साथ हे साथ बबीता के मुँह से भी निकली..लेकिन उसकी आवाज़ थोड़ी लो थी....आह.ओह्ह..

और ये चीख बबीता की चीख से ज़्यादा बड़ी होती है.......(पहली वाली चीख की बात कर रहा हूँ)


पता है क्यूँ.....तो अभी बता देता हूँ...वो हुआ यूँ था..शार्प टर्न की वजह से जब

बबीता उसके उपर गिरती है....जिसके कारण उसके चुचे जेठालाल की कोहनी की वजह से और ज़ोर

से दब जाते हैं....इस बार दोनो चुचों पे हमला होता है...और वो किसी नरम गद्दे

की तरह अंदर धँस जाते हैं...जिसकी वजह से बबीता के मुँह से निकलती है आह.ओह्ह...


और जेठालाल के मुँह से वो बड़ी सी अहह..इसलिए निकलती है...कि जब बबीता उसके उपर गिरती है..

तो अंजाने में उसका एक हाथ..जेठालाल के बिल्कुल खड़े तने लंड पे जाके गिरता हैं..

और वो उसे इतनी ज़ोर से पकड़ लेती है...कि जेठालाल की तो चीख ही निकल जाती है....

ऐसा लगता है..जैसे जेठालाल के लंड को अपने हाथों से कुचल दिया हो बबीता ने...


हाँ अब पता चल गया..तो वापिस चीख वाले किस्से पे आते हैं...


जैसे ही बबीता को एहसास होता है...कि उसका हाथ कहाँ है..वो फ़ौरन हटा लेती है....


तारक पीछे मूड के देखता है...


दया :- टप्पू के पापा क्या हो गया...आप क्यूँ चिल्लाए...


तारक :- क्या हुआ जेठालाल...


जेठालाल मुँह बनाते हुए....


( बॅक ग्राउंड . म्यूज़िक में......बच्चे के रोने की आवाज़....)


(सॉरी में उसे वर्ड्स में डिस्क्राइब नही कर सकता...आप सब खुद इमॅजिन कर लेना..)


बबीता अपने मन में..


बबीता :- ओह्ह गॉड....अगर जेठा जी ने बता दिया..तो ये सब क्या सोचेंगे....


तारक :- बोलो जेठालाल...


बबीता की नज़र जेठालाल पे थी....

उसकी आखों में डर था..


जेठालाल अपने दिमाग़ को चलाते हुए...जो उस वक़्त काम बड़ी मुश्किल से कर रहा था..


जेठालाल :- वो मेहता साब...ये हॅंडल चुभ गया..


तारक :- ओह....

ये टॅक्सी वाले भाई...ज़रा आराम से चल ना भाई...बार बार..पीछे से आवाज़ें आ रही है...


टॅक्सी ड्राइवर :- जी सर..सॉरी..अब ध्यान से चलूँगा..


पीछे बैठी बबीता को एक लंबा सुकून मिला...और उसने जेठालाल की तरफ देखा..


उसी टाइम जेठालाल ने भी..बबीता की तरफ देखा..


बबीता के गोरे गोरे चिक्स..इस वक़्त ऐसे लग रहे थे...जैसे किसी ने रेड पैंट लगा दिया

हो...जेठालाल की आँखों में अभी भी लस्त था...मगर बबीता उसे नही देख सकती थी...


फिर बबीता अपनी गर्दन घुमा लेती है...और जेठालाल भी...


बबीता अपने मन में..


बबीता :- जेठा जी का वो..पूरा का पूरा खड़ा था.....

लेकिन क्यूँ?

श में भी कितनी पागल हूँ...उनके हाथ मेरे इतने सेक्सी बूब्स पर हैं...तो खड़ा तो

होगा हे...जब उस दिन माल में अंजलि भाभी...का वो हाल हो गया था..तो जेठा जी

तो एक आदमी है..उनका ये हाल तो होना ही था..


वैसे कितना बड़ा और मोटा है जेठा जी.का...

और फिर दया की तरफ अपनी गर्दन घूमाते हुए..

अपने मन में ही..वाह दया भाभी..क्या किस्मत पाई है..आपने...आपको तो मज़े आ जाते

होंगे..जब जेठा जी का ये लंड आपके अंदर जाता होगा...


ये सब सोचते सोचते...बबीता के चेहरे के एक सेडक्टिव स्माइल आ जाती है....

इश्स वक़्त हो बहुत गरम हो चुकी थी...

और वो क्या इस वक़्त कोई भी औरत इतनी गरम हो जाती...पहले चुचियों पे हाथों का

वार..उसके बाद चूत पे हाथों का दबाव...और खुद के हाथों से एक मजबूत लंड का

एहसास.....

इस वक़्त वो ये नही सोच रही थी...कि वो किसी की पत्नी है...वो बस इतना ही सोच रही थी...कि

वो एक औरत है..और जो शारीरिक तौर से भूखी है...बॅस...यही चल रहा था उसके दिमागमें......


बबीता के दिमाग़ में इस वक़्त सिर्फ़ ये चल रहा था...की वो एक औरत है..किसी की पत्नी

नही.....उसे अपने शरीर की आग को शांत करना था...


और आज इस वक़्त..इश्स समय...वो जिस हाल से गुजर रही थी...कि उससे अपने आप को रोका

नही जा रहा था....


जेठालाल की कोहनी.....तो बबीता की लेफ्ट चुचि पे थी इस वक़्त ...और उसे दबा रही थी...


बबीता की आँखें बंद हो चुकी थी...और वो अपना सिर पीछे सीट से टिका के बैठ गई..

थी.....


उसकी आग भड़कती जा रही थी..उससे सहा नही जा रहा था....जेठालाल के बार बार उसके

चुचे पे हाथ चलने ... से वो किसी और ही दुनिया में चली गई थी.......


जेठालाल को पूरा एहसास था..कि उसकी कोहनी चुचों से रगड़ खा के..उन्हे दबा रही

है...

लेकिन वो करता भी क्या......उसके तो मज़े थे....बबीता ने कोई भी विरोध नही किया था...


उसने कुछ सोचा...और अपनी गर्दन पीछे बबीता की तरफ मोडी......और उसने बबीता को

आँखें बंद कर के ...पीछे टेक लगाया हुआ पाया.....


जेठालाल की भी तो हालत खराब थी...आख़िर कार...उसके शरीर में भी तो गर्मी पैदा हो

रही थी....उससे भी रहा नही जा रहा था...लेकिन उससे पता था वो कुछ नही कर सकता....


उसने दया और अंजलि की तरफ देखा...

वो दोनो अभी भी...वैसे ही अपनी ही मस्ती में थी....

तारक की तरफ नज़र घुमाई...वो भी अपनी ही धुन में था.......


जेठालाल ने कुछ सोचा.....

जिस पोज़िशन में जेठालाल और बबीता थे...उस वक़्त सोच का दायरा बस इतना ही होता

है....कि किस तरह अपनी इस प्यास को भुजा सकें....


राइट अभी भी वैसे ही थे...उसके हाथ नीचे ठीक

बबीता की नाभि के आगे..और चूत के सामने....और उसके हाथ की कोहनी..उसके लेफ्ट चुचे को

दबा रही थी..


उसने अपना लेफ्ट हाथ धीरे धीरे आगे बढ़ाया......

और बदाते बढ़ाते....

उसने बबीता की लेफ्ट जाँघ के उपर रख दिया....


बबीता की आँखें फ़ौरन खुल गई....

क्यूँ कि उसने शॉर्ट्स पहन रखे थी...और उसकी नंगी जाँघ पे ठंडे हाथ पड़ने से वो

चौंक गई.....


जेठालाल ने जैसे ही हाथ रखा...उसने एक बार फिर से बबीता की तरफ देखा...

और उसकी आँखों में देखने लगा....


जेठालाल की तो ट्यूनिंग स्टार्ट हो गई.......

(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक...आहान्ंनननननननननणणन्)


इस वक़्त बबीता की आँखों में बस उसे यही दिखाई दे रहा था...कि वो उससे कह रही हो...


कि जेठा जी..प्लस्स...रुकिये मत...आपको जो करना है..जैसा ठीक लगता है..वैसा कीजिए...में

आपको नही मना करूँगी....आज आपने मेरे अंदर एक नयी किसम की आग पैदा की है....

इसे भुजने ना दो....


जेठालाल उसकी आँखों की बातों को अच्छी तरह समझ गया....उसने अपनी गर्दन आगे की

तरफ मोड़ ली....

लेकिन बबीता ने.....अपनी आँखें बंद नही की....

वो अपनी आँखों से देखना चाहती थी...कि जेठालाल क्या करता है.....


जेठालाल ने अब अपना काम शुरू कर दिया.....

उसने अपने हाथ को उसकी जाँघ पे चलाना शुरू कर दिया....

बहुत कोमल एहसास था....

वो अपने हाथ जांघों पर फिराता और घुटनो तक पहुचता...


बबीता ना चाहते हुई भी...उसे अपनी आँखें बंद करनी पड़ी....

उसका हल्का सा मुँह खुला हुआ था.....


जेठालाल ने अब दो तरफ़ा वार किया...एक हाथ चल रहा जाँघ पे..और अपनी कोहनी..से दाब

रहे चुचे...


बबीता की पीठ हल्की सी हवा में उठ रही थी..........


एक अजीब सी खामोशी थी....इस वक़्त टॅक्सी में.....तारक तो अपना सर पीछे टिकाए आँखें

बंद के लेटा था...

अंजलि और दया बाहर के नज़ारे देख रही थी.......


इधर जेठालाल और बबिता....दोनो एक दूसरे को प्यार बाँट रहे थे...लेकिन बिना कुछ बोले...

बिना किसी को इशारा दिए....लेकिन बस एक दूसरे को प्यार बाँट रहे थे...


लेकिन ये खामोशी ज़्यादा देर नही चली....और टूट गईईयी...............


एक बहुत ही तेज़ी से ब्रेआकककककककककककक लगा टॅक्सी का....और सब के सब आगे की तरफ

लूड़क पड़े........


और इस बार भी पीछे से आवाज़ आई.....


और इस बार आवाज़ में कुछ बदलाव था.......


बबीता के मुँह से और जेठालाल के मुँह से एक साथ ही चीख निकली............


अवववववववववववववववववववववववववव..ओह...

अहह...


दया और अंजलि भी आगे की तरफ लुड़की...लेकिन उनके मुँह से इतनी तेज़ आवाज़ नही निकली.....


आगे तारक को भी झटका लगा...वो भी आगे की तरफ गिरा....आह...बस उसके मुँह से इतनी

ही आवाज़ निकली.......


तारक फ़ौरन पीछे मुड़ा.....


तारक :- जेठालाल..बबीता जी क्या हुआ......


बबीता के गाल बिल्कुल लाल थे....जैसे किसी ने रेड लिपस्टिक से चेहरा भर दिया हो.....

जेठालाल की तो शक़्ल...की बॅंड बज चुकी थी..


(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक........फ्लश चलने वाली आवाज़...) (डिस्क्राइब नही कर सकता...आप सब इमॅजिन कर लीजिए)


दया :- हाँ टप्पू के पापा...इस बार क्या हुआ आपको...


जेठालाल :- अपनी शकलें बनाते हुए.....

टॅक्सी ड्राइवर पे चढ़ गया....

आई भाई..कैसे चला रहे हो तुम...अभी किसी को ज़्यादा लग जाती तो…


ये बात सुन के सबका दिमाग़ डाइवर्ट हो गया.....और वो भी टॅक्सी ड्राइवर पे चढ़ गये...


तारक :- आई भाई...तुझे कौन सी भाषा में समझाऊ......

कैसे चला रहा है भाई........


टॅक्सी ड्राइवर :- भाई साहब..क्या करूँ आगे वाले ने एक दम ब्रेक लगा दी..


तारक :- अरे तो तू कम स्पीड में चला ना भाई....अभी किसी को लग जाती तो...बेकार

में तो हमारे टूर को सत्या नाश करने में लगा है....


थ्डा पॉज़ हो के....

फिर से बोलना शुरू करता है..


तारक :- अभी देखा ना तूने...कैसे कैसे आवाज़ें निकल रही है.....आहह..ओह्ह्ह...कर रहे हैं..

अब अगली बार ढंग से चलाओ भाई....नही तो पता नही और कौन से किसम की आवाज़ें सुनने

को मिलेंगी...


टॅक्सी ड्राइवर :- जी सर...अब में अच्छे से चलूँगा..और आपको सही सलामत छोड़ दूँगा..आप

टेंशन मत लो..हमारा रोज़ का काम है..


तारक :- भाई तो ढंग से चला....नही तो पीछे की आवज़ों से में पागल हो जाउन्गा..


उस तरफ जेठालाल मन में..


जेठालाल :- हाशह...किसी ने पूछा नही..कि ऐसे क्यूँ चिल्लाए....


इतना सोच ही रहा होता है...कि बॅस..


दया :- अरे टप्पू के पापा...आप क्यूँ चिल्लाए थे इतनी तेज़....क्या हुआ आपको..


जेठालाल अपने मान में....

ये दया को भी चैन नही है.....


जेठालाल कुछ बोलता उससे पहले बबीता बोल पड़ती है...


बबीता :- वो क्या है ना दया भाभी...ब्रेक लगने की वजह से में एक पैर जेठा जी के

पैर के पंजो के उपर पड़ गया..और कुछ ज़्यादा ज़ोर से पड़ा..जिसकी वजह से हुआ....


दया :- ओह्ह अच्छा....


जेठालाल बबीता को देखते हुए.....अपने मन में...

वाह बबीता जी वाह...क्या दिमाग़ पाया है आपने...कितनी बखूबी से बचाया है मुझे..

सलाम है आपको...


बॅस वो इतना सोच ही रहा था कि फिर से...


दया :- लेकिन बबीता जी आपको क्या हुआ था..आप क्यूँ ऐसे चीखी थी....


बबीता को कुछ समझ नही आया कि क्या बोले..

इस बार उसकी मदद जेठालाल ने की.....


जेठालाल :- दया....कितने सवाल करती है तो...अब ब्रेक लगा तो बबीता जी डर गयी ....एक दम

से अचानक हुआ ना सब कुछ....तू शांति से बैठ ना भाई..


दया :- ओह्ह सॉरी....


बबीता ने जेठालाल की तरफ देखा..

और अपने मन में...


वाहह जेठा जी...वाह...क्या आइडिया निकाला आपने...मान गये आपको...सलाम करने का मन कर रहा है

आपको.....कमाल है.....


देखा आप सब ने.....


खुद को बचाने के लिए इनके पास कोई भी आइडिया नही थी....लेकिन एक दूसरे को बचाने के

लिए उन दोनो के पास कुछ था.....

ये किस तरीके का अट्रॅक्षन है......

अट्रॅक्षन है...या कोई प्यार.....

पता नही.....ये तो दोनो ही जानते हैं....

हाँ मगर कुछ तो है....इन दोनो के बीच.....तभी वो एक दूसरे को समझ पा रहे हैं...


अरे हाँ वो तो में आप सब को बताना ही भूल गया.....

कि हुआ क्या था जो दोनो की एक साथ ऐसी भयानक चीख निकल गई.....


तो हुआ यूँ था...


चलिए चलते हैं फ्लॅशबॅक में....लेकिन बस थोड़ी देर पहले का....चलें फिर..इंतजार किस

बात का...


एक दम ब्रेक लगने की वजह से हुआ यूँ था..


ब्रेक लगने की वजह से बबीता आगे की तरफ गिरी...


और सबको पता ही है...की जेठालाल की कोहनी बबीता के चुचों के उपर थी.....तो वो जैसे

ही आगे की ओर गिरी....उसके दोनो चुचे जेठालाल की कोहनी में धँस गये...पूरे के

पूरे चुचे ऐसे दब गये जैसे किसी ने संतरा निचोड़ दिए हों....उसकी वजह से बबिता

को थोड़ा दर्द हुआअ...इसलिए वो चिल्लाई...


चुचे दबने के कारण..साइड की तरफ से बबीता के टॉप में से बाहर होने को हो रहे थे..

मानो अभी साइड पूरा टॉप फट जाएगा...


नही नही....यही एक वजह नही थी...उसके चिल्लाने की...


अगर आप सब को याद होगा...तो जेठालाल का हाथ बबीता की चूत के सामने था...

तो हुआ यूँ..आगे आने की वजह से चुचों का तो जूस निकल ही गया...

लेकिन चूत के सामने हाथ होने की वजह से...

जेठालाल का हाथ...बबीता की चूत के उपर आ गया...

और उसकी चूत बुरी तरह से पिस गई जेठालाल के हाथों की वजह से.....

जेठालाल ने हाथ से मानो चूत को जान बुझ के निचोड़ दिया हो....किसी कपड़े की

तरह......


तो यही वजह थी बबीता के चिल्लाने की..


लेकिन कहीं मत जाइए....अभी जेठालाल की भी तो बारी है…


तो जब बबीता आगे की तरफ को गिरी......तो वो जेठालाल के हाथो का

सपोर्ट लेना चाहती थी...लेकिन उसका हाथ फिसल गया...और जाके

सीधा पड़ा जेठालाल के लंड पे एक बार फिर्र...


लेकिन इस बार केवल लंड नही....उसके अंडकोष भी पकड़ लिए...

कहने का तात्पर्य ये है...कि पूरा लंड जड़ से पकड़ लिया..था...और उसे ऐसे

निचोड़ दिया...जैसे कोई छोटा बच्चा बलून को ज़ोर से दबा देता है..जिसके

कारण बलून फट जाता है...

वो तो शूकर है..कि बबीता ने फ़ौरन हाथ हटा लिया..नही तो....जेठालाल के लंड का

हाल भी ....हाहहहहहः.... आगे आप समझ ही गये होंगे....


चलीए बाहर निकल जाते हैं फ्लॅशबॅक से...


बबीता परेशान.....

उधर..

जेठालाल भी परेशान....


बबीता इसलिए परेशान थी..क्यूँ कि उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था...

आधी पैंटी गीली हो गई थी उसकी...

और जेठालाल इसलिए परेशान ..क्यूँ कि उसका लंड दर्द कर रहा था..लेकिन अभी भी वैसा

ही खड़ा था...और अपना पानी निकालने को बेताब था.....


तारक :- भाई..ये रिज़ॉर्ट और कितनी देर में आएगा.....

पीछे बैठने में तकलीफ़ हो रही होगी...

क्यूँ हैं ना जेठालाल..


जेठालाल तो सोच में डूबे पड़े थे...उन्होने ने ध्यान ही नही दिया...


तारक :- जेठालाल...


जेठालाल होश में आते हुए..


जेठालाल :- हाँ मेहता साब..


तारक :- पीछे . में कोई तकलीफ़ तो नही है..


जेठालाल :- नही नही..कोई तकलीफ़ नही है....एक दम आराम से बैठे हैं...


तारक मन में...


तारक :- हाँ भाई..तुम्हे क्यूँ कोई तकलीफ़ होगी...बबीता जी के साथ जो बैठे हो...

और ये सोचते सोचते उसके चेहरे पे एक मुस्कान आ जाती है....


तारक :- हाँ भाई..बताया नही कब तक आएगा..


टॅक्सी ड्राइवर :- बॅस..15 मिनट और साहब..


टॅक्सी ड्राइवर की ये बात सुन के बबीता थोड़ी उदास हो जाती है...

क्यूँ कि वो चाहती थी..कि वो पूरा झड जाए..अपना पूरा पानी निकाल दे..

जेठालाल के हाथों की वजह से....


लेकिन वो क्या कर सकती थी...यूँ सबके सामने तो नही निकलवा सकती थी...

लेकिन उस वक़्त होश में कौन होता है...


बबीता ने धीरे धीरे..अपने हाथ..जेठालाल के हाथ के उपर रखे...


जेठालाल एक बार तो बबीता के हाथ का स्पर्श पके..घबरा गया..लेकिन दूसरे ही

पल...उसने अपनी गर्दन घुमा के देखा बबीता की तरफ....और मुस्कुरा दिया..


इस बार बबीता की ट्यूनिंग शुरू हो गई..


(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक .... आईए छोरी......)...


बबीता ने हाथ हटा लिया...और पीछे गर्दन कर ले लेट गई....

और अपनी गर्दन जेठालाल की तरफ करली...जिससे कि उसकी आवाज़ सिर्फ़ जेठालाल की सुन पाता और

कोई नही...


जेठालाल की तो हिम्मत ही नही हो रही थी..कि वो अपना हाथ उसकी चूत पे ले जाके उसको

सहलाए...

इसलिए उसने...अपना हाथ जाँघ पे रख के उसे सहलाता रहा..

और अपनी कोहनी को अब सिर्फ़ बबीता की ताने हुए निपल्स पे फिरा रहा था.....

सिर्फ़ निपल के सेन्सुयेशन टच हो रही थी....


वो ऐसे शो कर रहा था...जैसे अंजाने में हो रहा हो....


बबीता इस प्राहर को सह ही नही पाई....पता नही उसे क्या हुआ....उसे कंट्रोल नही हुआ..

ये सहेना....निपल्स की टीज़िंग उससे बर्दष्त नही हुई...और वो झड गईई.....


उसके मुँह से हल्की से आह....निकल गई..और अपनी आँखें बंद कर ली.......

जो जेठालाल ने सुन ली....


और...


जेठालाल अपने मन में...

बबीता जी आप तो अपना रस बहा के... संतुष्ट हो गई..लेकिन मेरा क्या हाल है ये

में ही जान सकता हूँ..

लेकिन कोई बात नही...आप खुश तो में खुश......


तभी तारक बोला और जेठालाल को होश आ गया..


तारक :- अरी वाहह देखो जेठालाल रिज़ॉर्ट आ गया..


जेठालाल भी रिज़ॉर्ट को देखता है..उसकी तो आँखें फट जाती है...

उसकी क्या सबकी आँखें फट गई...रिज़ॉर्ट देख के....

............................


बबीता और जेठालाल टॅक्सी में भरपूर मज़े ले चुके थे....देखा जाए..

तो बबीता ने ज़्यादा मज़े लिए थे....उसने तो अपना रस तक बहा दिया

था....बट बेचारा जेठालाल का हाल वैसा ही था.....

इतने में रिज़ॉर्ट आ जाता है........


सभी लोग टॅक्सी में से उतर के आते हैं......


सबके मुँह से ....


तारक :- वाहह भाई वाह...क्या मस्त रिज़ॉर्ट है .. हैं ना अंजलि..


अंजलि :- हाँ सच में....


जेठालाल :- सही बात है मेहता साब....


दया :- मज़ा आ जाएगाआअ..........


भिड़े :- मज़ा आएगा यहाँ तो..


माधवी :- आगूओ बाई...मस्त जगह है...


बबीता :- वॉट आ लव्ली प्लेस..........


रोशन :- हाँ बावा...ये तो होटेल से भी अच्छा है...


सोढी :- हाँ रोशन मेरी जान....मज़ा आएगा.....


मोहन लाल :- तो आप सब यही खड़े रहेंगे..कि चलेंगे भी अंदर..


बता दूं..कि रिज़ॉर्ट कैसा था..

फिलहाल तो अभी हम सिर्फ़ फ्रंट ही देख सकते हैं.......


सामने से देखने में..


रिज़ॉर्ट काफ़ी बड़ा लग रहा था...

मस्त चका चक..बाहर से वाइट मार्बल की फ्लॉररिंग थी.....

एंट्री गेट से अंदर घुसो..तो बीच में एक फाउंटन बना हुआ था...

साइड में कोकनट जैसे ट्रीस लगे हुए थे..


हरियाली ही हरियाली थी चारो तरफ...


सभी लोग चल के अंदर पहुच जाते हैं....

अंदर रिसेप्षन पे एक सुंदर सी लड़की खड़ी होती है..उसकी उमर कोई लगभग

24 या 25 साल की लग रही थी.......


रेसेपटॉनिस्ट :- हेलो मोहन सर..हाउ आर यू??


मोहन लाल :- हेलो रीता....


रीता.......सोसायटी वाली रीता आगे निकली....


मोहन लाल :- ओह्ह हाँ रीता...इसका नाम भी रीता है...


जेठालाल :- अरे ये तो बड़ा कनफ्यूज़िंग हो गया....

दोनो का नाम रीता...

एक न्यूज़ रिपोर्ट करती है...दूसरी कमरे की रिपोर्ट करती है....

हाहहहहः


सभी हंस पड़ते हैं....ये बात सुन के.......


मोहन लाल :- रीता..मुझे वो जो स्पेशल कमरे हैं...उसकी कीस चाहिए....


रीता (रिसेप्सनिस्ट.) :- ओके सर .


मोहन लाल :- और हन्न्न.....किसी गेस्ट को भी उस साइड के कमरे मत देना....


रीता (रिसेप्सनिस्ट.) :- ओके सर...बट में तो आ सकती हूँ ना...


मोहन लाल :- स्योर...तुम्हे तो आना ही पड़ेगा..तुम्हारे बिना तो गाड़ी आगे ही नही

चलेगी............


रीता (रिसेप्सनिस्ट.) :- मुस्कुराते हुए.....जी सर…


मोहन लाल :- स्योर...तुम्हे तो आना ही पड़ेगा..तुम्हारे बिना तो गाड़ी आगे ही नही

चलेगी............


रीता (रिसेप्सनिस्ट.) :- मुस्कुराते हुए.....जी सर...


और फिर वो ड्रॉयर में से कीस निकालती है...और मोहन लाल को दे देती है..


भिड़े :- तो चलें फिर्र.....

समान उठा ते हैं....


रीता (रिसेप्सनिस्ट.) :- सर आप सब अपने रूम्स में जाइए...अभी समान आपके कमरे में

पहुच जाएगा...


भिड़े :- अच्छा..लेकिन ..मेडम..उसके चार्ज कितने होंगे..


जेठालाल :- आई भाई....तो कहाँ पे आया है....मोहन लाल भाई के साथ ना..

और रिज़ॉर्ट में आया है...

क्या फालतू बात करता है भाई तू....


तारक :- जेठालाल भिड़े..अपने ज़माने की बात कर रहा है..हाहहः...


और सब ये सुन के हँसने लगते हैं...


भिड़े :- नही वो तो में..


जेठालाल :- नही वो तो क्या...तू चल ना भाई....

क्यूँ बेकार में टाइम वेस्ट कर रहा है....


सोढी :- हाँ भाई चलो.....


और सब चल पड़ते हैं मोहन लाल के पीछे.....


मोहन लाल :- देखिए आप सब पहले एक कमरे में चलिए....

में आपको वहाँ से इस रिज़ॉर्ट का बॅक साइड दिखाउन्गा....


अब्दुल :- क्यूँ ऐसा क्या स्पेशल है पीछे.....


मोहन लाल :- पहले चल तो सही....


सीडियो से चलते हुए...सब फर्स्ट फ्लोर पे पहुचते हैं.....और उसके बाद...

एक गली में से होते हुए...बॅक साइड पे पहुच जाते हैं.......

फिर वहाँ से एक और छोटी सी गॅलरी लेफ्ट साइड से जा रही थी.....

थोड़ा चलने के बाद.... सामने वाली साइड पे...लाइन मे कमरे बने हुए थे.....


ऐसा लग रहा था...एक मानो ये हिस्सा सभी कमरों से अलग हो.....

लेकिन अगर गॅलरी के लास्ट में जाके अगर देखे...तो एक गेट था...उसपे ताला

लगा हुआ था....शायद ऐसा कोई स्टोर रूम हो.....


ऐसा लग रहा था...एक मानो ये हिस्सा सभी कमरों से अलग हो.....

लेकिन अगर गॅलरी के लास्ट में जाके अगर देखे...तो एक गेट था...उसपे ताला

लगा हुआ था....शायद ऐसा कोई स्टोर रूम हो.....


मोहन लाल :- तो चलें..में आप सब को दिखा देता हूँ....रिज़ॉर्ट के पीछे

का नज़ारा.....


जेठालाल :- हाँ हाँ चलो...


और फिर मोहन लाल के पीछे एक एक कर के घुस जाते हैं.......


क्या लाजवाब कमरा था....


घुसते ही..बगल में बाथरूम का डोर...


आगे चल के राइट साइड में..डबल बेड का आलीशान पलंग...

ठीक उसके सामने...एलईडी टीवी.... उसके पीछे..वॉल पेपर्स लगे हुए थे..


कुल मिला के लग ही रहा था..कि कोई वीआईपी कमरा हो.....

चलते चलते सभी बाहर आ जाते हैं...बरामदे में.....


और वहाँ का नज़ारा देख के सबके मुँह से बॅस यही निकलता है.....वाहह....


अरे उनके मुँह से क्या मेरे मुँह और आप सबके मुँह से यही निकलता...नज़ारा..

ही कुछ ऐसा था वहाँ का......


सामने एक पूल...जिसकी लंबाई काफ़ी ज़्यादा बड़ी थी...

2फीट से लेकर 6 फीट.....

स्वीमिंग पूल में काफ़ी लोग तेर रहे थे.........

स्वीमिंग पूल के दोनो साइड...बड़े बड़े ट्रीस थी.....बड़ी बड़ी झाड़ियाँ थी...

कुछ छोटी सी जगह बनी थी...शायद कुछ देर वहाँ जाके रिलॅक्स कर स्के..

एकांत में....


रिलॅक्स करने के लिए थी या फिर...कुछ और करने की..हाहहहहः.....

हाँ वहाँ आराम से किसी की भी चुदाई हो सकती है...कोई देख भी नही पाएगा....

बॅस..आह..औहह....की आवाज़ें सुन पाएगा....हहेहेहेहेः


इंडियन्स तो थे ही...लेकिन गोरी मेम भी तेर रही थी......


आजू बाजू...रेलक्शिंग कुर्सियाँ पड़ी थी..उन पर..गोरी गोरी..मस्त बिकनी

पहने....गोरी गोरी औरतें..और लड़लियाँ लेटी पड़ी थी....


कुछ फ़ोरनर्स...स्वीमिंग पूल के साइड में चल रहे थे.....


मतलब एक तरीके से .. वहाँ बैठ कर आराम से किसी का भी 2 या 4 घंटा निकल जाए...


ये तो कुछ नही....उसके ठीक सामने....स्वीमिंग पूल का बाप.....


जी हाँ...सामने एक मस्त...बीच था......


जहाँ पे बहुत सार लोग थी....कुछ तो समुंदर में नहा रहे थे...

कुछ वही रेत पे लेटे पड़े थे....

कुछ लोग वहाँ बोट में घूम रहे थे...

कुछ आयिलिंग करवा रहे थे....धूप सेकते हुए.....


क्या नज़ारा था....मस्त मस्त पतली टाँगों वाली...सेक्सी बॉडी वाली गोरी मेम...

बीच में चल रही थी.....

मस्त सभी आँखे सेक रहे थे......


सभी जेंट्स का ये सीन देख कर....नीचे तंबू बन गया था....


और ..सबकी बीवियों ने ये नोटीस कर लिया...कि ये सब क्या देख रहे हैं...


सभी ने अपनी कोहानियों से .. अपने अपने.पति की कमर पर मारा...


औचह.....

अहह....


ऐसी कुछ आवाज़ें निकली.....लेकिन एक को छोड़ के...वो थे अईयर भाई..

बबीता तो उनसे दूर खड़ी थी...काफ़ी नाराज़ लग रही थी...

क्या होगा अईयर का इस टूर पे....बेचारे को एक मज़ाक महँगा पड़ रहा है...


तारक बात को संभालते हुए..


तारक :- मोहन भाई...क्या रिज़ॉर्ट है आपका...मज़ा ही आ गया...


जेठालाल स्वीमिंग पूल के पास चल रही एक फ़ोर्नर को देखते हुए बोलता है...


जेठालाल :- सही बोल रहे हो मेहता साब..बहुत मज़ा आने वाला है..


सोढी :- यार मुझसे तो अब रहा नही जा रहा..


भिड़े :- सोढी सबर रख...सबर...


अब्दुल :- क्यूँ ना हम सब चलें..स्वीमिंग पूल में....

धूप भी मस्त हो रही है..मज़ा आ जाएगा..


सभी अब्दुल की बात को सुन के उसकी तरफ देखते हैं...


अब्दुल :- घबराते हुए...में तो बस आइडिया दे रहा हूँ...बाकी जो आपकी मर्ज़ी...


भिड़े :- अरे अब्दुल तूने तो मेरे मुँह की बात छीन ली....


माधवी :- आपको बड़ी जल्दी है जाने की...


(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक.....भिड़ेईईईईई..)


अंजलि :- हाँ तारक....बड़ा तेरने का मन कर रहा है..


दया :- हाँ क्यूँ नही मन करेगा....गोरी मेम..जो हैं वहाँ पर...(चिड़ते हुए..)


रीता :- में तो तैयार हूँ.......


जेठालाल :- ये हुई ना बात.........


तारक :- अंजलि यहाँ हम मस्ती करने तो आए हैं....अब तुम ऐसे क्यूँ बोल

रही हो...


अंजलि :- अरे में तो मज़ाक कर रही हूँ........चलो चलते हैं..


सभी युपीीईई....बोल के नीचे स्वीमिंग पूल के पास चलने लगते हैं...


लेकिन तभी बीच में बोलती है..


दया :- अरे लेकिन हमारे कपड़े कहाँ है...


जेठालाल :- अरे हाँ....कपड़े तो बॅग में है..और बॅग तो अभी आए ही नही..

मोहन भाई....वो आप ज़रा पूछो कि बॅग कहाँ हैं अभी तक नही आए.....


मोहन लाल :- जेठा भाई..आप सब टेशन मत लो....

आप सब स्वीमिंग पूल के पास चलो तो सही पहले…


भिड़े :- लेकिन मोहन भाई..इन कपड़ों में कैसे स्वीमिंग करेंगे...


जेठालाल :- भिड़े तू क्या फालतू समझ रहा है मोहन भाई को...जब उन्होने

कहा..नीचे चलो..तो चलो भाई...क्यूँ इतना..परेशान है तू भाई..


भिड़े :- नही में तो..


जेठालाल :- अरे चल ना भाई....


और सब वापिस नीचे उतरने लगते हैं....इतने उत्साह में थे..कि अभी तक कमरों

में भी नही गये....बिना कमरे देखें..उतर गये वापिस नीचे...और ये भी

जानने की कोई कॉसिश नही करी..कि रूम नंबर. क्या हैं.........


और पहुच जाते हैं स्वीमिंग पूल के पास.....


करीब से नज़र देखने के बाद तो सभी जेंट्स के तोत्ते उड़ गये.......

क्यूँ कि बगल से जब वो गोरी मेम गीली गीली बिकनी पहन के बाजू से गुजर रही थी....


सभी जेंट्स की तो अंडरवेर फटने जैसी हालत हो रखी थी...........


अब्दुल है तो छोटा...लेकिन उसका नीचे से बना तंबू उसकी हाइट से ज़्यादा लंबा

लग रहा था......


भिड़े तो ऐसे देख रहा था..जैसे अभी किसी औरत को पकड़ के वहाँ पेड़ो के बीच

ले जाके दबोच ले.....

वैसे भी 4 आँखें हैं उसकी...तो बराबर एक एक चीज़ देख रहा था....


तभी एक सुंदर सी करीब 26 या 27 साल की फ़ोर्नर ब्लॅक बिकनी...में

स्वीमिंग पूल से बाहर निकली....और वहीं भिड़े के बगल से निकली.....उसके शरीर

से पानी की एक एक बूँद उसकी जजस्म से होते हुए..नीचे गिर रही थी...


भिड़े उसे पीछे से उसकी मटकती गान्ड...जो कि कुछ ही धकि थी उस बिकनी...में ..वो

देख रहा था....और तब तक देखता रहा जब तक वो आँख के सामने से गायब..नही

हो गई.....


और जब वो पलट के सीधा हुआ..तो उसकी नज़र माधवी के उपर पड़ी....


माधवी पे नज़र पड़ते ही..उसकी तो ट्यूनिंग साउंड हो गई..


(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक....... भिड़ेईईएन्न्‍नणणन्...)


माधवी :- हाँ हाँ...और देख लीजिए.....किसने मना किया है...(गुस्से में...)


भिड़े :- नही माधवी वो..तो में...


बस इतना ही बोलता है...


कि सब वहाँ भिड़े की ऐसी हालत देख कर हंस रहे थे......


माधवी :- आप आराम से देखो..में चली....


भिड़े :- माधवी के पीछे जाता हुआ...अरे रूको माधवी..


तारक :- लो जी हमारे शिक्षक महोदाय..की तो लग गई..


अंजलि :- आप भी अपनी नज़र ज़रा संभाल के रखना नही तो आपकी भी लग जाएगी..


सभी अंजलि की इस बात पे हँसने लगते हैं..


जेठालाल :- मेहता साब...बॅक की..


अब्दुल :- हाँ मेहता साब..बच के..कहीं ऐसा ना हो..कि यहाँ पे भी आपको करेला

का जूस पीने को मिले..


हाहहहहाहा....सभी हँसने लगते हैं..


तारक :- क्या भाई अब्दुल तू भी......


रीता :- अच्छा...में क्या कहती हूँ..हमारे कपड़े तो आए नही..तो फिर कैसे करेंगे..


सोढी :- हाँ भाई....मोहन भाई...भी अंदर चले गयी....अभी तक नही आए हैं...


रोशन :- आ जाएँगे..बावा....तू थोड़ा शांति रख...


जेठालाल :- दया...तू भी स्वीमिंग कॉस्ट्यूम खरीद के लाई है ना..


दया :- हाँ लाई हूँ ना...लेकिन मुझे तो बहुत शर्म आ रही है...टप्पू के पापा....


अब्दुल :- जो आ गये ... मोहन भाई...


उनके साथ एक लड़की भी थी.....जो बहुत ही ज़्यादा मस्त थी....

गोरा फेस.....पतली दुबली....फिगर होगी उसकी....कोई 36 सी के बूब्स....

26 कमर...और 28 की गान्ड....

एक मिनी स्कर्ट पहन रखी थी..जो कि ब्लॅक कलर की थी...और उपर वाइट शर्ट पहन

रखी थी...जिसका टॉप वाला बटन खुला हुआ था....


मोहन भाई :- सारी भाभियो...आप ऋतु के साथ चले जाइए...

ये आपको इस स्वीमिंग पूल के कॉस्ट्यूम दे देंगी.....


ऋतु :- हेलो मॅम..प्लीज़ कम वित मी..


सभी लॅडीस उसके पीछे चल देती है...


जेठालाल :- मोहन भाई...इनका तो हो गया लेकिन हमारा क्या...


मोहन लाल :- जेठा भाई..आप क्यूँ टेंशन ले रहे हो...उधर देखो...


उधर से एक और उससे भी ज़्यादा झक्कास..ज़्यादा सेक्सी..और हॉट..लड़की आ रही थी......


सभी जेंट्स का मुँह खुल गया....और उस लड़की को गौर से देखते रहे...


जी देखें भी क्यूँ ना..उस लड़की ने तो बिकनी ही पहन रखी थी.....


मोहन लाल ने जान बुझ के बाद में बुलाया था...


उस लड़की का डिस्क्रिपशन क्या दूं...

आप खुद ही समझो..

बिकनी में एक लड़की..उमर होगी कोई 23 या 24 साल....

ब्राउन बिकनी में ठमकती में उनके पास आ रही थी....रंग ज़्यादा गोरा नही था...

लेकिन उसके नैन नक्श तो ऐसे थे..कि कोई भी मर जाए उन पर....

चुचों का साइज़ ज़्यादा बड़ा नही था..होगा कुछ...34 सी का..लेकिन क्या शेप थी..

जैसे किसी ने दो दो बल्लून फिक्स कर दी हों..एक दम टाइट..

कमर तो ऐसी..की बॉलीवुड की हेरोयिन भी पानी भरे उसके आगे..

नीचे से तो कहर ढा रही थी....स्ट्रिप्स वाली पैंटी....जो बस...उसकी चूत को धक ही

पा रही थी.....


अब वो लड़की उन सब के पास पहुच चुकी थी..


मोहन लाल :- हेलो रीम...यू लुक गॉर्जियस..


रीमा :- हेलो सर..आंड थॅंक यू सो मच....


मोहन लाल :- रीमा हम सब के कपड़े तैयार हैं....


रीमा :- एस सर...आप मेरे पीछे चलिए.....


मोहन लाल :- चलो भाइयो...

और मोहन लाल चलने लगता है....


वो कुछ एक दो कदम आगे बढ़ा...उसे एहसास हुआ..कि वो अकेला जा रहा है..

वो पीछे मुड़ा उसने देखा..कि सभी जेंट्स वहीं खड़े थे....


और सब के सब...एक स्टॅच्यू के रूप में खड़े थे...मुँह खुला हुआ..और एक टक एक

ही तरफ देखे जा रहे थे..


मोहन लाल :- कड़क आवाज़ में..... अरे चलिए....


सभी होश में आते हुए..


हाँ हाँ चलिए...सभी चल देते हैं...


और चलते चलते...अब उनी नज़र रीमा की गान्ड पे पड़ गई...क्या मखमली

छोटी सी गान्ड थी उसकी......और उसकी गान्ड की दरार में उसकी पैंटी फँसी पड़ी थी...शायद

कहीं देर तक बैठ के आई थी.....

और उसकी वजह से उसकी गान्ड...काफ़ी हद तक दिख रही थी...

सभी जेंट्स का तो बुरा हाल था...कोई भी बोलने की हालत में नही था...


बस सब चुप चाप उसके पीछे जा रहे थे....


.............................................


एक तरफ लॅडीस चेंजिंग रूम में ऋतु के साथ चली गयी थी....और

एक तरफ जेंट्स रीमा के साथ चेंजिंग रूम चले गये थे.....स्वीमिंग

पूल के लिए कपड़े जो पहन ने थे.....


चलिए पहले चलते हैं..कि लैडेस चेंजिंग रूम में क्या हुआ....


सारी लॅडीस चेनज़िंग रूम में घुस जाती है...


रिज़ॉर्ट की तरह ही चेनज़िंग रूम भी आलीशान बना हुआ था.....


गेट के अंदर एंट्री करते ही...अलग अलग कॅबिन्स से बने थे..जिसमे हर

कोई एक जना जाके चेंज कर सकता था....और वो कॅबिन्स भी कम से कम

25 या 30 थी..कि आराम से ज़्यादा जने चांज कर सके...

कॅबिन्स के सामने पूरी हाफ वॉल पे मिरर लगा हुआ था...और नीचे वॉश बेसिन

लगे हुए थे....


ऋतु :- मॅम..कुड आइ अस्क यू सम्तिंग...


दया की तरफ देख के बोलती है..


दया :- क्या बहन...आपने मुझसे कुछ कहा...


अंजलि :- दया भाभी...वो पूछ रही है..कि क्या में आपसे कुछ पूछ सकती हूँ..


दया :- ओह्ह्ह्ह...हाँ बहन पूछो ... उसमे क्या है..


ऋतु :- मुस्कुराते हुए....अच्छा मॅम...क्या आप लोग अपने फिगर की बारे में

बता सकते हैं....


सभी लॅडीस की शक्ल पे 12 बज जाते हैं....ऋतु के ऐसे सवाल को सुन कर..वो

सब उसकी तरफ आँखे गढ़ाए..... देख रहे थे....


ऋतु :- घबराते हुए...एनितिंग सीरीयस मॅम..


बबीता :- वाइ यू वॉंट टू अस्क दिस थिंग...आंड इन आ पब्लिक प्लेस..


(बबीता है तो वैसे ओपन माइंडेड....अभी पानी छुड़वाया था...टॅक्सी में जेठालाल

के साथ..और यहाँ देखो कितनी सती सवत्री बन रही है..)


अंजलि :- एस...वाइ यू वन्त तो नो...अबाउट अवर फीगग...


ऋतु :- बीच में बोलते हुए...

ओह्ह मॅम डोंट टेक मी रॉंग...आइ जस्ट आस्क्ड बेक आइ विल ब्रिंग युवर स्वीमिंग कॉस्ट्यूम्स..

अचोर्डिंग टू युवर फिगर...


बबीता :- ओह्ह्ह्ह..वी आर सो सॉरी...


दया :- हेंन्ननणणन्...क्या...बबीता जी...ये आप क्या बात कर रहे हो कुछ समझ नही आया..


अंजलि :- दया भाभी...वो पूछ रही हैं..कि हम लोगों का फिगर क्या है....

जिससे वो हमारे साइज़ के स्वीमिंग कॉस्ट्यूम दे सके.


दया :- अच्छा....पर अंजलि भाभी...ये फिग्गी क्या होता है..


अंजलि :- दया भाभी...वो पूछ रही हैं..कि हम लोगों का फिगर क्या है....

जिससे वो हमारे साइज़ के स्वीमिंग कॉस्ट्यूम दे सके.


दया :- अच्छा....पर अंजलि भाभी...ये फिग्गी क्या होता है..


सभी इस बात पे हँसने लगते हैं..


रीता :- दया भाभी...फिुग्री नही फिगर....मतलब आपके शरीर का नाप तोल...यानी कि

आपकी कमर का साइज़...और आपकी...

और अपने हाथ से इशारा करते हुए..अपने बूब्स की तरफ हाथ बढ़ाती है..


सभी उसकी इस हरकत को देख कर चौंक जाते हैं..लेकिन हँसने लगते हैं...


रोशन :- छल रीता..तू तो बहुत बदमाश है ...


माधवी :- हाँ रीता...ऐसे कोई करता है..


रीता :- अब क्या करती..दया भाभी..को इसकी हिन्दी बताती क्या...


हाहहहहहहहहा....सभी हँसने लगती है..


दया :- हाँ बाबा...समझ गई अब....


ऋतु :- तो क्या अब बताएँगे प्लस्स....


अंजलि :- ओह यॅ....तो सबसे पहले मेरा नोट कर लीजिए...

अंजलि बोलने ही वाली होती है...कि..


34-26-32.....अंजलि सुन के हैरान हो जाती है.....और बाकी सब भी....और वो उस आवाज़

की तरफ मुड़ती है....


ये फिगर बताई थी.....बबीता ने.....


माधवी :- बबीता जी आपको कैसे पता...


बबीता :- वो वो.........

(बबीता बोल के तो फँस गई....और उसे समझ नही आ रहा था कि क्या बोले)


सभी बबीता की तरफ आँख लगाए...थे...


अंजलि जानती थी...बबीता की हालत...क्यूँ कि उसने भी तो खूब मज़े लिए थे...उस दिन

शॉपिंग माल में..


अंजलि :- अरे वो हुआ यूँ था..जब हम शॉपिंग करने गये थे..तब बबीता जी

मेरे साथ ड्रेस सेलेक्ट कर रही थी...तभी पता चला साइज़....


बबीता :- या राइट...आक्च्युयली वो ही याद आ गया...राइट राइट..

और बात को घुमाती हुई...


ऋतु माइ साइज़ इस 38-28-36...


ऋतु बबीता की साइज़ नोट करने से पहले....उसकी तरफ उपर से नीचे तक देखती है...

और एक हल्की सी स्माइल करती है...और फिर नोट करती है…


ऋतु रोशन की तरफ इशारा करते हुए ..


ऋतु :- मॅम आपकी क्या है??


रोशन :- मेरा है.. 36-28-34...


ऋतु :- ह्म्‍म्म्म...नाइस फिगर मॅम....


रोशन शर्मा जाती है...


दया :- अब में बता दूं...

मेरा है चौतीस...ह्म..अठाईस..ह्म...बत्तीस...


ऋतु :- सॉरी मॅम..


अंजलि :- शी हॅव.. 34-28-32..


ऋतु :- ओह्ह्ह्ह ...


माधवी :- मेरा है.. 36-30-34..


ऋतु :- ओकेक.....तो बस आप बचे हैं...आप भी बता दीजिए...

उसका इशारा रीता पे था..


रीता :- ओह्ह या... 32-26-30.


ऋतु :- ह्म्‍म्म्म...सो ऑल डन...

सो में बस अभी 10 मिनट में आई मॅम...आपकी ड्रेस लेके...


बबीता :- ओके नो प्राब्लम...


और ऋतु चली जाती है.....


माधवी :- बबीता जी आपका फिगर तो बहुत मस्त है...


बबीता :- ओह्ह थॅंक यू माधवी भाभी...(ब्लश होते हुए..)


(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक....आह्न्‍ंनननननननननननणणन्)


रोशन :- साची बात छे...बबीता यू हाव वेरी सेक्सी फिगर टू..


बबीता :- ऊहह रोशन भाभी...आप भी कम थोड़ी है....


रीता :- रोशन भाभी सही बोल रही है..बबीता जी...आपके बूब्स तो अवेसम है..

मेरे देखिए कितने छोटे हैं..

और अपने बूब्स को पकड़ के दिखाती है..


बबीता :- हववव....नॉटी गर्ल....अभी तू बच्ची है....जब बड़ी हो जाएगी तब

बढ़ जाएँगे..


अंजलि :- हहेहेहेः...रीता सच में तू तो गोआ आके बहुत तेज़ हो गई है..


माधवी :- हाँ...देखने में तो बच्ची लगती है..लेकिन है बहुत तेज़..


रीता :- क्या माधवी बहन..यहन सारी लॅडीस ही तो हैं...


दया :- वैसे रीता...तूने अभी तक कोई लड़का पटाया कि नही....


रीता :- नही दया भाभी..


दया :- हाँ तभी तो ये छोटे हैं....

दया रीता के चुचे दबाते हुए बोलती है..


दया के ये करने से...सब हँसने लगते हैं...हाहहहहहहा..


रीता :- आप भी ना दया भाभी....


बबीता :- डोंट वरी रीता...वैसे ज़्यादा बड़े भी अच्छे नही हैं..


रीता :- क्यूँ?


बबीता :- अरे यार मुझसे पूछ ना..कितना मुश्किल है इन्हे संभालना....

सारा दिन परेशान कर देते हैं..


इससे पहले रीता कुछ बोलती..पीछे से ऋतु की आवाज़ आ जाती है.....


ऋतु :- माँ लीजिए...आप सब की ड्रेसस आ गई हैं...


सभी लेडीज़ पलट के....देखती हैं..ऋतु हाथ में कुछ ब्किनीस लेके खड़ी होती है...


ऋतु :- ये लीजिए आप सब के ड्रेस...और चेंज कर लीजिए...


दया :- हेययय माआ माताजी.....क्या हम अभी सबके सामने ये कपड़े पहनेंगे..


इतनी ज़ोर से बोलने की वजह से वहाँ खड़ी ऋतु डर जाती है....और उसके हाथ से सारी

बिकनिस गिर जाती है.......


ऋतु :- ओफू.....सारी ड्रेस गिर गयी....


बबीता :- नो प्रॉब्स ... कोई बात नही....


माधवी :- सही बात है..ऐसी ड्रेस सबके सामने...क.कैसे पहनेंगी...


अंजलि :- माधवी भाभी...अभी आपने नही देखा..कि कैसे हमारे पति सब के सब..

बाकी औरतों को घूर रहे थे....तो अब हमारी बारी है इन सब को सबक चखाने

की.....


माधवी :- हाँ वो तो है पर..


रीता :- अरे पर वर मत कीजिए...बस आप कुछ मत सोचिए...और पहन लीजिए..


रोशन :- हाँ दया भाभी...आप भी ज़्यादा मत सोचिए....इधर उधर देखिए..

बावा सभी ऐसे ही हैं....


ऋतु :- हाँ तो ये लीजिए...

ये ब्लॅक वाली आपकी बबीता जी...

ये रेड वाली अंजलि जी आपकी...

ये ब्लू वाली आपकी माधवी जी...

ये येल्लो वाली रोशनजी आपकी...

ये ब्लू वाली आपकी रीता...

और ये लास्ट वाली ग्रीन कलर वाली दया जी आपकी...


बबीता :- फाइनली हमे अपनी ड्रेस मिल गई हैं...तो चलें चेंज करने के लिए...


हन्ंननणणन्...सभी यही बोलते हैं...और चल देते हैं...चेंज करने के लिए...


जाने के बाद...ऋतु अपने आप से बोलती है..


ऋतु :- होप कि मेने सबको सही बिकनी दी हों....


और वो भी चली जाती है चेंज रूम से बाहर.......


,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


ऋतु ये कह कर बाहर चली गई..कि होप मेने सबको सही बिकनी दी होगी......


सभी लॅडीस अपनी बिकनियाँ लेके....चली गई चेंज करने....


क्या शानदार कॅबिन बना हुआ था....


बाहर से देखने से तो ऐसा लग रहा था जैसे कोई छोटा सा चेनज़िंग रूम हो..

लेकिन जब दरवाजा खुला तो देखते ही रह गयी....


काफ़ी बड़ा था..लंबाई में..चौड़ाई में तो ज़्यादा बड़ा नही था...

गेट के अंदर घुस के तोड़ा आगे जाके....एक शवर लगा था....और उससे आगे जाके


एक साइड की वॉल पे तो कपड़े टाँगने के लिए जगह दे रखी थी...और उसी वॉल पे

आधी साइड में मिरर लगा था...कि चेंज करते समय अपने आप को देख सकें..


और दूसरी वॉल के आधी साइड पे तो टाइल्स लगे थे....और आधी वॉल ऐसे ही थी....

प्लेन सी...


बबीता अंदर घुसते हुए..


बबीता :- वाऊ सो नाइस यार...बड़ा ही अच्छा चेनज़िंग रूम है..


और अपने आप को मिरर में निहारने लगती है...और अपने बूब्स को हाथ से उठा के

अपने आप से बोलती है..

क्या ये सच में इतने अच्छे हैं..कि लोग इनके दीवाने हैं...

पर ये हैं तो बहुत बड़े...

और अपने चुचों को उछालने लगती है...बॉल की तरह...


और फिर चेंज करना शुरू कर देती है.....


और अपने सारे कपड़े उतार के बिल्कुल नंगी हो जाती है...


और बिकनी उठा के पहन ने लगती है..


उधर दया चेनज़िंग रूम में अंदर जाती है....और अपने कपड़े उतारने लगती है..

और अपने आप को मिरर में देख के शरमा जाती है......


वो सोचते सोचते अपनी बिकनी उठाती है.....


पहले उपर वाली ब्रा को पहनती है.....


और फिर जैसे ही अपनी पैंटी पहन ने के लिए अपनी एक टाँग उठाती है.....उसका बॅलेन्स

बिगड़ जाता है....और वो पीछे जाके गिरती है.....


अहह......एक आवाज़ निकलती है.......


काफ़ी तेज़ आवाज़ थी......कोई भी सुन लेता और आकर पूछता क्या हुआ ...


लेकिन अगर चेनज़िंग रूम पे नज़र डाले .. तो सब कुछ नॉर्मल था..


सब अपने काम मे लगे हुए थे....


किसी को कुछ सुनाई नही दिया.....देगा भी कैसे....कॅबिन के गेट साउंड प्रूफ थे....

यही तो ख़ासियत है इस चेनज़िंग रूम की.....


चलते हैं अंजलि के पास...


अपने कपड़े उतारने के बाद...उसने अपने बाल खोल दिए थे....


क्या झक्कास माल लग रही थी....उभरे हुए चुचे...बिल्कुल खड़े हुए....लटके..

हुए चुचे क्या होते हैं..शायद उससे पता ही नही है..

चूत तो बिल्कुल सॉफ...बिना बाल की....छोटी सी...

वैसी भी काफ़ी गोरा रंग है उसका....मस्त चिकनी जाँघ..


हाँ तो उसने ब्रा पहननि शुरू की....

ब्रा पहन ने के बाद...उसकी दूरी बांधने लगी....

लेकिन ये क्या.....डोरी तो बँध ही नही हो रही है....


अंजलि :- उफ़फ्फ़ ये क्या मुसीबत है.....बंद क्यूँ नही हो रही.....


फिर वो मूडी...और मिरर के सामने अपनी बॅक कर दी....और दूरी बंद करने की कॉसिश

करने लगी...


लेकिन काफ़ी मेहनत करने के बाद भी वो बंद नही हुई....


अंजलि :- ये क्या मुसीबत है...कहीं छोटी तो नही दे दी ग़लती से....

बट..अब क्या करूँ.....ओहू..क्या प्राब्लम आ गई मेरे साथ...

लेकिन अभी तो कुछ नही कर सकते इसको को अड्जस्ट कर के बांधना पड़ेगा....


फिर उसने अपने चुचों को थोड़ा सा ब्रा में से बाहर की तरफ निकाला...

ब्रा को चूचो से थोड़ा साइड किया....और फिर डोरी बांधने लगी....


और इस बार डोरी बँध गई......


उसकी पोज़ीशन अभी भी वैसी ही थी...उसकी पीठ मिरर की तरफ थी....


जब उसने अपनी ब्रा पहनी....और टर्न होके मिरर के सामने खुद को देखा तो

हैरान रह गई....


अंजलि :- हे भगवान...ये तो कुछ ज़्यादा ही छोटी है.....


लेकिन उसके पास कोई चारा नही था...


फिर उसने अपनी पैंटी उठाई...उसकी पैंटी भी डोरी वाली थी..


उसने उपर उठा के डोरी बांधनी शुरू की..


अंजलि :- उफ्फ ये भी बहुत टाइट है....


लेकिन उसने वो पैंटी पहन ली...


और जब अपनी गर्दन उठा के...मिरर में देखा तो उसके तो होश उड़ गये..


फिर अंजलि ने सोचा...


अंजलि अपने आप से....चलो अच्छा ही है...तारक को भी तो पता चलना चाहिए....

बड़ी आँखें मटका रहे हैं इधर उधर.....

और एक मुस्कान तैर जाती है उसके फेस पे....


तो फिर चलिए रीता के पास चलते हैं...


उसने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए....


और इतनी जल्दी उतारे कि जैसे किसी से रेस लगाई हो..


कुछ ही सेकेंड में वो पूरी की पूरी नंगी खड़ी हो गई....


छोटी सी हाइट है वैसे भी उसकी.....और छोटे छोटे असेट है उसके पास....

चोट छोटे चुचे...छोटी छोटी गान्ड...पतली सी कमर....


लेकिन थी एक दम रापचीक्क...कहे छोटे हो तो क्या....अगर मिल जाए..तो रगड़

रगड़ के कोई भी बुरा हाल कर दे....


उसने अपनी बिकनी उठाई....और पहन ने लगी....

[

ब्रा डाली...और बाँधने लगी डोरी..........डोरी बाँधने में भी ज़्यादा टाइम नही लगा...

और बाँधने के बाद...उसने अपनी पैंटी उठाई...उसकी पैंटी सिंपल थी..बट इलास्टिक वाली

थी....उसने वो भी डाल ली.....


और अपने आप को मिरर में देखने के लिए अपना फेस उपर किया....


और जैसे ही अपने आप को देखा उसकी आँखें बड़ी हो गई.....


चलिए चलते हैं बबीता के पास....वो तो ऑलरेडी नंगी हो चुकी थी...अब तो

उसके बिकनी पहनने का टाइम आ चुका था......


बबीता ने अपनी ब्रा उठाई....काफ़ी अच्छी थी डिज़ाइन वाली....वैसे तो सबकी ब्रा पर ही

डिज़ाइन था...लेकिन बबीता की ज़्यादा अच्छी लग रही थी..अभी इन सब में से...


और वो पहन ने लगी....उसने ब्रा को बस बूब्स पर रखा...

उसकी ब्रा स्टाप्स वाली थी...उसमे डोरी नही थी...उसकी ब्रा क्लिप से बंद होने वाली थी...


अपना उपर ब्रा को रखकर...मिरर में देखते हुए स्माइल कर रही थी.....


फिर उसने अपने हाथ पीछे ले जाते हुए....स्ट्रॅप्स को पीछे कर के बंद करने लगी....

और क्लिप लग गई......


उसने अपने आप को देखा...काफ़ी जच रही थी वो ब्रा में.....


वो फिर नीचे झुकी अपनी पैंटी उठाने.....और एक कट्ट....जैसी आवाज़ आई....


वो ये आवाज़ सुन के खड़ी हुई....और जैसे ही खड़ी हुई.....उसके बूब्स पर से ब्रा..

नीचे उतर के गिर गई....


बबीता :- ओह्ह्ह शिट....ये क्या हुआ .....


उसने फिर से अपनी ब्रा उठाई...और फिर से क्लिप लगाने लगी...एक बार फिर से लग गई..

लेकिन वो जैसे ही नीचे से पैंटी उठाने लगी....फिर से काट्त्तटतत्त....और एक बार फिर ब्रा

नीचे...


बबीता :- ओफूओ..ये क्या हो रहा है.....इसकी क्लिप तो ढीली नही है क्या..


फिर उसने दो चार बार क्लिप बाद कर के....खिचा...लेकिन नही खुली...


बबीता :- क्लिप तो ठीक है...फिर ये कैसे खुल रही है बार बार...

वो काफ़ी असमंजस में थी.....


फिर उसके दिमाग़ की बत्ती जली...


ओह यॅ...लगता है इसका साइज़ छोटा है.....लेकिन ये कैसे हुआ....हमने तो ऋतु को बराबर

साइज़ दिया था..ओह शिट्स...अब में क्या करूँ..


अब में कुछ नही कर सकती...इसी को फिट करनी पड़ेगी...


और एक बार फिर वो अपनी ब्रा डालने लगी...


बड़ी मुश्किल और मेहनत करने के बाद.....उसकी ब्रा बंद हुई....और इस बार जब वो

नीचे झुकी तो वो खुली नही.....उसने अपनी पैंटी डाली...जो दो रस्सियों से बंद होनी थी..

उसने वो बंद की...अपने बाल सेट किए...


और मिरर में अपने आप को देखने लगगी....और जब उसने अपने आप को देखा...तो

उसका मुँह खुल गया......अपने आप को देख कर....


कुछ देर बाद........


अंजलि ने दरवाजा खोला...और वो बाहर आ गई....


उसके बाद बबीता बाहर निकली...


उसके बाद रोशन....फिर रीता....


और सब एक दूसरे को देख के हिल गये थे........कोई पटका...बॉम्ब लग रही थी....

तो कोई ओके टाइप्स....


अंजलि और बबीता एक दूसरे को देख रही थी......


या ये बोल सकते हैं...चारों आपस में एक दुसररे को देख रही थी.....

एक खामोशी छा गई....


फिर इस खामोशी को तोड़ते हुए..


रीता :- दया..भाभी..और माधवी भाभी....नही आई अभी तक...


अंजलि :- हाँ...वो..


बस इतना ही बोल पाई...कि चेनज़िंग रूम के गेट खुलने की आवाज़ आई....


और दया...बाहर आई..


अंजलि :- लो आ गई दया भाभी....


दया की पीछे पीछे...माधवी भी उसी चनगिंग रूम से बाहर आई.....



अंजलि , बबीता , रीता और रोशन...चारों आँखें फाडे देख रहे थे....

सबके मन में यही सवाल ...ये दोनो एक ही चेनज़िंग रूम से बाहर कैसे निकली....


दया और माधवी...चारों को देखते रह गयी.....

और वैसे भी ये दोनो काफ़ी शर्मा रही थी....


अंजलि :- दया भाभी...और माधवी भाभी...आप दोनो एक ही चेनज़िंग रूम से...


दया और माधवी एक दूसरे को ही देख रहे थे..


फिर वो चारों इन दोनो के पास ...


रोशन :- सू चाए दया भाभी... ....


दया :- . हुआ यूँ..


अंजलि :- अरी बोलिए ना...


दया :- भिड़े बहन मुझे तो शरम आ रही है....आप ही बता दीजिए..


माधवी :- वो हुआ यूँ अंजलि भाभी.....


अब बता देता हूँ...मुझे पता है..की सब ये जानने के लिए इच्छुक होंगे..कि वो

चिल्लाने की आवाज़ कहाँ से आई......


तो हुआ यूँ था कि...


जब दया पैंटी पहन ने के लिए...अपनी टाँग उठाई...तो उसका बॅलेन्स बिगड़ गया...

और वो पीछे जाके गिरी...और चिल्लाई..


पता है वो कहाँ गिरी....वो गिरी थी....माधवी के उपर....


जी हाँ माधवी के उपर...


अगर आपको याद होगा तो मेने बताया था..कि वॉल के एक साइड पे टाइल्स..लगी थी..

और आधी साइड पे कुछ नही...

वो आधी साइड पे एक गेट था...जिससे देखना ऑलमोस्ट इम्पॉसिबल था....वो तब ही दिखता

जब किसी को बतया जाता कि यहाँ एक गेट है....


और बाइ चांस वो गेट का लॉक भी नही बंद था...


इसलिए जब दया फिसली तो वो उस गेट को खोलते हुए....पीछे खड़ी माधवी के उपर

जाके गिर गई.......


और उस वक़्त माधवी बिल्कुल नंगी थी....उसने अपने कपड़े उतारे हुए थे...और जब

दया...उसके उपर गिरी..तो वो अपने चुचों के बल उसके उपर गिरी...

और माधवी भी सीधी थी...तो गिरने की वजह से दोनो की चुचियाँ आपस में

पिचक गई......इसलिए वो आवाज़ आई अहह........



ऋतु ये कह कर बाहर चली गई..कि होप मेने सबको सही बिकनी दी होगी......


सभी लॅडीस अपनी बिकनियाँ लेके....चली गई चेंज करने....


क्या शानदार कॅबिन बना हुआ था....


बाहर से देखने से तो ऐसा लग रहा था जैसे कोई छोटा सा चेनज़िंग रूम हो..

लेकिन जब दरवाजा खुला तो देखते ही रह गयी....


काफ़ी बड़ा था..लंबाई में..चौड़ाई में तो ज़्यादा बड़ा नही था...

गेट के अंदर घुस के तोड़ा आगे जाके....एक शवर लगा था....और उससे आगे जाके


एक साइड की वॉल पे तो कपड़े टाँगने के लिए जगह दे रखी थी...और उसी वॉल पे

आधी साइड में मिरर लगा था...कि चेंज करते समय अपने आप को देख सकें..


और दूसरी वॉल के आधी साइड पे तो टाइल्स लगे थे....और आधी वॉल ऐसे ही थी....

प्लेन सी...


बबीता अंदर घुसते हुए..


बबीता :- वाऊ सो नाइस यार...बड़ा ही अच्छा चेनज़िंग रूम है..


और अपने आप को मिरर में निहारने लगती है...और अपने बूब्स को हाथ से उठा के

अपने आप से बोलती है..

क्या ये सच में इतने अच्छे हैं..कि लोग इनके दीवाने हैं...

पर ये हैं तो बहुत बड़े...

और अपने चुचों को उछालने लगती है...बॉल की तरह...


और फिर चेंज करना शुरू कर देती है.....


और अपने सारे कपड़े उतार के बिल्कुल नंगी हो जाती है...


और बिकनी उठा के पहन ने लगती है..


उधर दया चेनज़िंग रूम में अंदर जाती है....और अपने कपड़े उतारने लगती है..

और अपने आप को मिरर में देख के शरमा जाती है......


वो सोचते सोचते अपनी बिकनी उठाती है.....


पहले उपर वाली ब्रा को पहनती है.....


और फिर जैसे ही अपनी पैंटी पहन ने के लिए अपनी एक टाँग उठाती है.....उसका बॅलेन्स

बिगड़ जाता है....और वो पीछे जाके गिरती है.....


अहह......एक आवाज़ निकलती है.......


काफ़ी तेज़ आवाज़ थी......कोई भी सुन लेता और आकर पूछता क्या हुआ ...


लेकिन अगर चेनज़िंग रूम पे नज़र डाले .. तो सब कुछ नॉर्मल था..


सब अपने काम मे लगे हुए थे....


किसी को कुछ सुनाई नही दिया.....देगा भी कैसे....कॅबिन के गेट साउंड प्रूफ थे....

यही तो ख़ासियत है इस चेनज़िंग रूम की.....


चलते हैं अंजलि के पास...


अपने कपड़े उतारने के बाद...उसने अपने बाल खोल दिए थे....


क्या झक्कास माल लग रही थी....उभरे हुए चुचे...बिल्कुल खड़े हुए....लटके..

हुए चुचे क्या होते हैं..शायद उससे पता ही नही है..

चूत तो बिल्कुल सॉफ...बिना बाल की....छोटी सी…


वैसी भी काफ़ी गोरा रंग है उसका....मस्त चिकनी जाँघ..


हाँ तो उसने ब्रा पहननि शुरू की....

ब्रा पहन ने के बाद...उसकी दूरी बांधने लगी....

लेकिन ये क्या.....डोरी तो बँध ही नही हो रही है....


अंजलि :- उफ़फ्फ़ ये क्या मुसीबत है.....बंद क्यूँ नही हो रही.....


फिर वो मूडी...और मिरर के सामने अपनी बॅक कर दी....और दूरी बंद करने की कॉसिश

करने लगी...


लेकिन काफ़ी मेहनत करने के बाद भी वो बंद नही हुई....


अंजलि :- ये क्या मुसीबत है...कहीं छोटी तो नही दे दी ग़लती से....

बट..अब क्या करूँ.....ओहू..क्या प्राब्लम आ गई मेरे साथ...

लेकिन अभी तो कुछ नही कर सकते इसको को अड्जस्ट कर के बांधना पड़ेगा....


फिर उसने अपने चुचों को थोड़ा सा ब्रा में से बाहर की तरफ निकाला...

ब्रा को चूचो से थोड़ा साइड किया....और फिर डोरी बांधने लगी....


और इस बार डोरी बँध गई......


उसकी पोज़ीशन अभी भी वैसी ही थी...उसकी पीठ मिरर की तरफ थी....


जब उसने अपनी ब्रा पहनी....और टर्न होके मिरर के सामने खुद को देखा तो

हैरान रह गई....


अंजलि :- हे भगवान...ये तो कुछ ज़्यादा ही छोटी है.....


लेकिन उसके पास कोई चारा नही था...


फिर उसने अपनी पैंटी उठाई...उसकी पैंटी भी डोरी वाली थी..


उसने उपर उठा के डोरी बांधनी शुरू की..


अंजलि :- उफ्फ ये भी बहुत टाइट है....


लेकिन उसने वो पैंटी पहन ली...


और जब अपनी गर्दन उठा के...मिरर में देखा तो उसके तो होश उड़ गये..


फिर अंजलि ने सोचा...


अंजलि अपने आप से....चलो अच्छा ही है...तारक को भी तो पता चलना चाहिए....

बड़ी आँखें मटका रहे हैं इधर उधर.....

और एक मुस्कान तैर जाती है उसके फेस पे....


तो फिर चलिए रीता के पास चलते हैं...


उसने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए....


और इतनी जल्दी उतारे कि जैसे किसी से रेस लगाई हो..


कुछ ही सेकेंड में वो पूरी की पूरी नंगी खड़ी हो गई....


छोटी सी हाइट है वैसे भी उसकी.....और छोटे छोटे असेट है उसके पास....

चोट छोटे चुचे...छोटी छोटी गान्ड...पतली सी कमर....


लेकिन थी एक दम रापचीक्क...कहे छोटे हो तो क्या....अगर मिल जाए..तो रगड़

रगड़ के कोई भी बुरा हाल कर दे....


उसने अपनी बिकनी उठाई....और पहन ने लगी....


ब्रा डाली...और बाँधने लगी डोरी..........डोरी बाँधने में भी ज़्यादा टाइम नही लगा...

और बाँधने के बाद...उसने अपनी पैंटी उठाई...उसकी पैंटी सिंपल थी..बट इलास्टिक वाली

थी....उसने वो भी डाल ली.....


और अपने आप को मिरर में देखने के लिए अपना फेस उपर किया....


और जैसे ही अपने आप को देखा उसकी आँखें बड़ी हो गई.....


चलिए चलते हैं बबीता के पास....वो तो ऑलरेडी नंगी हो चुकी थी...अब तो

उसके बिकनी पहनने का टाइम आ चुका था......


बबीता ने अपनी ब्रा उठाई....काफ़ी अच्छी थी डिज़ाइन वाली....वैसे तो सबकी ब्रा पर ही

डिज़ाइन था...लेकिन बबीता की ज़्यादा अच्छी लग रही थी..अभी इन सब में से...


और वो पहन ने लगी....उसने ब्रा को बस बूब्स पर रखा...

उसकी ब्रा स्टाप्स वाली थी...उसमे डोरी नही थी...उसकी ब्रा क्लिप से बंद होने वाली थी...


अपना उपर ब्रा को रखकर...मिरर में देखते हुए स्माइल कर रही थी.....


फिर उसने अपने हाथ पीछे ले जाते हुए....स्ट्रॅप्स को पीछे कर के बंद करने लगी....


और क्लिप लग गई......


उसने अपने आप को देखा...काफ़ी जच रही थी वो ब्रा में.....


वो फिर नीचे झुकी अपनी पैंटी उठाने.....और एक कट्ट....जैसी आवाज़ आई....


वो ये आवाज़ सुन के खड़ी हुई....और जैसे ही खड़ी हुई.....उसके बूब्स पर से ब्रा..

नीचे उतर के गिर गई....


बबीता :- ओह्ह्ह शिट....ये क्या हुआ .....


उसने फिर से अपनी ब्रा उठाई...और फिर से क्लिप लगाने लगी...एक बार फिर से लग गई..

लेकिन वो जैसे ही नीचे से पैंटी उठाने लगी....फिर से काट्त्तटतत्त....और एक बार फिर ब्रा

नीचे…


बबीता :- ओफूओ..ये क्या हो रहा है.....इसकी क्लिप तो ढीली नही है क्या..


फिर उसने दो चार बार क्लिप बाद कर के....खिचा...लेकिन नही खुली...


बबीता :- क्लिप तो ठीक है...फिर ये कैसे खुल रही है बार बार...

वो काफ़ी असमंजस में थी.....


फिर उसके दिमाग़ की बत्ती जली...


ओह यॅ...लगता है इसका साइज़ छोटा है.....लेकिन ये कैसे हुआ....हमने तो ऋतु को बराबर

साइज़ दिया था..ओह शिट्स...अब में क्या करूँ..


अब में कुछ नही कर सकती...इसी को फिट करनी पड़ेगी...


और एक बार फिर वो अपनी ब्रा डालने लगी...


बड़ी मुश्किल और मेहनत करने के बाद.....उसकी ब्रा बंद हुई....और इस बार जब वो

नीचे झुकी तो वो खुली नही.....उसने अपनी पैंटी डाली...जो दो रस्सियों से बंद होनी थी..

उसने वो बंद की...अपने बाल सेट किए...


और मिरर में अपने आप को देखने लगगी....और जब उसने अपने आप को देखा...तो

उसका मुँह खुल गया......अपने आप को देख कर....


कुछ देर बाद........


अंजलि ने दरवाजा खोला...और वो बाहर आ गई....


उसके बाद बबीता बाहर निकली...


उसके बाद रोशन....फिर रीता....


और सब एक दूसरे को देख के हिल गये थे........कोई पटका...बॉम्ब लग रही थी....

तो कोई ओके टाइप्स....


अंजलि और बबीता एक दूसरे को देख रही थी......


या ये बोल सकते हैं...चारों आपस में एक दुसररे को देख रही थी.....

एक खामोशी छा गई....


फिर इस खामोशी को तोड़ते हुए..


रीता :- दया..भाभी..और माधवी भाभी....नही आई अभी तक...


अंजलि :- हाँ...वो..


बस इतना ही बोल पाई...कि चेनज़िंग रूम के गेट खुलने की आवाज़ आई....


और दया...बाहर आई..


अंजलि :- लो आ गई दया भाभी....


दया की पीछे पीछे...माधवी भी उसी चनगिंग रूम से बाहर आई.....


अंजलि , बबीता , रीता और रोशन...चारों आँखें फाडे देख रहे थे....

सबके मन में यही सवाल ...ये दोनो एक ही चेनज़िंग रूम से बाहर कैसे निकली....


दया और माधवी...चारों को देखते रह गयी.....

और वैसे भी ये दोनो काफ़ी शर्मा रही थी....


अंजलि :- दया भाभी...और माधवी भाभी...आप दोनो एक ही चेनज़िंग रूम से...


दया और माधवी एक दूसरे को ही देख रहे थे..


फिर वो चारों इन दोनो के पास ...


रोशन :- सू चाए दया भाभी... ....


दया :- . हुआ यूँ..


अंजलि :- अरी बोलिए ना...


दया :- भिड़े बहन मुझे तो शरम आ रही है....आप ही बता दीजिए..


माधवी :- वो हुआ यूँ अंजलि भाभी.....


अब बता देता हूँ...मुझे पता है..की सब ये जानने के लिए इच्छुक होंगे..कि वो

चिल्लाने की आवाज़ कहाँ से आई......


तो हुआ यूँ था कि...


जब दया पैंटी पहन ने के लिए...अपनी टाँग उठाई...तो उसका बॅलेन्स बिगड़ गया...

और वो पीछे जाके गिरी...और चिल्लाई..


पता है वो कहाँ गिरी....वो गिरी थी....माधवी के उपर....


जी हाँ माधवी के उपर...


अगर आपको याद होगा तो मेने बताया था..कि वॉल के एक साइड पे टाइल्स..लगी थी..

और आधी साइड पे कुछ नही...

वो आधी साइड पे एक गेट था...जिससे देखना ऑलमोस्ट इम्पॉसिबल था....वो तब ही दिखता

जब किसी को बतया जाता कि यहाँ एक गेट है....


और बाइ चांस वो गेट का लॉक भी नही बंद था…


इसलिए जब दया फिसली तो वो उस गेट को खोलते हुए....पीछे खड़ी माधवी के उपर

जाके गिर गई.......


और उस वक़्त माधवी बिल्कुल नंगी थी....उसने अपने कपड़े उतारे हुए थे...और जब

दया...उसके उपर गिरी..तो वो अपने चुचों के बल उसके उपर गिरी...

और माधवी भी सीधी थी...तो गिरने की वजह से दोनो की चुचियाँ आपस में

पिचक गई......इसलिए वो आवाज़ आई अहह........


बबीता :- ओह्ह माइ .... आप दोनो को लगी तो नही ना..


माधवी :- नही लगी नही..


अंजलि :- थॅंक गॉड....लेकिन इनको हमे बताना चाहिए था ना..कि ऐसा भी कोई गेट है..


रोशन :- साची बात है बावा..


अंजलि :- दया भाभी..आप शरमा क्यूँ रही है....


दया :- अंजलि भाभी....इन कपड़ों की वजह से...


अंजलि :- इसमे शरम कैसे...


माधवी :- कपड़ों से याद आया....ये कैसे अजीब कपड़े दिए हैं...देखिए..


इस बात पे कोई बोलना नही चाहता था....


हुआ यूँ था...


अंजलि की बिकनी....बबीता ने पहन ली थी....


और बबीता की बिकनी.....माधवी ने पहन रखी थी...


माधवी की बिकनी.... रोशन ने पहन रखी थी...


रोशन की बिकनी....रीता ने पहन रखी थी....


रीता की बिकनी...अंजलि ने पहन रखी थी....


सिर्फ़ दया ही थी...जिसने अपनी खुद के साइज़ की बिकनी पहन रखी थी......


सभी आपस में एक दूसरे को देख रहे थे..लेकिन कोई कुछ नही बोल पा रहा था...


तभी वहाँ से चलती हुई..मिस ऋतु आई...


और जब उसने सभी लॅडीस को देखा....तो उसकी आँखें भी फॅटी की फॅटी रह गई...


क्या करती वो...इस वक़्त वो सब लग ही ऐसी रही थी.......


ऋतु :- सो मॅम...आप ड्रेस अप हो गयी...(वो नॉर्मल होके बात करने की कोशिस करने लगी)


बबीता :- व्हाट ईज़ दिस ऋतु...?


ऋतु :- व्हाट हॅपन मॅम....(वो अभी भी ऐसे बात कर रही थी..जैसे कुछ हुआ ही ना हो)


बबीता :- लुक अट अस ऑल.....आपने साइज़ लेने के बाद भी ये ग़लत साइज़स की बिकनी दे दी...


अब कोई फ़ायदा नही था...ऋतु नही बच सकती थी....


ऋतु :- सॉरी मॅम...आइ आम एक्स्ट्रीमली सॉरी..वो आपको तो पता है..ये मॅम...चिल्लाई थी..

जिससे में डर गई थी..और मेरे हाथ से सारी बिकनिस गिर गई थी....जिसके कारण

सारी बिकनिस मिक्स हो गई....और मुझे सियोर्टी ही नही थी..कि कॉन सी किसकी है...


अंजलि :- ओह्ह्ह्ह...ऋतु .. तो आपको हमे ये सब पहले बताना चाहिए था ना...


ऋतु :- आइ आम सॉरी मॅम..

लेकिन में कुछ कहूँ??


माधवी :- जी बोलिए.


ऋतु :- आप सब बहुत ज़्यादा अच्छी लग रहे हो...आपके हज़्बेंड्स..तो आपको देखते रह जाएँगे..

बिलिव मी...यू ऑल लुक डॅम सेक्सी...


सभी एक दूसरे को देख रहे थे......


अंजलि :- ह्म ओके...अगर आप बोल रहे हो तो मान लेते हैं..

तो चलें हम सब बाहर..


ऋतु :- वन मिनट मॅम..


बबीता :- अब क्या हुआ..


ऋतु :- मॅम पूल में जानने से पहले आपको शवर लेना पड़ेगा...


बबीता :- ओह्ह यॅ...आइ फर्गॉट..


दया :- शवर .. अहहहः...अरे हम जा तो रहे हैं स्वीमनग़ पूल में..तो

फिर नहाएँ क्यूँ...


अंजलि :- दया भाभी..आप भी ना...वो इसलिए क्यूँ कि...पूल में जाने से पहले

ऐसा करना पड़ता है..


दया :- ओह्ह अच्छा...सौरी....


और फिर सभी चल देते हैं...शवर लेने के लिए.........


उधर जेंट्स के चेनज़िंग रूम में.......(उसी टाइम पे..जिस टाइम पे लॅडीस के साथ...

चेनज़िंग रूम में वो सब चल रहा था..)


सभी जेंट्स रीमा की सेक्सी मटकती गान्ड के पीछे चल रहे थे.....


सबकी शॉर्ट्स के नीचे तंबू बना हुआ था......


सभी चेंजिंग रूम में पहुचते हुए.....


मोहन लाल :- तो भाईयो ये है मेरे रिज़ॉर्ट का चेनज़िंग रूम...


जेठालाल :- वाहह मोहन लाल भाई मान गये आपको...क्या मस्त रूम है..


भिड़े :- जेठालाल रूम नही..चेनज़िंग रूम है...हहेहेः...


जेठालाल :- इस भिड़े को देखो..कॉमेडी का करने का मन है...

तू शांति रख ना भाई....


मोहन लाल :- रीमा...तो अब हमरी कॉस्ट्यूम का इंतेज़ाम कर दूँ...


रीमा :- जी सर...बट मुझे आप सबका साइज़ चाहिए...


मोहन लाल :- ओह्ह यस...मेरा तो तुम्हे पता ही है..


रीमा :- शरमाते हुए...जी सर...


मोहन लाल :- तो बाकी सब बता दो रीमा को....


तारक :- जी बिल्कुल मोहन लाल भाई...

मेरा है 32...


भिड़े :- मेरा भी 32..


अईयर :- मेरा 34 है..


अब्दुल :- मेरा 30 है....


सोढी :- ओह्ह जी...मेरा 34 है जी...बेल बली...


जेठालाल :- थोड़ा ह्म हूँ आ करते हुए...मेरा है...


इतना ही बोला कि बीच में अईयर भाई..को शांति कहाँ है...बोल पड़े भाई साहब..


अईयर :- रीमा जेठालाल के साइज़ का तुम्हारे पास नही होगा...हाहहहः..


जेठालाल :- आई...चह...अईयर भाई...आपको कुछ अकल है...कुछ भी बोलने

से मतलब है..

नही रीमा जी ऐसा कुछ नही है..वो..


रीमा :- नो प्राब्लम सर....हमारे पास आपके साइज़ का भी....

आपका साइज़ इतना बड़ा नही है कि ना मिले आपका कॉस्ट्यूम..


रीमा के ये बात सुन के जेठालाल खुश हो जाता है…



जेठालाल मन में.....अईयर...तुझे तो में बताता हूँ...देखता जा अब...


रीमा :- मोहन सर..में इनको ले जाउ...कॉस्ट्यूम्स निकलवाने के लिए..


मोहन लाल :- हाँ हाँ बिल्कुल...बट नो मस्ती हाहहहाहा....


सभी मोहन लाल मस्ती वाली बात सुन कर हैरान थे....


और रीमा खड़े खड़े शरमा रही थी....


कौन है वो जिसकी तरफ रीमा ने इशारा किया.....

क्या वो आदमी खुशनसीब है या बदनसीब.....


वो हमे अगले अपडेट में पता चलेगा......


,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


रीमा एक आदमी की तरफ उंगली करती है....अपने साथ चलने के लिए...स्वीमिंग

कॉस्ट्यूम लेने के लिए...


और वो आदमी चल देता है रीमा की पीछे...


उसकी मटकती गान्ड...उपर नीचे हो रही थी...साली चल भी तो ऐसे रही थी....


उसकी नज़र सिर्फ़ रीमा की गान्ड पर ही थी......


छोटी सी गान्ड...जो कि पैंटी में पूरी तरह से धकि भी नही हुई थी......


और नीचे तंबू बना हुआ था....शॉर्ट्स में जेठालाल काअ...


जी हाँ...रीमा ने जो चुना वो हमारे जेठा भाई ही हैं...हहहे...


जेठालाल की नज़र सामने नही...नीचे रीमा की गान्ड पर अटकी पड़ी थी...

वैसे तो है बड़े पत्नी वृता...लेकिन ऐसे गान्ड देख कर...किसी की भी..

नियत खराब हो सकती है.....


नज़र गान्ड पे.....और एक धदमम्म्मममम सी आवाज़ आती है....


अहह......रीमा के मुँह से निकल जाती है......


अब भाई ये तो होना ही था....


वो कहते हैं ना....नज़र हटी और दुर्घटना घटी.....


वही हुआ जी यहाँ पर भी......


जी अब जब जेठालाल की नज़र सामने की जगह गान्ड पर थी.....तो ये तो होने

की पूरी संभावना थी..


वो हुआ यूँ..कि जेठालाल गान्ड को ही देख रहा था.....और रीमा अपनी जगह पहुच

गई थी...लेकिन जेठालाल ने ये देखा नही कि रीमा रुक चुकी है.....

और सीधे जाके घुस गया रीमा के अंदर.....जिसके कारण रीमा का पैर स्लिप

हो गया...जिससे वो आगे की तरफ गिर गयी....

अब जब रीमा गिरी तो जेठालाल का तो अपने पर कोई बस था ही नही...


तो वो भी सीधा जाके रीमा के उपर...

रीमा ज़मीन पर उल्टी लेटी पड़ी थी...और उसके उपर जेठालाल.....


अहहांन..आप सब सोच रहे होंगे..कि वो रीमा के मुँह से आहह..की आवाज़

इसलिए निकली कि वो नीचे गिर गयी..ना ना ना नाना....तो आप सब ग़लत

सोच रहे हैं.....


हुआ यूँ.....जेठालाल का लंड तो वैसे ही आसमान छू रहा था....तो जब वो

रीमा के उपर गिरा...तो उसका लंड रीमा की कोमल गान्ड में जाके

चुभ गया....जिसके कारण उसके मूँह से अह्ह्ह्ह निकल गई....


रीमा जेठालाल के नीचे दबी पड़ी थी......


जेठालाल के हाथ रीमा की नंगी पीठ पे पड़े थे.....

जेठालाल की हालत तो और भी ज़्यादा खराब हो गई थी....अब उसका लंड अंदर शॉर्ट्स

में से हिचकोले खा रहा था....


रीमा हिचकोले लंड को सॉफ महसूस कर पा रही थी....उसे ऐसा लग रहा था जैसे..

उसकी गान्ड पे कोई कीड़ा रेंग रहा हो....


जेठालाल का लंड फुदक रहा था..कभी इधर कभी उधर...

और रीमा उसे पूरी तरह महसूस कर रही थी....अपनी गान्ड पे इधर उधर भटकते हुई...


कुछ देर तक दोनो ऐसे ही पड़ी रही ... ना तो जेठालाल कुछ बोला ना रीमा....

और बोलेंगे भी क्यूँ...मज़े तो दोनो को ही आ रहे थे.....


आख़िर कर रीमा बोल ही पड़ी..


रीमा :- सर प्लीज़....क्या आप अब उठेंगे...


जेठालाल होश में आता हुआ..और घबराता हुआ रीमा की उपर से उठ जाता है.....


जेठालाल :- सोर..री.. री.मा जी...


रीमा भी खड़ी होती है.........


और जैसे ही वो खड़ी होकर जेठालाल की तरफ मुड़ती है......


बसस्स भाई फिर जो हुआ...उससे तो जेठालाल की सिट्टी पिटी गुल हो गई......


और अगर जेठालाल के नीचे उनके शॉर्ट्स पे नज़र डाले...तो देखने वाली बात थी..


जेठालाल का लंड सॉफ दिखाई दे रहा था...जो उँचाइयों को छूने की कोशिस कर रहा

था....ऐसा लग रहा था जैसे..अपने साइज़ से भी ज़्यादा बड़ा हो गया हो......


वो हुआ यूँ.....जब रीमा मूडी तो उसकी बिकनी की ब्रा....खुल के नीचे गिर गई....और जिससे

उसके नंगे गोल गोल सुडोल बड़े ही सेक्सी हॉट...चुचे...जेठालाल की आँखों के

सामने आ गयी....


लेकिन कुछ ही सेकेंड के लिए...वो तो फ़ौरन रीमा ने अपने हाथों से उसे ढक लिया....


अब ब्रा खुली कैसे....अब पहनी भी थी एक पतली डोरी वाली ब्रा...तो उसे खोलने में कोई

ज़्यादा मुश्किल तो होनी नही थी...वो जब जेठालाल उस पर गिरा..और उपर उठा तो

ब्रा की डोरी ढीली होके खुल गई होगी....


रीमा अपने चुचों को हाथ से ढके अपनी गर्दन को नीचे कर के खड़ी थी..

जेठालाल तो बस उसी को देख रहा था....उसके लंड का बुरा हाल था....उसे

समझ नही आ रहा था क्या करे....कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था उसे...


इसलिए वो धीरे धीरे आगे बढ़ा....रीमा के करीब पहुचने के लिए...


उधर रीमा की साँसें तेज़ हो रही थी..जेठालाल के कदमो को अपनी तरफ आता

देख.....


जेठालाल बेहद करीब आ गया था...रीमा ने अपनी आँखें बंद कर ली थी...उसे

तो कोई प्राब्लम नही थी..जेठालाल के साथ संभोग करने की..


जेठालाल आगे बड़ा....और...नीचे झुक गया....


रीमा सोच रही थी..कि जेठालाल नीचे से शुरू करेगा.....ये सोच के उसकी चूत गीली

हो रही थी......और फिर उसने अपने हाथ भी धीरे धीरे अपने चुचों से हटाने चालू

कर दिए...और अपनी गर्दन उपर करके सीधी खड़ी हो गई....


और ये सोचने लगी..कि जेठालाल क्या करेगा....


तभी एक आवाज़ उसके कान में पड़ी..


जेठालाल :- रेम्म.आ मा..दम... ये आपकी ब..र्र...आ..........


बारहाल रीमा ने हाथ हटा दिए थे...तो चुचे उसकी आँखों के सामने थे...


लेकिन जब रीमा ने जेठालाल की ये बात सुनी....उसने आखें खोली....

उसकी आँखों में गुस्से की ल़हेर दौड़ रही थी...

उसने जेठालाल के हाथ से फ़ौरन वो ब्रा खिच ली....और पलट गई...ब्रा पहन ने के लिए..


जेठालाल अपने मन में...


जेठालाल :- हे भगवान..ये मेने क्या किया...इतना अच्छा मौका गवा दिया...

लड़की सामने से बुला रही थी..छी...लानत है मुझ पर.....

लेकिन सही भी है...अगर यहाँ कोई देख लेता...तो मेरा तो फालूदा हो जाता...

दया को क्या ज्वाब देता..और बाकी सब को भी...

नही नही.....सही किया मेने...

लेकिन इसका क्या करूँ....


अपने लंड की तरफ देखता हुआ बोलता है...जो अभी भी हिचकोले खा रहा था...

और पूरा तना हुआ था....आसमान को सलामी दे रहा था....


तभी उसके कानो में आवाज़ पड़ी...


रीमा :- सर..एक्सक्यूस मे...कुड यू प्लीज़ हेल्प मी...


अब जेठालाल क्या बोले..उसकी तो सिट्टी गुल हो गई....


(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक.....फ्लश चलता हुआ..)


जेठालाल :- अटकते हुए...आ..पने.. मुझ..से कुछ कहा...


रीमा :- जी हाँ...क्या आप मेरी डोरी बंद कर देंगे प्लीज़...वो क्या है..कि ये बंद

नही हो रही है मुझसे....

रीमा का गुस्सा भी थोड़ा शांत हो गया था...उसको लगा कि ये कोई ऐसे इंसान नही

है..कि किसी भी औरत के साथ कुछ भी कर ले...और वो शयद उनका लंड इसलिए

खड़ा हो...कि मुझ जैसे हॉट गर्ल पे कोई भी गिरेगा तो उसका यही हाल

होगा......


(लेकिन रीमा को थोड़ी पता था...कि सार मर्द एक जैसे होते हैं....जहाँ लड़की

मिली नही....लाइन मारनी शुरू....)


जेठालाल :- हकलाता हुआ...जी....बाँध..देता. हूँ..


और जेठालाल आगे बढ़ के..ब्रा की डोरी बांधने लगता है...और मन में सोचता है.

अगर वो सब नही कर सकता तो कुछ थोड़ा तो कर सकता हूँ....


और वो डोरी बांधने के लिए आगे बढ़ने लगता है.....


डोरी बांधना स्टार्ट कर देता है.....

डोरी बाँधते बाँधते ....अपने हाथ ऐसे चला रहा था जिसकी वजह से उसकी उंगलियाँ

रीमा की पीठ पे रगड़ खा रही थी...

और धीरे धीरे चल रही थी...

बहुत धीरे धीरे आराम आराम...से डोरी बंद रहा था...और अपनी उंगलियाँ उसकी पीठ

पे घुमा रहा था....


और रीमा को इस बात का आभास हो गया....


और उसकी सोच भी बदल गई...



रीमा अपने मन में......अरे ये भी सबके जैसा ही है....ठर्की कहीं का...

और मन में मुस्कुरा देती है..


उधर जेठालाल अभी तक डोरी हे बाँध रहा था....और उंगलियों से पीठ को टच

कर के मज़े ले रहा था.....


रीमा ने सोचा चलो कुछ मज़े ही ले लिया जाए...


रीमा :- सर हो गई...


जेठालाल :- घबराता हुआ....हाँ हो गई..

और छोड़ देता है..


और पीछे हट जाता है...


रीमा :- सोचती है..ओफो ये क्या...ये तो हट गये...कुछ तो सोचना

पड़ेगा.....और वो सोच लेती है...और फिर बोलती है..

ओह्ह सर..ये क्या...


जेठालाल :- क्या हुआ..


रीमा :- ये तो ढीली बाँधी है...थोड़ा टाइट बाँध दीजिए ना...


जेठालाल :- ओह्ह..तो क्या टाइट करूँ थोड़ी सी..


रीमा :- जी सर...अगर आप कर देंगे..तो बहुत थॅंक यू आपका..


जेठालाल :- अरे इसमे थॅंक यू किस बात का..ये तो मेरा फ़र्ज़ है....

बोलते बोलते आगे बढ़ने लगता है..


और फिर से पहुच जाता है ...

और फिर वही करने लगता है....धीरे धीरे....डोरी को बाँधने लगता है...


और बाँधते बाँधते...उसे एक जबरदस्त झटका लगता है....


जी सिर्फ़ जेठालाल थोड़ी चालक हो सकता है......रीमा उससे ज़्यादा चालाक है..


वो हुआ यूँ...कि रीमा थोड़ी सी पीछे की तरफ हो गई...मतलब जेठालाल के करीब

यही मान लीजिए कि चिपक सी गई..

जिससे जेठालाल का लंड रीमा की गदराई गान्ड से टच करने लगे...


जेठालाल के तो होश उड़ गये...वो रीमा की डोरी बाँधने लगा...

रीमा जान बुझ के हिल रही थी..और ये दिखा रहा थी..कि खड़े खड़े..उसके

पैरों में दर्द हो रहा हो...

जिसके कारण जेठालाल का लंड...पूरी गान्ड पे चल रहा था...

जेठालाल तो सातवे आसमान में था......


जेठालाल ने जैसे तैसे कर के डोरी बाँध ही दी...


जेठालाल :- हो...गा...या...र.ई..मा...जी...


रीमा तो मदहोशी में खुद थी....फिर भी उसने जवाब दिया..


रीमा :- थॅंक यू सर..


जेठालाल को चिंता थी कि कोई देख ना ले....


इसलिए को रीमा से हट के थोड़ा पीछे हो गया..


रीमा अपने मन में...ये आदमी तो एक दम फटतू है...लेकिन में भी आज बिना

कुछ करवाए..इसे जाने नही दूँगी.....

जैसे कि मेने पहले ही बताया था...रीमा तो बहुत ज़्यादा चांट है..साली कमिनि..

अपना रस निकलवाने के लिए कुछ भी करेगी.....


रीमा तुरंत आल्मिरा खोलने के लिए...नीचे झुकी...जिससे उसकी गान्ड पीछे की तरफ

हो गई.....और फिर से जाके सीधा घुस गयी जेठालाल के लंड पे...


हाहहहहाहा...जेठालाल की तो शक्ल देखने वाली बन गयी...

ना तो वो खुश होते बनता.....ना दुखी होते...


(बॅक ग्राउंड . म्यूज़िक... बच्चे की रोने की आवाज़...)


रीमा जान बुझ के अंदर कोस्ती मे ढूढ़ने लगती है...और बार बार...कभी

इधर गान्ड हिलती तो कभी उधर...

जिससे जेठालाल का लंड रीमा की गान्ड पे इधर उधर हो रहा था...


जेठालाल तो नशे में डूब रहा था...

और रीमा तो मदहोशी में जा चुकी थी....


अब वो इधर उधर करने के साथ साथ...अपनी गान्ड आगे पीछे भी कर रही

थी.....जेठालाल का अपने पे कोई बस नही था....उसका हाथ ऑटोमॅटिकली..

रीमा की कमर पे चला जाता है...

अब देखने में ऐसा लग रहा था..जैसे रीमा की चुदाई कर रहा हो..

जेठालाल कपड़ों के उपर से....


रीमा कॉस्ट्यूम निकाल के ज़मीन पे रख देती है...लेकिन उसी पोज़िशन में..

रहती है...


कुछ मिनट ऐसे रहने के बाद...उससे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है...

वो सीधा खड़ी हो जाती है.....


और जेठालाल के सामने...फेस टू फेस होकर खड़ी हो जाती है....

जेठालाल को तो जैसे होश आता है...


वो रीमा को देखता है...और पीछे मूड के जाने लगता है...


लेकिन...


लेकिन रीमा उसके हाथ को पकड़ लेती है....


जेठालाल :- ये क्या कर रही हैं आप??


रीमा :- देखिए अब नाटक करने की कोई ज़रूरत नही है....अब मुझसे रहा नही जा रहा..


जेठालाल :- लेकिन ये सब यहाँ...


(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक.. बच्चे के रोने की आवाज़..)


रीमा :- उस सबके के बारे में कुछ मत सोचू..


जेठालाल :- नही...में नही कर सकता..


और जाने लगता है....


लेकिन रीमा जेठालाल का हाथ पकड़ के....


आल्मिरा के साइड में...दीवार से सटा देती है....

और उसके गाल में चुंबनों की बौछार कर देती है…


जेठालाल :- देखिए छोड़ दीजिए....प्लीज़....


रीमा तो सुन ही नही रही थी...वो तो कभी दायें..तो कभी बायें...गाल और

गर्दन पे चुंबन करे जा रही थी...


देखा जाए..तो आज जेठालाल का रेप हो रहा था...


और फिर रीमा जेठालाल के तपते कड़क्ते हुए लंड पे हाथ रख देती है...और वो

भी डाइरेक्ट अंदर..चड्डी में हाथ डाल के...


जेठालाल के कान में से तो धुआँ..निकलने लगता है....


जेठालाल :- प्लीज़...


रीमा :- उसके मुँह पे उंगली रखते हुए.....सस्शह......

देखो आज जब तक तुम मेरी प्यास नही भुजाओगे...तो नही जाने दूँगी..


जेठालाल :- लेकिन..


रीमा :- कहा ना..स्शह.....


और जेठालाल के लंड को उपर नीचे करने लगती है...


जेठालाल की आँखें धीरे धीरे बंद होने लगती है....उसके दिमाग़ ने अब

काम करना बंद कर दिया था...

रीमा के कोमल हाथ जब लंड पे चल रहे थे...तो जेठालाल को स्वर्ग

की दुनिया दिखाई दे रही थी....


रीमा जेठालाल का हाथ पकड़ के....सीधे अपनी कच्छि के अंदर..अपनी..

तपती...चूत के उपर रख देता है...


जेठालाल की आँख खुल जाती है....और रीमा की आँखों से टकराती है...

और जेठालाल देखता है रीमा की आँखों में सिर्फ़ नशा ही नशा होता है...


अब वो भी तो होश खो चुका था.....उसने अपनी 3 उंगलियों से चूत को

सहलाया........


रीमा के मुँह से एक हल्की सी...अहह..निकली....उस आहह में नशे की खुश्बू..

सूंघ सकता था जेठालाल.....


अब जेठालाल को बस इतना ही पता था..कि आज उसे किसी भी हालत में..इसका भोसड़ा

फाड़ना है...

अब उसने अपनी उंगली चलानी शुरू कर दी....


नीचे रीमा ने लंड पे वार करना शुरू कर दिया....


जेठालाल ने अपनी 2 उंगलिया चूत में घुसा दी....और उससे अंदर बाहर करने

लगा.....

रीमा से ये बर्दास्त करना मुश्किल हो गया...और वो जेठालाल के कंधों

पे गिर गयी...

और उसके कान के पास जाके..


रीमा :- आहह.....ओह्ह्ह सिर्र....ह्म्‍म्म्मममममम..उःम्म्म्म...

क्या बात है सर्र...अह्ह्ह्ह...बस ऐसे हे करते रहिए....अहाोहो....


जेठालाल की उंगलिया तेज़ होने लगी थी....

लेकिन रीमा के लंड पे हाथ ढीले पड़ गये थे...वो अब लंड को धीरे

धीरे उपर नीचे कर रही थी....


लेकिन जेठालाल तो और नशे में डूब रहा था..क्यूँ कि रीमा की नशीली

साँस जेठालाल के कानो में पड़ रही थी......


जेठालाल ने उंगली की स्पीड और तेज़ कर दी....चूत पूरी गीली हो गई..थी..

जेठालाल ने अपनी 3 फिंगर घुसा...


रीमा :- आह.....सर....प्लीज़ ऐसे ही....आइ म जस्ट कमिंग.....


जेठालाल को कुछ समझ तो नही आया....लेकिन वो अपने काम में लगा रहा....


और और.....बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा....चूत में से..फॅक फॅक..

जैसी आवाज़ें आन लगी.....जेठालाल की उंगली पूरी पानी में भीग गई थी...


रीमा से बर्दास्त करना मुश्किल हो गया था...अब उससे रहा नही जा रहा था..


रीमा :- अहह ओह्ह्ह्ह......आइ आम कमिंग....................


और वो झड जाती है...जेठालाल के हाथो पे...


एक के बाद एक तीन झटके खाती है...और अपना सारा पानी छोड़ देती है.....


और पूरी तरह से कंधों पे सिर रख के उस पर अपना सारा बोझ डाल देती है..


जेठालाल :- अरे अब मेरी भी तो सेवा कर दो...


रीमा :- थॅंक यू सिर...

और जी..बिल्कुल.....

और जैसे ही लंड पे हाथ रखने वाली होती है..


तभी एक आवाज़ आती है...


जेठालाल.....ओ जेठालाल....


जेठालाल और रीमा की गान्ड फट जाती है.....


जेठालाल रीमा को ऐसे धकका देता है...जैसे कोई आदमी छिपकली...को अपने

उपर से फेंकता है.....


वो आवाज़ तारक की थी....


तारक :- जेठालाल यार इतनी देर हो गई..क्या आकर रहे हो...


वहाँ सिर्फ़ जेठालाल ही होता है...रीमा दिखाई नही देती तारक को..


तारक :- रीमा मेडम कहाँ है..


जेठालाल :- अरे वो देखिए वो रही...


तारक अपनी गर्दन घुमाता है....


तारक :- ओह्ह रीमा जी आप यहाँ हैं....


एक्चुअल रीमा दरवाजे के पीछे छुप गई थी..जब तारक अंदर आया...तो उसे

रीमा दिखाई ही नही दी......


रीमा :- आक्च्युयली सर...वो कॉस्ट्यूम नही मिल रहा था...बस उसी में टाइम लग गया..


तारक :- अब तो मिल गया ना..


रीमा :- जी...


तारक :- तो चलें..


रीमा :- जी...


और रीमा जेठालाल को देखते हुए..एक हल्की सी स्माइल देते हुए..चल देती है..


तारक भी चल देता है…


तारक :- अरे जेठालाल तुम्हे नही चलना क्या???


जेठालाल :- होश में आते हुए...

जी मेहता साब चलीए...


और चल देता है तारक के पीछे और सोचता है...


जेठालाल अपने आप से.....किस्मत को रोते हुए...हहहे..


हे भगवान.....तू कौन से जन्म का बदला मुझसे ले रहा है....क्या तुझे पूरी

दुनिया में सिर्फ़ और सिर्फ़......में ही मिलता हूँ...जो हर बार मेरी ही किस्मत

के साथ ऐसा मज़ाक करते हो आप...

बोलो..कुछ बोलो....

ये मेरी किस्मत...हर तरीके से खराब है.....ढंग से फारिग भी नही हो पाता..


और अपने लंड को देखते हुए...जो आधा अभी भी खड़ा हुआ था...

तू क्या हर बात पे अपना सर तान के खड़ा हो जाता है....

कोई और काम धंधा नही है तुझे....

तू तो आराम से खड़ा हो जाता है...

और परेशानी हमे होती है...

बैठ जा....सो जा..कुछ भी कर..लेकिन अब अगर खड़ा हुआ...तो मुझसे

बुरा कोई नही होगा...


और अपना मुँह लटकते हुए चलता रहता है.....


(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक......बच्चे की रोने की आवाज़)


जेठालाल मुँह लटकाता हुआ.......


और अपने आप से बड़बड़ाता हुआ ...


सुबह बबीता जी...और अब रीमा....दोनो....ने मेरे इस फन्फनाते लंड को तंबू

बना के.....अपना खुद का पानी छुड़वा लिया...और मुझे ऐसा ही छोड़ दिया..

सुबह से टाइम ही खराब है......

और हाँ मेहता साब से भी तो बात करनी है...


और बॅस यही बडबडाते हुए पहुच जाता है...चेनज़िंग रूम में..


जहाँ सभी खड़े गप्पे मार रहे थे......


अईयर :- लो आ गया जेठालाल...

जेठालाल तुम कॉस्ट्यूम लेने गये थे...या फिर बनाना....हाहहाहा..


जेठालाल गुस्से का मुँह बनाते हुए..


(बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक.... शेर की आवाज़..)


जेठालाल :- हाँ बना रहा था....आपको कोई प्राब्लम है...


अईयर का बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक.. आआयूऊऊऊओ...)


तारक :- अरे छोड़ो यार तुम दोनो..अब स्वीमिंग कॉस्ट्यूम आ गये हैं ना..


जेठालाल मन में..

अईयर....अब देख में तेरा क्या करता हूँ...


जब रीमा मोहन लाल के सामने जाती है....और उसे कॉस्ट्यूम देने लगती है..


और मोहन लाल की नज़र...रीमा की टाँगों पर पड़ती है....वो नीचे से देखता

हुआ...उपर पैंटी तक घूरता है....

और समझ जाता है...


मोहन लाल रीमा से धीरे से....


मोहन लाल :- अच्छा रीमा तो तुमने मस्ती कर ही ली..


रीमा चौंकते हुए...


रीमा :- आपको कैसे पता...


मोहन लाल :- तुझे तो पता है ना..में कैसा खिलाड़ी हूँ.....अपन पैर देख

चूत की साइड से नीचे तक गीले पड़े हैं....

तो कर लिया ना जेठा भाई के साथ मस्ती..


रीमा :- ओह्ह सर..आपकी नज़र तो कितनी तेज़ है....

नही सर पूरी तरह मस्ती नही की....बस थोड़ा सा ही किया.


मोहन लाल :-अच्छा..तो...


अब्दुल :- मोहन भाई...क्या बात हो रही है...

कॉस्ट्यूम ले लो...रीमा जी से..


मोहन लाल :- ओह्ह हाँ अब्दुल...और मोहन लाल रीमा से कॉस्ट्यूम ले लेता है..

और रीमा को जाने के लिए बोलता है..


रीमा चली जाती है......

लेकिन एक बहुत इंपॉर्टेंट बात बताना भूल जाती है....


मोहन लाल :- जेठा भाई...आप बाँटो सबको कॉस्ट्यूम.....


जेठालाल :- अरे आप ही दे दीजिए..


मोहन लाल :- क्या कहा आपने...


जेठालाल :- घबराता हुआ...नही नही..मेने कहा..आप अपनी रख लीजिए और बाकी मुझे

दे दीजिए...


मोहन लाल :- ह्म्म ये लीजिए..


और मोहन लाल अपनी कॉस्ट्यूम लेके घुस जाता है अंदर..


जेठालाल बाटने लगता है..


सबसे पहले तारक को देता है..


फिर सोढी को..


और फिर अब्दुल को....


फिर देता है....भिड़े को...


और चल देता है....चेनज़िंग रूम की तरफ...


ओ जेठालाल ओ...अरे मेरी भी तो दो..


जेठालाल :- पीछे मुड़ता हुआ...ओह्ह अईयर भाई..सॉरी मेने तो ध्यान ही नही दिया...

कि आप की भी मेरे पास आ गये है...

ये..हाँ ये वाली आपकी...लीजिए...


अईयर अपना मुँह बनाता हुआ...घुस जाता है......


और जेठालाल अपने चेनज़िंग रूम में.....


करीब 15 मिनट बाद...सभी जेंट्स खड़े थे....कॉस्ट्यूम पहन के....

शवर लेके....


अईयर :- मेहता साब...ये कॉस्ट्यूम बड़ा अजीब सा है....


तारक :- क्यूँ अईयर भाई...आपका वो....अंदर फिट नही आ रहा क्या???


हाहहहहहहः.....सभी हंस पड़ते हैं इस बात पर..


जेठालाल :- मेहता साब...ग़लत.....अईयर भाई का है...ये ही नही पता...तो...

फिट आएगा कि नही कैसे पता चेलगा...


अहहहहहहहहा....सभी एक बार फिर हंस पड़ते हैं…


अईयर :- जेठालाललललल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल......चिल्लाते हुए...


जेठालाल की फट जाती है..


मोहन लाल :- अईयर भाई कूल...जेठा भाई..तो मज़ाक कर रहे हैं..


जेठालाल :- हाँ में तो सिर्फ़ मज़ाक कर रहा हूँ....


सोढी :- अच्छा भाई लोगों अब बाहर चलें क्या.....


सभी हाँ बोल कर निकल जाते हैं बाहर....


टाइम हो गया था 11:00.......आसमान में धूप का असर बढ़ता जा रहा था...


और स्वीमिंग पूल में और उसके आस पास का भी नज़ारा भी काफ़ी गरम

हो चुका था.....


एक एक से एक चिकनी...गोरी मेम....घूम रही थी...वहाँ पर...हाँ कुछ मर्द भी थी..

लेकिन वो देख के क्या करना है...


स्वीमिंग पूल के बाहर पड़ी चेयर पे मस्त टाँग फैला के लेटी थी.....और कुछ

स्वीमिंग पूल में तैर रही थी...


भिड़े :- सोढी वो देख...एक से एक जलपरियाँ लग रही हैं तैरते हुए.....


उसका इशारा एक ब्लॅक बिकनी वाली गोरी पर था...जो स्विम्मिंग करती उन्ही की तरफ

आ रही थी....


हाँ आपको ये बता दूं..कि कौन कैसे खड़ा था...


पूल के किनारे में भिड़े....उसके बगल में सोढी....फिर अईयर....

उसके बगल में अब्दुल...फिर जेठालाल...फिर तारक...और उसके बगल में मोहन लाल...


सोढी :- भिड़े प्रा...तू बोलता है..तो बात करूँ इससे..


भिड़े :- अरी सोढी मरवाएगा क्या...वैसे भी माधवी भड़की पड़ी है...


सोढी :- अहाहहाहहः...


अईयर :- क्या हुआ सोढी...क्यूँ हंस रहा है....


भिड़े :- अरे अईयर इधर देख इधर....


और अईयर की नज़र भी उस गोरी मेम पे पड़ती है....

उसका तंबू बन जाता है नीचे से.....


तारक जेठालाल और मोहन लाल....तो वहाँ लेटी मस्त बिकनी पहने...

3 गोरी मेम को देख रहे थे........


वो तीनो गोरी मेम कुछ कम सूपर हॉट नही थी...साली इतनी छोटी छोटी...

बिकनी पहन रखी थी..कि आधे से ज़्यादा अंग दिख रहे थे.....

इन तीनो के भी तंबू बने हुए थे.....


चलते हैं भिड़े के पास.....


अब वो स्वीमिंग करने वाली गोरी मेम....स्वीमिंग पूल की सीडियाँ चल के....

बाहर निकल रही होती है......और इन तीनो के सामने...मतलब भिड़े सोढी...

और अईयर...


इन तीनो के सामने....अब उस गोरी मेम की चिकनी...गोरी..एक दम हॉट बॉडी सामने थी..

और उसस्की बॉडी से फिसलता हुआ..एक एक बूँद का पानी ऐसा लग रहा था...जैसे

गरम तवे पे किसी ने पानी की बूँद छिड़क दी हो..


वो गोरी मेम..इन तीनो को दिखती है....इन चारों की नज़र आपस में टकराती है...

वो गोरी में आगे बढ़ती है...और टवल उठा के....इन तीनो की तरफ एक हल्की

सी स्माइल देती है.....


ये तीनो भी स्माइल देते हैं....


लेकिन वो गोरी मेम..कुछ नही बोलती ना..इनके पास में आती है...

वो तो मुड़ती है...और जाने लगती है...


अब भिड़े भाई साहब भी पीछे मुड़ते हैं...

और हल्का सा झुक के...उस गोरी मेम की गदराई गान्ड को देखने लगते हैं...

जो टुम्हक ठमक के उपर नीचे हो रही थी.....


और भिड़े उन्हे ऐसे ही देखता.....झुक कर...


अचानक एक आवाज़ होती है.....


और उन तीनो..यानी कि जेठालाल....तारक और मोहन लाल की नज़र उस आवाज़ पे पड़ती है...


सोढी :- ओई भिड़ुउऊुुुुुुुुुउउ हाहहहहाहा....


अईयर :- आत्मराम...हाहहहः....


तारक :- भिड़े ये क्या हुआ......


सोढी :- ऊओ मेहता साहब...इस शिक्षक महोदय को....दूसरे की चीज़ें देखने

का बहुत शौक है...इसी वजह से ये हाल हुआ है इनका...हाहहहः...


जेठालाल :- क्या मतलब...


सोढी :- वो हुआ यूँ जेठा प्रा...


और सारी स्टोरी बताता है…


तो हमारे भिड़े प्रा बड़े मज़े से झुक के देख रहे थे...


पैर फिसला और सीधा अंदर...हाहहहाहा...

नतीजा तो आप सब देख हे रहे हो...


जी हाँ अब तक आप सब समझ ही गये होंगे....कि क्या हुआ...


भिड़े नीचे स्‍वमिंग पूल में गिरा पड़ा था......

अब इतने ध्यान से किसी की गान्ड देखेगा...तो यही होना था...


अईयर :- भिड़े पानी कैसा है..ज़्यादा ठंडा तो नही है ना...


जेठालाल :- अईयर भाई उसमे भिड़े को क्या तकलीफ़ देना..


अईयर :- क्या मतलब जेठालाल...


जेठालाल :- अभी बताता हूँ...


और जेठालाल अईयर को भी............हाहहहहहहा....


हाँ जी धक्का दे देता है....स्वीमिंग पूल में..


बाहर खड़े सभी हँसने लगते हैं...


अईयर पानी में जाके....


अईयर :- जेठालाल मैं तुमको छोड़ूँगा नही...

अभी आता हूँ बाहर..


जेठालाल :- हाँ हाँ आओ बाहर...


जेठालाल अपने मन में....


अईयर..बाहर आएगा कैसे....अब तो तू देख..क्या मज़ा चखाता हूँ तुझे..

हहेहेहेः....


और अईयर स्वीमिंग पूल से चिल्लाता है...


सभी उसकी तरफ देखते हैं..


भिड़े :- क्या हुआ अईयर...


सोढी :- क्या हुआ अईयर प्रा...


अईयर :- आत्मराम..मेर मेरी..


भिड़े :- क्या मेरी..


अईयर :- अरे मेरी कॉस्ट्यूम उतर गई..और पता नही कहाँ गई..


भिड़े :- कैसे....


सोढी :- ऊ तेरी की...


तारक :- क्याआअ.......


सब के सब हैरान थे सिवाय जेठालाल के........


ऐसा क्या कर दिया जेठालाल ने.....

वी विल सी इन नेक्स्ट अपडेट....


,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


जेठालाल ने अईयर को स्वीमिंग पूल में धक्का दे दिया था....


और भिड़े के साथ अईयर भी पानी में था...लेकिन फ़र्क इतना था कि..


अईयर की कॉस्ट्यूम उतर गई थी......


अब आगे............!!!


भिड़े :- कैसे....अईयर ऐसा कैसा हो सकता है..


अईयर :- आत्मराम...में झूठ बोलूँगा क्या...


सोढी :- अईयर प्रा...पानी के अंदर देख...वहीं कही होगी...


तारक :- हाँ देख..


भिड़े :- तुम रूको..में देखता हूँ.....


और फिर भिड़े थोड़ा सा पानी के नीचे जाके....कॉस्ट्यूम खोजने की कॉसिश करता है..

लेकिन उसे भी ढंग से स्वीमिंग नही आती होती है....इसलिए उसे नही मिलती और वो पानी के

उपर आ जाता है..


अईयर :- आत्मराम मिली....


भिड़े :- नही मिली भाई..पता नही कहाँ चली गई..इतनी देर में...


अब्दुल :- भिड़े भाई..ज़रा ढंग से देखिए इधर उधर ही होगी...


भिड़े :- एक कम कर तू आ कर देख ले...बड़ा आया एक बार देख लो..


अब्दुल :- नही में तो वैसे ही..


तारक :- तो अईयर अब क्या करेंगे...


मोहन :- थोड़ी देर रूको अईयर भाई..में आपके लिए कुछ इंतेज़ाम करता हूँ..


जेठालाल :- अरे मेहता साब....अईयर भाई को छोड़ो....इधर देखो इधर.......


तारक :- अरे जेठालाल तुम भी ना....इधर......


बोलते बोलते मुड़ता है...और बस इतना ही बोल पाता है......


बाकी सबकी की नज़र भी जेठालाल के इशारे की तरफ बढ़ती है.....


सबकी आँखें.......फट जाती है....और जबके मुँह खुल जाते हैं...

और एक टक सब देखते रहते हैं उस तरफ....


जानना चाहेंगे कहाँ देख रहे थे.......

वैसे जब इतनी हॉट जगह पे खड़े होंगे तो....कुछ ना कुछ तो दिखाई देगा ही..

गोरी मेम.......नही...ग़लत.......


इस बार जो उन्हे दिखाई दिया...वो कोई विदेशी नही...बल्कि पूरा देसी माल था...


जी हाँ और वो देसी माल कोई और नही....बल्कि उन सबकी की बीवियाँ ही थी......


सबसे पहले एंट्री हुई......रोशन की.......


रोशन ने माधवी की येल्लो कलर की बिकनी पहन रखी थी....


वो यलो कलर में सूपर हॉट लग रही थी...बाल तो उसके हैं ही कर्ली..

उसने पीछे की तरफ करके रिब्बन से बाँध रखे थे.......


माधवी और रोशन के साइज़ मे ज़्यादा फ़र्क नही है...इसलिए उसकी ब्रा पहन ने में

कोई ज़्यादा दिक्कत नही हुई....लेकिन फिर भी उससे चुचों की शेप उस ब्रा में

शानदार नज़र आ रही थी..

नीचे पैंटी भी सही थी.....आगे से तो पूरी चूत कवर थी..गान्ड का अभी पता नही.

क्यूँ कि अभी वो सीधी खड़ी थी.....

लेकिन उसकी गोरी गोरी टाँगें....कोमल सा पेट..और सुंदर हाथ .. कोई भी छूने के

लिए तरस जाए......


उसके बाद एंट्री होती है माधवी की.....


और माधवी ने ब्लू कलर की बिकनी पहन रखी थी.....

लेकिन माधवी ने बिकनी पहनी थी..बबीता की....लो जी.....


बबीता की ब्रा का साइज़ तो कोई भी पहनेगा तो उसकी तो ब्रा ही लटक जाएगी....


और वही हाल माधवी के साथ हुआ था...


माधवी की ब्रा लटक रही थी.....


अगर उसे पास जाके थोड़ा झुक के देखे..तो माधवी की चुचे कोई भी

देख सकता था...


उसके बाल बँधे हुए थे..जुड़ा बना रखा था...


पैंटी तो सही आ रही थी उसे....आगे से....थोड़ी सी बाहर की तरफ लटकी हुई थी...

कोई भी आसानी से हाथ अंदर डाल के चूत के साथ खेल सकता था…


तीसरी एंट्री हुई...दया की.....


एक दया ही थी...जिसने अपनी साइज़ की बिकनी पहनी हुई थी...ग्रीन कलर की बिकनी थी..


दया भी शरमाते शरमाते हुई..अपने अंगों को ढँकते हुई...पीछे से आ रही

थी...


ऐसा भी बुरे नही है उसके चुचे...और उसका शरीर...बिकनी में तो काफ़ी मस्त लग

रहा था....


बूब्स तो कवर्ड ही थी...लेकिन बीच की दरार को देखा जा सकता था...वो तो

हर बिकनी में दिखता है...

और चूत भी पूरी तरह से अंदर फसि हुई थी.....

हल्की सी टाइट थी...जिसकी वजह से चूत का छेद हल्का सा दिख रहा था पैंटी के

उपर से....

लेकिन दया का जिस्म है बहुत गोरा..इसलिए उसकी जांघे..और उसका पेट..काफ़ी

आकर्षित दिख रहा था......


इन तीनो को देख कर सबके मुँह फटे पड़े थे...

ख़ासकर जेठालाल सोढी और भिड़े के...इन तीनो की तो पत्नियाँ ही थी...


माधवी को देखकर तारक पागल हुआ था....और साथ ही साथ हमारे अब्दुल भाई साहब

भी....अब्दुल ने तो माधवी की चूत और गान्ड तक मार रखी है..और आज तक किसी

को कुछ पता नही चला है.....


भिड़े का तो पानी के अंदर ही तंबू खड़ा हो गया था..रोशन को देख कर...


और सोढी तो रोशन को देखने की वजह से ही खड़ा हो गया था....

लेकिन उसकी नज़र जब दया पर गई...तो उसका लंड और फूल के बड़ा हो गया...


कुछ मिनट तक तीनो ऐसे ही देखते रहे.....


और इतनी देर तक किसी की एंट्री भी नही हुई....


लेकिन उसके बाद एंट्री हुई रीता की.....

जो इस सोसायटी की सबसे छोटी औरत थी..उमर के हिसाब से..


लेकिन देखने में तो यह भी कम नही थी......


रीता ने ब्लू कलर की बिकनी पहनी हुई थी.....


लेकिन किसी....खुद की तो नही पहनी हुई थी....


क्यूँ की उसकी भी ब्रा माधवी की तरह.....आगे की तरफ सी लटक रही थी..

अब क्या करे बेचारी...उसके छोटे छोटे बूब्स...लेकिन कड़क...

उस ब्रा में छोटे थे...


और रही बात पैंटी की...तो वो भी बड़ी ही थी.....

चलते टाइम..वो बार बार..अपनी पैंटी को उपर कर रही थी......

जबकि उसस्की डोरी बँधी थी....


तो देखा जाए...रीता तो आज ओपन बुक थी....कोई भी उपर से...और नीचे से...

दोनो तरफ से बजा सकता था....


अब क्या करें भाई साहब.....बिकनी भी तो इसने..रोशन की पहन रखी थी..

जिसके चुचे बबीता को थोड़ा बहुत...बहुत ही थोड़ा टक्कर देती है.....


लेकिन रीता ब्लू बिकनी में एक दम मस्त माल लग रही थी..


रीता को देखकर...मोहन लाल का लंड अकड़ के कॉस्ट्यूम फाड़ने वाली हालत

में हो गया था.....


क्यूँ कि उसको इस उमर की लड़कियाँ बेहद पसंद थी.....साला ठर्की कहीं का..

तभी इस उमर की लड़कियाँ रख रखी थी.......


कुछ 5 मिनट तक कोई और नही आया...


और लॅडीस भी वहीं खड़ी थी..उनहोने अपनी नज़र इधर उधर घुमा रखी थी..

किसी की भी नज़र अपने पतियों से नही मिल रही थी........


इधर जेंट्स भी इंतजार कर रहे थे...

और शायद अब यही सोच रहे होंगी...कि अब कौन आएगा...और कैसा लगेगा..


सभी जेंट्स ने आपस में एक बार नज़र मिलाई...लेकिन दूसरे ही पल अलग कर ली..

सब के ध्यान से ये तो निकल ही गया..कि अईयर अंदर पानी में नंगा है..

अरे सबको छोड़ो ... अईयर भाई खुद भूल गये थे...कि वो नंगे पड़े हैं..

स्वीमिंग पूल के अंदर....


चहल पहल तो वैसी ही थी स्वीमिंग पूल में ... और उसके आस पास...

बल्कि अब तो और ज़्यादा लोग घुस गये थे स्वीमिंग पूल में...

और बढ़ते ही जा रहे थे इनफॅक्ट.....


बस यही सब चल रहा था....


तभी एंट्री हुई...............


जिसे देख के पहले तो अईयर की आँखें फट गई.....और तारक की भी.....


जी हाँ एंट्री हुई थी..अंजलि की.......


अईयर का तो नंगा लंड पानी में फनफना रहा था...तारक को तो अपनी आखों

पे विश्वास नही हो रहा था.....की उसकी बीवी इतनी हॉट लग सकती है...


अब उसको कोई कैसे समझाए.....कि अगर औरत अपने पे आए...तो आदमी के लंड

का कचूमर निकाल के...उसके लंड में जितना पानी हो..वो खिच के बाहर निकाल दे...


अब अंजलि का हुलिया भी बता ही देते हैं..अब सब भी बेकरार होंगे जानने के लिए....


अंजलि ने पहनी थी...रेड कलर की.....


रेड कलर उसकी वाइट स्किन पे बहुत ही ज़्यादा सूट कर रहा था.....


लेकिन सबसे इंपॉर्टेंट बात तो ये है....उसकी बिकनी पहनी किसकी थी....

सोचिए..अगर याद है आपको तो..


चलिए में ही बता देता हूँ....जी हाँ इस सोसायटी की एक मात्र...

रिपोर्टर की.....रीता की.......


अब छोटे छोटे चुचों की ब्रा ......... एक मस्त बड़े चुचों वाली औरत

पहनेगी.... तो क्या हाल होना है...वो तो पता हे है....सबको

लेकिन फिर भी में डीटेल में बता देता हूँ.....


अंजलि ने अपने बाल बाँध रखी थी....लेकिन कंधे तक आ रहे थे.....


रेड कलर की ब्रा...जो उसने पहन रखी थी.....

उसमे उसकी चुची इस तरह दिख रही थी..कि हाई..फ़ाई का भी मन डोल जाए..

और उसके चुचों को जाके कस कस के दबा दे....


छोटी ब्रा होने की वजह से....उसके आधे बूब्स उपर की तरफ से बाहर

आ रहे थे....और एक तरीके से देखिए तो 70 पर्सेंट चुचे सॉफ सॉफ दिखाई

दे रहे थे...और बूब्स की दरार तो सॉफ दिखाई दे रही थी…


अब रीता की तो कमर भी छोटी सी थी....तो इसलिए पैंटी भी छोटी ही होगी...

पैंटी भी बड़ी मुश्किल से पहनी हुई थी......चूत तो बिल्कुल चिपक गई थी...

लेकिन रेड कलर होने की वजह से उसके दर्शन नही हो रहे थे किसी को....


अंजलि ने सभी जेंट्स की तरफ देखा...

और खास के तारक की तरफ...जो उसी को देख रहा था....


अंजलि के मुँह पे हल्की सी सेडक्टिव स्माइल आती है.....


वो कुछ सोचती है...और थोड़ा आगे आके..पीछे की तरफ पलट जाती है....


अहाई अल्ला...तौबा तौबा....क्या ग़ज़ब की लग रही थी पीछे से.....


ऑलमोस्ट न्यूड बॅक....


अब एक पतली सी डोरी से बँधी ब्रा....बाकी की पूरी पीठ दिख रही थी.....

और नीचे आएँ....

तो जो भी देखी...उसका हाल ऐसा हो जाए.. कि अंदर अंडरवेर में

तो फिट ही नही हो पाई.....


अब छोटी सी पैंटी...बड़ी गान्ड पे घुसाने की कॉसिश करोगी..तो अंज़ाम तो

कुछ और ही होना है....


अंजलि की गान्ड... पैंटी में कम और बाहर ज़्यादा थी.....

मस्त गोरी गोरी सॉफ्ट गान्ड....सबकी आँखो के सामने थी....


अंजलि वापिस घूम गई....सबके रिक्षन देखने के लिए...


तारक के तो तोते उड़ गये थे......


और बाकी सबके भी ऐज यूषुयल...


लग भी डॅम हॉट आंड सेक्सी थी...कि कोई क्या करे......


अंजलि की नज़र तारक पे पड़ी..तो उसकी हँसी छूट गई हल्की सी...

तारक सब देख रहा था..लेकिन बोलने की हालत में नही था कुछ भी...


अंजलि अपनी नज़र वापिस खिच रही थी...कि उसकी नज़र लन्डो पर पड़ी...

जो कॉस्ट्यूम के अंदर से ऐसे देख रहे थे..जैसे बाहर आने को बेताब हो

रहे हों......


जी लंड सिर्फ़ तारक का नही देखा...बल्कि वो कुछ मिनट के लिए बहक गई..तो

उसने सभी खड़े जेंट्स के तंबू बने हुए लंड पे नज़र डाल ली...


जब उसे एहसास हुआ की ये उसने क्या किया...तो वो थोड़ा सा झेंप गई...


और अपने मन में...


ये क्या...सबके वो ऐसे....क्या सबकी सोच मुझे देख कर ऐसी हो रही है...

ये तो अच्छी बात नही है...

पर दूसरे ही पल को दुबारा सोचती है..

अरे इन सब की ग़लती भी नही है...अब इन सब के उस पर उनका कोई ज़ोर तो है नही..

अब में लग ही इतनी हॉट रही हूँ...कि किसी का भी ऐसा ही हो जाएगा....


अंजलि भी सबके साथ जाके खड़ी हो जाती है....


इधर जेंट्स की तरफ तो महॉल...गरम हो चुका था....

आग लगी हुई थी.....सबके दिल में..नही ....आग लगी थी..सबके लंड पे...


जेठालाल तारक की तरफ मुड़ता है..


तारक की नज़र तो अभी भी वहीं गढ़ी थी..


जेठालाल :- मेहता साब....


बॅस इतना ही बोलता है.....क्यूँ कि जब वो मेहता साब को देखता है..तो उसे

लगता है कि अभी कुछ बोलना बेकार है..


उधर स्वीमिंग पूल में भिड़े का तो चश्मा ही उतर गया था....वो अपनी

खुद की आँखों से देख रहा था...


और साथ में खड़े नंगे अईयर का तो हाथ अपने लंड पे चला गया था...


और अपने खड़े तंबू को हिलाना शुरू कर चुका था..जब अंजलि अपने अंगों

का प्रदर्शन कर थी .....


और हिलाने की स्पीड इतनी बढ़ गई कि उसे पता ही नही चला.....

और कुछ ही सेकेंड में हाँ जी कुछ ही सेकेंड. में..उसका रस बाहर आ गया...

और नंगे होने की वजह से स्वीमिंग पूल के पानी में ही मिक्स हो गया...


जब अईयर को एहसास हुआ..कि उसने इस हवस में क्या किया....उसने इधर उधर

नज़र दौड़ाई....


लेकिन उसे शांति मिली....उन सभी जेंट्स की तो नज़र वहीं जमी हुई थी...

और बाकी लोग भी नही देख सकते थे...क्यूँ कि पानी का कलर इतना डार्क था...

कि पानी के नीचे का हिस्सा तो दिख ही नही रहा था....


लेकिन हाँ ...हाथ हिल रहे थे..वो कोई भी देख सकता था..लेकिन शायद सब अपनी

मौज़ में थे... तो किसी ने ध्यान नही दिया.......


जेठालाल अपने मन में....


अब मज़ा आएगा...अब तो बस बबीता जी ही बची है......

जब ये सब इतने मस्त लग रहे हैं..तो सोच जेठा..बबीता जी क्या कहर ढा

रही होंगी आज.....

बबीता जी जल्दी आइए...अब मुझसे इंतजार नही होता......

और एक उसकी बत्तीसी सी फट जाती है...कहने का मतलब एक मुस्कान आ जाती है...


(बॅक ग्राउंड . म्यूज़िक हँसने की आवाज़....)


अईयर की नज़र जब जेठालाल पे पड़ती है...और उसे हँसता हुआ देखती है...

तो अपने मन में...


ये जेठालाल देखो कितना खुश हो रहा है...

मुझे पता है...कि ये क्यूँ खुश हो रहा है..

क्योंकि अब बबीता जो आने वाली है...

इस जेठालाल को तो में छोड़ूँगा नही...

अगर मेरी ये हालत ना होती तो में जेठालाल को बबीता को देखने ही नही देता...


(बॅक ग्राउंड . म्यूज़िक आईयैयूऊऊऊऊऊऊ....)


अईयर जेठालाल को देखते हुए...ये सब सोच रहा था..कि अचनाक उसे जेठालाल..

के एक्सप्रेशन में कुछ बदलाव नज़र आता हुआ दिखाई दिया....


तो उसकी नज़र फिर वहीं पर पड़ी जहाँ सारी लॅडीस खड़ी थी.......


वहाँ से सभी लॅडीस के पीछे से....किसी के आने का आभास लग रहा था..


आवाज़ तो नही आ रही थी...मगर साया देखा जा सकता था....


जेठालाल के दिल की धड़कन तेज़ हो रही थी.....

इसी लिए..कि बबीता जी कैसी लग रही थी...


और अईयर का दिल इसलिए धड़क रहा था....कि जेठालाल को वो कैसे देखने दे सकता है..

लेकिन उसे पता नही था....कि वो कुछ नही कर सकता उस समय.....


अब वो साया...लॅडीस के आगे आ गया था.......


जेठालाल का दिल मानो थम गया हो....ढक्कन बंद हो गया हो...

बबीता को देख कर्र...


जी हाँ..बबीता ही थी....वो साया....


फिलहाल इस वक़्त बबीता को साइड से देखा जा सकता था...

क्यूँ कि वो आगे आकर...थोड़ा टेडी होकर खड़ी हो गई थी.....

बातें करने के लिए...उसका फेस भी धबग से देखा नही जा रहा था..

क्यूँ कि वो उसके बालो से धका हुआ थाअ...


लेकिन यहाँ तो लंड में आग लग ही चुकी थी..सबके..


लेकिन सबके मुक़ाबले..जेठालाल की ज़्यादा लगी थी....


कहते हैं ना...कि जिस प्राणी को देखने की ज़्यादा इच्छा होती है...उसका हाल

सबसे ज़्यादा बुरा होता है....अग्री ना????


जेठालाल ...अपने मन में....


बबीता जी पलटीए....प्लीज़....पलट जाइए......


बबीता बात करते करते रुकती है...और अपना फेस टर्न कर लेती है..जेंट्स की तरफ...


मानो जेठालाल के मन की आवाज़ उसके कानो में जाके पड़ गई हो....


बबीता अपने चेहरे को पलट के सभी जेंट्स को देखती है...


जेठालाल की खुशी का ठिकाना नही था....कम से कम चेहरे को तो देखने को मिला....


बबीता सबके चेहररे को देख के थोड़ा हस्ती है.....

कुछ चल रहा था उसके दिमाग़ में......


जिसे समझना मुश्किल था..किसी को भी....


वैसे भी औरतों के दिमाग़ में क्या चल रहा है....इंसान क्या...कोई साधु भी

नही बता सकता...हहेहेहेहहे......


बबीता थोड़ा आगे आती है....


ठुमकते ठुमकते..आगे चलती है....


और अपने दोनो हाथ उठाती है...धीरे धीरे....


बालों को समेटती है...


अपनी गर्दन टेडा सा घूम की आँखें बंद करती है....


अपने राइट नी को थोड़ा सा बेंड करती है....और अपने पंजो को उपर की

तरफ करती है....उस पैर को अपनी उंगलियों के सहारे खड़ी होती है..

उसका लेफ्ट लेग बिल्कुल सीधा था...


अपनी छाती..यानी कि अपने बूब्स को थोड़ा बाहर की तरफ करती है.......


उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तौबा तौबा......क्या दिख रही थी बबीता उस वक़्त....


कहर ढा रही थी.........


कोई भी सेक्सी बिकनी मॉडेल भी उसके आगे पानी भरती.......


सब्भी जेंट्स का तो हाल ही बहाल हो गया था....


अरे सिर्फ़ सोसायटी के जेंट्स छोड़िए....

वहाँ खड़े हर एक आदमी का...चाहे वो देसी हो या विदेशी...


सभी बबीता को ताड़ रहे थे......


जेंट्स को छोड़िए...


पीछे खड़ी सोसायटी की औरतों का भी मुँह खुला का खुला रह गया था...

वो सब भी यही सोच रही होंगी...कि ये बबीता जी को क्या हो गया है.....


जेठालाल का मुँह खुला हुआ था...और उसमे से लार टपक रही थी....


मेरे मुँह से भी लटकती.....और आप सबके भी...अगर उस हालत में बबीता हम

सब के सामने आ जाती तो....


बता दूं....


या फिर थोड़ी देर रहने दूं....और..


आप इमॅजिन कर लो थोड़ा सा...


चलो थोड़ा और इंतजार कर लेते हैं....


चलो बता देता हूँ...नही तो आप सब बेचैन ही रहेंगे...


बबीता ने पहनी थी...ब्लॅक बिकनी....


सोचिए..वाइट स्किन ब्लॅक बिकनी...हाई...सोच के ही खड़ा हो जाए किसी का भी....


अब वो खड़ी भी ऐसे थी..कि पूछो मत..जैसे कि आप सब उपर पढ़ सकते हैं..


उपर से मेडम ने पहन भी रखी थी अंजलि की बिकनी.....


वैसे तो वो किसी की भी पहन ले..फिट तो उसे होनी नही थी....


अब वैसे भी उसके बूब्स इतने बड़े हैं..कि किसी की भी आखें उधर अटक जाए..


उपर से उसने पहन ली अंजलि की ब्रा...तो फिर तो होना क्या था...


अब वो बूब्स अंदर तो जा नही सकते थे...इतनी छोटी सी ब्रा में...


होना क्या था..आ गये बाहर....


अब उस पोज़ीशन में उसके बूब्स...तौबा तुआबा..मशाल्लाह....काफ़ी शानदार नज़र

आ रहे थे...


छोटी ब्रा की वजह से....उसके बस नीचे बूब्स के हिस्से...और उसके निपल...ही..अंदर

ब्रा के फिट हो रहे थे...और बाकी के बाहर थे...उपर के गोरे गोरे..बड़े बड़े

बूब्स...बाहर निकले पड़े थे....उसके बूब्स की नसें भी सॉफ दिख रही थी.....

ब्रा इतनी छोटी थी..कि निपल्स तक नज़र आ रहा था..यानी उसका उभार....


मान लीजिए..कि 85 पर्सेंट उसके बूब्स सॉफ देखे जा सकते थे....

उसके बूब्स की गहराई तो इतनी ज़बरदस्त थी..कि उनके अंदर का झाँकना

ही नामुमकिन था....


खाई सी बनी हुई थी......


अब बात करते हैं पैंटी की...तो वो भी छोटी सी...इतनी बड़ी गान्ड..उसमे फिट कहाँ

से होगी...

गान्ड तो छोड़ो चूत तो बेचारी दब ही गई थी...पूरी चिपकी पड़ी थी...

जिस तरह वो खड़ी थी..उसमे चोट को देखना तो थोड़ा मुश्किल था...

लेकिन उसके इस पोज़ीशन में खड़ा होने की वजह से......उसकी आधी गोरी गोरी..

मस्तानी.. वाली गान्ड सबके सामने ही थी......


सॉफ रंग में वो पतली कमर..और पेट...आए हाई.....मज़ा ही आ जाए..

उन्हे छूने की....


रही बात उसकी जाँघो की ...तो वो तो कई बार देखने को मिलती है...

गोरी गोरी...थोड़ी सी मोटी है..लेकिन है इतनी मस्त..कि घन्टो वहीं हाथ फेरते

रहे कोई भी..........


जेठालाल का तो बुरा हाल हो गया था...

उसका उस समय वहाँ खड़ा होना नामुमकिन सा हो गया था..


कॉस्ट्यूम के अंदर उसका लंड आग के गोले बरसा रहा था....

अगर उसे ठंडा नही किया गया...तो अंदर ज्वाला मुखी फट जाएगा..

ये हाल था बेचारे का...


बबीता ने अपनी आखें खोली...

और सबसे पहले उसने नज़र जेठालाल पे ही डाली..


और जब उसने जेठालाल की शक्ल देखी जो इस वक़्त ऐसी थी...जैसे भूके कुत्ते को..

किसी ने हड्डी दिखा दी...


तो बबीता के मुँह पर एक स्माइल आ गई......


(बॅक ग्राउंड म्यूजिक . आई छोरि...)


बबीता की नज़र नीचे होते हुए बंद होने को थी..तो उसकी नज़र जेठालाल..

के उस तंबू पर पड़ी....जिसे देख के कोई भी कह सकता था..कि अपनी औकात से

ज़्यादा वो लंबा हो गया हो...


बबीता की नज़र लंड पर पड़ने के बाद...टॅक्सी वाली बात याद आ गई..

तो वो हल्का सा शरमा गई...

और फिर से आँखें बंद कर ली.......


बस मिल गई संतुष्टि जान के...बबीता कैसी लग रही थी..


और जेठालाल के भड़तके..लंड की.....


तो आगे देखेंगे कि अब ये सब स्वीमिंग पूल में क्या जलवा दिखाते हैं...

और हाँ वैसे जेठालाल को बहुत जल्दी पानी में जाने की ज़रूरत है....

हहेहेहेहेहेहहे.........


सभी जेंट्स के कॉस्ट्यूम के अंदर उनका साँप फनफना रहा था....

अपनी अपनी बीवियों को देख कर..


चाहे वो स्वीमिंग पूल में नंगे हों...या फिर बाहर खड़े लोग...


सिवाय जेठालाल के..उसका लंड तो अपनी बीवी की वजह से नही...बल्कि

बबीता को देख के फनफना रहा था ...


फनफना क्या रहा था बल्कि...उसमे तो आग लग चुकी थी...उसे तो इस

वक़्त उस आग को भुजाने के लिए कुछ करना चाहिए नही तो..

वो आग ज्वाला मुखी बन के फट जाती...


लेकिन जिस तरह बबीता खड़ी थी...उसे देख कर तो किसी का भी लंड सही नही

रह सकता....


उस वक़्त को शिकारी लग रही थी..जो आदमियों के लंड का शिकार करती हो.....


इस वक़्त बबीता वैसे ही आँखे बंद करे..मॉडेल वाले स्टाइल में..हल्के से होटो

पे स्माइल रखते हुए खड़ी थी..


जेठालाल का मुँह अभी भी खुला था....लंड उचाई छू रहा था....शायद कुछ

पाना चाहता हो...


अचनाक बबीता ने आँखें खोली...और नॉर्मल पोज़िशन में खड़ी होके...सभी जेंट्स की

तरफ देखने लगी..जो इस वक़्त उस पर लार टपका रहे थे...


सभी जेंट्स सकपका गये...और उन होने ने नज़र इधर उधर घुमानी शुरू कर

दी..


लेकिन हमारे प्यारे सभी के दुलारे...खास कर के बबीता जी....जी..हाँ जेठालाल जी....

वो तो अभी भी वैसे ही अपनी नज़रे गड़ाए बैठे थे.....


बबीता की नज़र पड़ी..तो वो हल्की सा मुस्कुरा दी....

और फिरररर......


फिर वो एक ही झटके में मूडी......


बबीता ने क्या झटका लिया...इधर तो जेठालाल के कॉस्ट्यूम के अंदर झटके पड़ने लगे..

तहलका मचा दिया जेठालाल के लंड ने अंदर....

उसे संभालना मुश्किल हो गया था....


हो भी क्यूँ ना...बबीता जितनी आगे से कयामत लग रही थी..उतनी ही पीछे से भी तो

क़यमत ढा रही थी वो…


देखते रहने का मन हो...ऐसा दृश्य हो गया था....


जी अल्लमोस्ट न्यूड बॅक...


अब हल्की सी डोरी बँधी थी...जो कि ना के बराबर ही लग रही थी..इतनी मस्त पीठ पे...


गोरी चिटी पीठ...इतनी सॉफ्ट के पानी भी ना ठहरे....हाई...क्या लाजवाब पीठ है..


जेठालाल की नज़र जब बबीता के पिछवाड़े पे पड़ी...तो उसके कानों से तो

धुआँ ही निकल गया....


अब क्या करें मालिक....लग भी तो तौबा रही थी.....अब इतनी मोटी बड़ी बड़ी गान्ड

पे जब एक छोटे से रुमाल जैसे कोई कपड़े से बँधी होगी तो कैसी दिखेगी...

खुद ही सोच लीजिए...


चलिए दिमाग़ पे ज़्यादा ज़ोर मत मारिए...में खुद ही बता देता हूँ...


अब पहनी थी उसने अंजलि की पैंटी...अब अंजलि की गान्ड है तो इतनी बड़ी नही...

लेकिन बबीता के डबल साइज़ की है उससे....तो अब जब वो छोटी सी पैंटी पहन

के सामने आई तो...उसकी वो बड़ी बड़ी गान्ड..जो तरबूज जितनी है...वो उसमे

छुपी नही....तो बस बबीता की गान्ड की दरार को ही छुपा पा रही थी....


सबकी हालत पतली थी..वो गान्ड देख कर..चाहे कोई भी आदमी क्यूँ ना खड़ा वो

वाह्न स्वीमिंग पूल के आस पास....


जेठालाल अपने मन में...


बबीता जी...आज तो आप कहर ढा रहे हो....मेरा तो खुद पर से काबू छूट जाएगा

अगर थोड़ी देर आप ऐसी ही खड़ी रही तो...क्या मस्त गान्ड है आपकी...वाहह...

आज तो ये सच्चाई यहाँ खड़ा हर शक्स देख रहा है...

ये अईयर कितना लूसी है.....कि आप जैसी बाइफ उसे मिली है... (जी जेठालाल के कहने का मतलब है वाइफ)


बबीता अब चलते हुए...सभी लॅडीस के पास जा रही थी.....

जब वो चल रही थी..तो उसकी वो बड़ी बड़ी हेवी गान्ड..उपर नीचे हो रही ही..उस

छोटी सी पैंटी में......


जेठालाल की गर्दन भी कभी लेफ्ट तो कभी राइट...घूम इधर उधर ही रही थी..

बबीता की मटकती गान्ड को देखते हुए...


पूरे स्वीमिंग पूल पे खड़े आदमियों की नज़र बबीता पर थी...

पर सिवाय एक आदमी के....


जी हाँ सब ही जान गये होंगे....अईयर........


जी हाँ ... ऐसा नही है कि वो नही चाहता था बबीता को देखना...लेकिन उसकी नज़र तो

जेठालाल पर अटकी थी...


अब वो बाहर निकल के कुछ कर तो सकता नही था...इसलिए अंदर ही अंदर जेठालाल को

गालियाँ दे रहा था......


उधर बबीता सभी लॅडीस के पास पहुच गई थी....


उन सब में कुछ घुसर पुसर हुई..पता नही क्या बात हो रही थी..


इधर जेंट्स के तो तोते उड़े पड़े थे...........


उन में से कोई भी बात नही कर रहा था...बस अपनी गर्दन इधर उधर घुमा रहे थे..


तभी तारक की नज़र पड़ी.....


कि सभी लॅडीस उनकी ही तरफ आ रही है..


तारक :- अरे भाईयो देखो हमारी बीवियाँ इधर ही आ रही है..

ज़रा संभाल के रहना....मुझे तो कुछ गड़बड़ लग रही है..


अब जब सबकी नज़र पड़ी कि सभी लैडेस इधर ही आ रही है...तो सब घबरा गये..

क्यूँ कि उनके नीचे कॉस्ट्यूम में तंबू जो बना हुआ था...

सब उसे छुपाने की कॉसिश में लग गये....

लेकिन ओपन्ली सबके सामने तो हाथ से छुपा नही सकते थे....


सभी जानते थे..कि सबके नीचे तंबू बना है...


अब्दुल :- मेहता साब..कोई आइडिया निकालो..सब पास ही आते जा रहे हैं.....

उन्हने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी..


तारक :- अब्दुल बीवियाँ हमारी है..लेकिन खड़ा तेरा भी है..

तू तो बहुत चालू निकला..


अब्दुल :- मेहता साब...वो तो ठीक है..लेकिन में भी तो इंसान हूँ...

और उसे यानी मेरे लंड को थोड़ी पता है..कि ये मेरी बीवियाँ है..


जेठालाल :- मेहता साब..अभी अब्दुल को छोड़ो..कोई आइडिया निकालो..


सोढी :- हाँ मेहता साब...देखो रोशन और सब करीब आ रहे हैं..


तारक सोचने लगता है...


तारक :- एक आइडिया है........


अब्दुल :- क्या...


तारक :- पानी.....


मोहन लाल :- पानी से कैसे बिठाएँगे मेहता साब....


तारक :- अरे मोहन भाई..पानी से मतलब है...सब कूद जाते हैं स्वीमिंग पूल में..

तो किसी को कुछ नही दिखेगा...


जेठालाल :- हाँ ये सही रहेगा...


और ये बोलते ही...अब्दुल और सोढी तो छलाँग लगा लेते हैं....

उनकी देखा देखी मोहन लाल भी...


अब बचते हैं तारक और जेठालाल.


जेठालाल :- पहले आप जाइए...


तारक :- नही..दोनो एक साथ चलेंगे...


और तारक जेठालाल का हाथ पकड़ के कूद जाता है....


इसी तरह बाकी के भी जेंट्स पानी में होते हैं.....


अपने आप को सेट्ल करते हुए..पानी के उपर आ जाते हैं...


जिससे उनके उपर का हिस्सा ही दिखाई दे रहा था अब...

जैस ही सबकी गर्दन पानी में से निकलती है..


उन की नज़र सारी लॅडीस पर पड़ती है..जो कि स्वीमिंग पूल के किनारे में ही खड़ी थी..

अपनी अपनी कमर पे हाथ रख के....


अंजलि :- तारक अभी तो आप सब यहाँ खड़े थे...ये अचानक स्वीमिंग पूल में क्यूँ

कूद गये....


तारक :- वो वो..


बबीता :- और हाँ अईयर....तुम क्यूँ इतनी देर से अंदर हो..


अईयर :- वो बाब..


माधवी :- और आप...आप क्यूँ अंदर है...

ओहू..अच्छा..तो अब इन फिरंगियो...के पीछे पीछे आप स्वीमिंग पूल के अंदर उतर

गये....अब देखो आप...क्या करती हूँ आपका..


भिड़े :- आई माधवी आए..


रोशन :- क्यूँ रोशन...तू भी क्यूँ कूद गया..


तारक :- अरे आप लोग शांत हो जाए...

वो धूप इतनी तेज़..थी..कि..गर्मी ल .. ग र..ई थी..इसी ल..लिई...


अंजलि :- अच्छा गर्मी..


दया :- और टप्पू के पापा..आप...आप क्यूँ गये पानी में..


(जेठालाल का बॅक ग्राउंड म्यूज़िक.. बच्चे के रोने की आवाज़...)


जेठालाल :- अरे अब दया...वो..ओ ज..ब. सब अन्द.र.. आए.. तो मुझे भी आना पड़ा ना..


दया :- ओह्ह हन्न..सॉरी....


तारक :- अरे अंजलि..तुम तो कमाल की लग रही हो....


अंजलि :- अच्छा..जी..थॅंक यू..


जेठालाल :- और आप भी बबीता जी .......बहुत ही ज़्यादा...मस्त लग रहे हो..


(बबीता का बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक....अहन्ंनननननननननणणन्)


अईयर :- क्या मतलब जेठालाल..


(बॅक ग्राउंड म्यूज़िक.......आयूऊऊऊ)


जेठालाल :- वो वो....(बॅक ग्राउंड म्यूज़िक... फ्लश चलने की आवाज़..)


जेठालाल :- वो बबीता जी से लेकर..इधर दया तक...सब मस्त लग रहे हैं..

ऐसा कहा मेने...


तारक बात को बदलते हुए..


तारक :- अरे आप सब अंदर आइए ना....क्यूँ बाहर खड़े हैं...


बबीता :- ओह्ह एस आइ आम वेटिंग.....

लेकिन अईयर तुम जब से अंदर ही क्यूँ हो.....ऐसे..एक ही जगह पे ...


जेठालाल :- वो ऐसे ही खड़े रहेंगे..


सब जेंट्स हल्की आवाज़ में हँसने लगते हैं...जेठालाल की बात सुन के..


बबीता :- जेठा जी...क्या मतलब..


जेठालाल :- वो हुआ यूँ..बब..


अईयर :- कुछ नही बबिता.....वो तो बस ऐसे ही..तुम आओ ना...आओ...


बबीता :- ओके...सो कमोन .. लेट्स गो..


और सभी लॅडीस....अंदर आने के लिए स्वीमिंग पूल की सीडियों के पास चल

देती है..


अईयर :- जेठालाल प्लीज़..बबीता को कुछ मत कहना..


जेठालाल :- चिंता मत करो अईयर भाई..नही बताउन्गा..


अईयर :- थॅंक यू..


जेठालाल अपने मन में...अईयर भाई...में तो नही बताउन्गा..बबीता जी को अपने

आप ही पता चलने वाला है...हहेहेहेः....


एक एक करके सभी लॅडीस पानी में एंटर होती है.....


सभी एक साथ जेंट्स से दूर पानी के अंदर खड़ी होती है.....और एक डुबकी टाइप

लगाती है....और अपना सर पानी के अंदर चली जाती है.....


कुछ सेकेंड तक ऐसे ही रहती है...और फिर बाहर की तरफ आती है...


उफफफफफफफ्फ़....क्या ग़ज़ब की लग रही थी..सब के सब एक से बढ़ कर एक...


सबकी गीली ब्रा उनके चुचों से चिपक गई थी.....


बाल गीले होके चिपके हुए थे...


बबीता अंजलि..और रोशन तो कहर ढा रही थी..


माधवी और रीता....दोनो अपने चुचों के उपर हाथ रख के खड़ी थी...

गीली होने की वजह से उनकी बड़ी ब्रा में से उनके चुचे देखे जा सकते थे...


दया तो नॉर्मल थी..बट उसकी ब्रा कुछ थिन टाइप की थी..इसलिए उसके हल्के

ब्राउन कलर के निपल दिख रहे थे.....


माधवी और रीता....दोनो अपने चुचों के उपर हाथ रख के खड़ी थी...

गीली होने की वजह से उनकी बड़ी ब्रा में से उनके चुचे देखे जा सकते थे...


दया तो नॉर्मल थी..बट उसकी ब्रा कुछ थिन टाइप की थी..इसलिए उसके हल्के

ब्राउन कलर के निपल दिख रहे थे.....


अब स्वीमिंग पूल में काफ़ी ज़्यादा लोग हो गये थे...


मतलब पानी कम और लोग ज़्यादा नज़र आ रहे थे...गर्मी अपने पूरे उफान पे आ

चुकी थी....सूरज सर चढ़ के बोल रहा था.....


इसलिए गर्मी से बचने के लिए सभी स्वीमिंग पूल के अंदर थे.....


थोड़ा कार्यक्रम को आगे बदाते हुए.......


महॉल कुछ बदल सा गया......

ऐसा नही कि वहाँ पे हॉटनेस्स ख्तम हो गई थी...


अभी भी एक से एक आइटम वहाँ मौजूद थी...बल्कि और ज़्यादा बढ़ गयी थी..

कचा कच भरा हुआ था पूल...


बस फ़र्क इतना था...कि लोग अलग अलग बँट गये थे..गोकुलधाम के...


और वो कुछ इस प्रकार के थे...


एक तरफ कोने में तारक और सोढी खड़े थे..जो आपस में बात कर रहे थे..


तारक :- भाई सोढी...मज़े तो मोहन भाई के हैं...ऐश ही ऐश...


सोढी :- सही कहा मेहता साब...कोई टेन्षन ही नही है..


तारक :- हाँ...शादी करी है नही...मस्त रिज़ॉर्ट बना रखा है...और देखो

कैसे मज़े लिए जा रहे हैं..कोई रोकने टोकने वाला ही नही है.....


सोढी :- मेहता साब...वो तो है ही..लेकिन देखो साथ में अब्दुल प्रा...

भी लगे हुए हैं...


तारक :- हाँ भाई क्यूँ ना हो..उसकी भी तो शादी नही हुई है...

जो मज़े करे...देखो कैसे उछल रहा है.....


जी ये दोनो इसलिए जल रहे थे मोहन लाल और अब्दुल से..क्यूँ की...


उनके सामने वाली साइड पे...मोहन लाल...एक आजू बाजू...मस्त मस्त एक दम सेक्सी..

गोरी चिटी..पूरी देसी माल.. था...एक राइट साइड..एक लेफ्ट साइड...एक दो आगे...

एक दो अब्दुल के साथ...


सबके सब एक से बढ़ कर एक....छोटी छोटी ब्रा में..अपने चुचे दिखाते हुए..

और चिपक के ऐसे खड़ी थी..जैसे जान बुझ कर अपना दबावा रही हों..


और कुछ तो..कई बार...बार बार.. नीचे पानी के अंदर जाती..थोड़ी देर रहती ..

और फिर बाहर आ जाती...


मेरे ख्याल से पक्का लंड से मज़े ले रही होंगी...हहेहेः...

अक्सर होता है भीड़ भाड़ वाले पूल के अंदर…


दूसरी साइड....बबिता...माधवी और दया..को थोड़ी सी स्वीमिंग सीखने की कॉसिश कर रही

थी....


और एक आदमी की नज़र सिर्फ़ बबीता पर अटकी पड़ी थी...


सब ही जानते हैं.....


जेठालाल...ऐज यूषुयल....


जेठालाल ठीक बबीता के सामने...पूल की दीवार से टेक लगा के खड़ा था..

और अपने आप से..


जेठालाल :- बबीता जी...आप तो इस वक़्त जलपरी लग रहे हो...

मुझे भी सीखनी है आपसे स्वीमिंग...


और वो आगे बढ़ने ही लगता है...


उसे एक दम से एक बात याद आती है..


जी हाँ ट्रेन वाली बात...


जेठालाल अपने आप से..


में तो भूल ही गया...मुझे मेहता साब से वो वाली बात करनी है..

कहाँ है मेहता साब...


और वो अपनी गर्दन इधर उधर घुमा के देख लेता है तारक को..


जेठालाल :- वो रहे...चलो चलते हैं...


(बॅक ग्राउंड म्यूजिक......... फ्लश चलने की आवाज़..)


उधर अंजलि और रोशन पानी में स्वीमिंग कर रही थी...


अंजलि तो कयामत ढा रही थी..तैरती हुई....गान्ड पानी के उपर नज़र आ रही थी..


और उसकी तैरने की वजह से वहाँ पूल में खड़े कई लड़कों के तो मज़े ही

आ गये ... बार बार अंजलि का शरीर उनसे टच हो रहा था...

लोग ही इतने सारे थे वहाँ पर.....


जेठालाल पहुच जाता है...मेहता साब के साथ...


लेकिन बात कैसे करता..सोढी जो खड़ा था उसके पास.


जेठालाल :- अपने आप से..... ओफू..ये सोढी को कैसे भगाऊ यहाँ से..

आइडिया..


जेठालाल :- ऊ सोढी...तू यहाँ खड़ा है..


सोढी :- क्यूँ जेठा प्रा..यहाँ खड़ा होना मना है..


जेठालाल :- नही भाई....वो उधर रोशन भाभी तुझे याद कर रही है..इसलिए बोला.


सोढी :- ऊ की गल कर रहे हूओ..अभी जाता हूँ..


जेठालाल :- हाँ भाई जा जा...


और सोढी वहाँ से निकल जाता है...रोशन के पास..जानने के लिए....


तारक :- हाँ भाई जेठालाल...कहाँ आग लग गई है इस बार..


जेठालाल :- हाथ जोड़ते हुई...मेहता साब..आप तो ग्यानि महात्मा है...

आपको कैसे पता कि आग लगी है..


तारक :- भाई शक्ल देखी है.. अपनी... 12 बजे हुए हैं..इतनी बड़ी जगह पर भी..

जहाँ आराम से बैठ कर घन्टो आँखें सेक सकते हैं अपनी..


जेठालाल :- मेहता साब...इस बार जो आग लगी है..उसके लिए इस स्वीमनग़ पूल का

पानी भी नही भुजा पाएगा....


तारक :- तो फिर भाई..में कैसे भुजाउंगा..


जेठालाल :- मेहता साब...आप तो मेरे फाइयर बिग्रेड हो..आपको तो भुजानी ही पड़ेगी..


तारक :- लेकिन भाई....हुआ क्या है..वो तो बताओ...


जेठालाल :- हुआ यूँ ट्रेन में...........................


और पूरा हाल बताता है...


(बॅक ग्राउंड म्यूज़िक... तबले जैसी आवाज़...)


तारक जेठालाल की कहानी सुनने के बाद......


तारक :- क्य्ाआआआआआआआअ....

ऑलमोस्ट चौंकते हुए.....


जेठालाल :- ष्ह..आराम से मेहता साब....


तारक :- लेकिन जेठालाल तुम्हे पता है ना..क्या हुआ है..


जेठालाल :- मेहता साब...आप अपना भाषण देना करो..

और कुछ करो..


तारक :- जेठालाल...इस बार तुम्हरी ज़िंदगी में आग नही लगी है...

पूरा का पूरा ज्वाला मुखी फटा है....


जेठालाल :- में सब जानता हूँ मेहता साब....अब आप कृपया कर के..कुछ

सोचिए..


तारक :- ठीक है..रिलॅक्स...तुमने दया भाभी से पूछा कि आप किस की जगह सोई..


जेठालाल :- नही...


तारक :- ले...तो पूछो ना..


जेठालाल :- मेहता साब..दया हज़ारो सवाल करती है..मेरे मुँह से अगर कुछ निकल

गया तो मेरी बॅंड बज जाएगी..


तारक :- बॅंड तो तुम्हारी अभी भी बजी ही हुई है....हहे..

सॉरी हाँ...


जेठालाल :- आपको मज़ाक सूझ रहा है...


तारक :- अरे भाई..तुम एक बार पूछ के तो देखो ज़रा..आराम से...ऐसे ही बातों बातों

में पुछोगे तो ध्यान भी नही ज़्यादा देंगी दया भाभी..


जेठालाल :- ठीक है मेहता साब..अगर आप बोल रहे हो तो एक बार पूछ लेता हूँ..

लेकिन मेहता साब...दया की जगह जो कोई और भी है...तो उसने क्यूँ कुछ नही

बोला....


तारक :- ह्म ये बात तो बिल्कुल सही है...एक बार सब फेस पे देखते हैं...किसी के

फेस से कुछ तो पता चेलगा..


जेठालाल :- मेने ट्रेन में वो सब करा..लेकिन तब भी मुझे कुछ नही पता चला..

एक बार आप ट्राइ कीजिए...


तारक :- ह्म ओके..


और फिर तारक बारी बारी से...सबके फेस चेक करता है..

लेकिन किसी के चेहरे पर..कोई भी ऐसे एक्सप्रेशन नही थी...जिससे कुछ पता चल सके..


तारक :- नही जेठालाल....कुछ नही पता चल रहा...

तुम कुछ सोचो...कुछ ऐसा हिंट..जिससे हम पता लगा सकें..कि वो कौन है...


जेठालाल :- मेहता साब..कुछ भी याद नही है ....


तारक :- चलो कोई नही..टेंशन मत लो..ठीक हो जाएगा...

तुम दया भाभी से बात करो...


जेठालाल :- ठीक है मेहता साब......


और जेठालाल दया से मिलने चल देता है.....जो बबीता के साथ थी....


लेकिन जैसे ही वो वहाँ पौच्ाहता है...और बबीता के सामने आता है...

वो सब कुछ भूल जाता है..कि दया से कोई बात करनी है....


जेठालाल :- बबीता जी......


बबीता :- ओह्ह हेलो जेठा जी..


जेठालाल :- बबीता जी...आप आज बहुत अच्छे लग रहे हैं..


बबीता :- ओह्ह थॅंक यू सो मच..


जेठालाल :- तो स्विमंग सिखाई जा रही है...

मुझे नही सिखाएँगी...


बबीता :- ओह्ह क्यूँ नही..आइए..आप भी आइए…


उधर अईयर जेठालाल को बबीता के साथ जल फुक गया...


वो फटफट बबीता के पास पहुचता है..


अईयर :- बबीता .. जेठालाल को स्वीमिंग सिखाने की क्या जरूरत है...


बबीता :- व्हाट अईयर?


अईयर :- आइ मीन..जेठालाल तुम क्या करोगे सीख के...तुम्हारी कोई उमर थोड़ी है

स्वीमिंग सीखने की...


जेठालाल :- अईयर भाई सीखने की कोई उमर नही होती...क्यूँ है ना बबीता जी..


बबीता :- यस..अईयर .. जेठा जी ईज़ करेक्ट...


(बॅक ग्राउंड म्यूज़िक ..... आई छोरि.......)


अईयर मन में....ये जेठालाल भी ना..


जेठालाल अपने मन में..अईयर भाई..लगता है अभी भी आपको सबक नही मिला है..

अभी चढ्ढी तो मेने आपकी गायब कर दी है....अब अप क्या अपनी इज़्ज़त का भी

फालूदा करना चाहते हो क्या....


ये क्या जेठालाल के कहने का क्या मतलब...ये चढ्ढी वाला...हाहहः...

क्या इसमे भी कोई जेठालाल की चाल थी...


जेठालाल बबीता से स्वीमिंग सीखने के लिया आ गया था...और बबिता

उसे सिखाने के लिए तैयार थी...

लेकिन अईयर भाई ना खुश थे....

वो उसे रोकने में लगा हुआ था....


जेठालाल :- बबीता जी... आपको में अभी देख रहा था..आप दया...और माधवी

भाभी..को स्विमंग सिखा रहे थे...

बहुत अच्छा स्विमंग सिखाते हैं आप...


बबीता :- ओह्ह थॅंक यू सो मच जेठा जी..


अईयर :- तुम सीखने में दिमाग़ लगाओ जेठालाल...फालतू बात मत करो..


जेठालाल :- अईयर भाई..आपको ज़्यादा जल्दी है .. तो आप पहले सीख लो...


(बॅक ग्राउंड म्यूजिक...... शेर के दहाड़ने की आवाज़....)


अईयर :- जेठालाल आइ आम साइंटिस्ट.....


जेठालाल :- तो क्या आप अपनी दुकान में...तैरते हैं....हहहहहाः..


बबीता भी हँसने लगती है..


अईयर तो कलप जाता है बुरी तरह......


अईयर :- जेठालाल उसे दुकान नही...लॅब कहते हैं...

और मेरे कहने का मतलब है...कि में साइंटिस्ट हूँ..तो मुझे स्वीमिंग तो आएगी ही..


जेठालाल :- अच्छा ये ज़रूरी है...कि हर साइंटिस्ट को स्विमंग आती है..


अईयर :- हाँ...


जेठालाल :- पक्का आती है...


अईयर :- हाँ भाई..हाँ...तुम्हे कोई प्राब्लम है..


जेठालाल :- अच्छा तो फिर आप कर के आओ....


बबीता :- या ट्त्ट्स दा बेस्ट आइडिया...कमोन अईयर यू स्विम..


अब बज गई अईयर की बॅंड...कैसे करे स्वीमिंग....


स्वीमिंग में तो अपना नीचे वाला शरीर तो उपर करना ही पड़ता है...

अब अईयर कैसे करेगा..हाहहः..


जेठालाल अपने मन में...अईयर इडली..अब मज़ा आएगा...

कर अब स्वीमिंग...


अईयर अपने मन में..

ओफू ये कैसे फस गया में...अब क्या करूँ...


अईयर :- बबिता...में एक मिनट में आया...वो सोढी मुझे बुला रहा है...


जेठालाल :- किधर बुला रहा है....मुझे तो आवाज़ नही आई..


बबीता :- या एग्ज़ॅक्ट्ली मुझे भी नही आई...


जेठालाल तो पूरे मूड में था....आज अईयर की बॅंड बजाने को...


अईयर :- चलता हुआ..वो इशारे से बुलाया..अभी आता हूँ..


और अईयर वहाँ से चला जाता है....


जेठालाल अपने मन में.....अईयर एक कची मानुष से टकराया तो चूर चूर

हो जाएगा.....


बबीता :- जेठा जी क्या सोच रहे हैं आप....


जेठालाल अपने आप से बाहर आते हुए.....


जेठालाल :- कुछ नही बबीता जी...

तो अब शुरू करें..


बबीता :- या स्योर..

अच्छा आप पहले अपने दोनो हाथ..आगे की तरफ कीजिए....


और फिर बबीता जेठालाल को स्वीमिंग सिखाने लगती है.....


काफ़ी मेहनत के बाद.....


थोड़ा आगे बढ़ते हैं..देखते हैं जेठालाल कहाँ तक पहुँचे...


जेठालाल के बस हाथ आगे जा रहे थे...पैर उपर नही हो रहे थे...


बबीता :- वेट..में नीचे जाके..आपके पैर उपर करती हूँ...


जेठालाल :- ठीक है बबीता जी..


और फिर बबीता पानी के अंदर चली जाती है...

नीचे जाके जेठालाल का पैर उपर करने लगती है..और पैर उपर करते करते..

जेठालाल का पैर बबीता के चुचों के अंदर घुस जाता है...

एक बार तो बबीता का बुरा हाल हो जाता है..

लेकिन वो अपने आप को संभालते हुए...उपर कर लेती है जेठालाल का पैर....


लेकिन वो जैसे ही पैर उपर करी..जेठालाल आगे से डूब गया...


हाहहहहः...क्या मस्त सीन था....


बबीता :- ओह्ह जेठा जी....ओह..


फिर बबीता उसका पैर छोड़ के....नीचे जेठालाल के पास पानी के अंदर पहुच जाती

है...


अंदर जेठालाल छटपटा रहा था.....

बबीता उसके पास पहुचती है....


जेठालाल हाथ चला रहा था..जब बबीता उसके पास पहुचि..तो उसके हाथ..

बबीता के चुचो पे ज़ोर ज़ोर से लग रहे थे....


बबीता को ऐसा लग रहा था..जैसे कोई उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा हूँ..


जेठालाल आगे बाद के..बबीता को कस के पकड़ लेता है....


बबीता :- जेठा जी...शांत हो जाइए.....


जेठालाल शांत होता है..और देखता है...कि वो किस हालत में था...


जेठालाल का एक हाथ बबीता के एक बूब्स पर था...दूसरा नंगी कमर पे..

और अपनी टाँग..बबीता की टाँग से मिला रखा था...


जेठालाल ऐसी हालत देख के फ़ौरन पीछे हटता है...


बबीता का चेहरा बिल्कुल लाल पड़ा था.....


जेठालाल :- सॉरी बबीता जी..वो पता नही चला...


बबीता :- इट्स ओके जेठा जी...

चलिए दुबारा शुरू करते हैं..


जेठालाल :- रहने दीजिए बबीता जी....इस वक़्त हम ऐसे ही मज़े ले लेते हैं..फिर

कभी करेंगे....


जेठालाल का जवाब कुछ दूसरी टोन में था.....

डबल मीनिंग आन्सर दिया था जेठालाल ने...


बबीता :- क्या??


जेठालाल :- मेरा मतलब है..फिर कभी सीख लेंगे स्विमंग..में जब तक आपको देख

लूँ स्विमंग करते हुए..


बबीता ब्लश होते हुए....ओह आप भी ना जेठा जी..


माधवी :- बबीता जी....इधर आइए...


माधवी बबीता को आवाज़ लगाती है...और जेठालाल को बाइ बोल के उधर की तरफ चल

देती है..


जेठालाल अपने मन में....

बबीता जी...आप तो आज अफ़सर लग रही हैं...


वो इसलिए बोला..जब बबीता पीछे मूड के जाने लगी..तो उसकी न्यूड बॅक देख के

जेठालाल का लंड अकड़ गया नीचे से....


तभी जेठालाल को आवाज़ आती है...और जेठालाल पीछे मुड़ता है..


तारक :- जेठालाल बात हुई दया भाभी से..


जेठालाल :- ओफू..भूल ही गया..


तारक :- क्या...जेठालाल तुम भी कमाल हो..इतनी देर से यहाँ खड़े हो..और अभी

तक बात नही की...


जेठालाल :- वो मेहता साब...बबीता जी यहाँ थी..तो


तारक :- बॅस...बबीता जी को देख के...तुम्हारी सिटी पिट्टी गुल हो जाती है..


जेठालाल :- क्या करूँ मेहता साब....

वैसे भी आज गजब की लग रही है...


तारक :- तुम्हारा कुछ नही हो सकता…


उधर अंजलि और रोशन खड़े थे......


दूसरी तरफ से किसी की नज़र उन दोनो पर ही थी...


वो आदमी...अंडरग्राउंड....स्विंग करते हुए..उनकी तरफ बढ़ रहा था......


वो दोनो आपस में बातें कर रही थी....


अंजलि की बूब्स पानी के उपर थी...गीले होने की वजह से उसकी

स्किन चिपक रही थी...

रोशन भी कमाल की लग रही थी...उसकी ढीली ब्रा...एक तरफ से हट गई थी..

जिस बात का अंदाज़ा उसे नही था...

और उसके आधे बूबे के दर्शन हो रहे थे...


तभी एक अहह...निकली.......


क्या हुआ अंजलि भाभी.....


जी हाँ ये आहह अंजलि की निकली थी..


अंजलि :- अभी अभी..किसी ने...


रोशन :- किसी ने क्या.


अंजलि धीरे से रोशन के कान में...


अंजलि :- मेरी पुसी को कस के दबा दिया...


रोशन :- क्या....अंजलि भाभी..में अभी किसी को बताती हूँ..


अंजलि :- नही रोशन भाभी...बेकार में तमाशा बनेगा....

और यहाँ इतने सारे जने हैं..पता ही नही चलेगा किसने किया है....


रोशन :- हाँ ये भी ठीक है....अहह ओह.....


अंजलि :- क्या हुआ रोशन भाभी..


रोशन :- अंजलि भाभी..मेरे साथ भी..


अंजलि :- 1 मिनट में नीचे जाके देखती हूँ..


और फिर अंजलि पानी के अंदर देखने की कॉसिश करती है..लेकिन लोगों

के पैरों के अलावा कुछ नज़र नही आता है....


अंजलि बाहर आती हुई..


अंजलि :- कोई नही दिखा रोशन भाभी..


रोशन :- अंजलि भाभी...क्या आपकी भी उसने पुसी..टच की..


अंजलि :- हाँ..बट पैंटी के उपर से..


रोशन :- ऊ कूडीए..मेरी तो ..मेरी तो..


अंजलि :- मेरी तो क्या??


रोशन :- मेरी तो उसने पुसी को बहुत ज़ोर से दबा दिया..


अंजलि :- व्हाट..वो कैसे...


रोशन :- वो मेरी पैंटी थोड़ी लूज है..और पानी की वजह से फूल गई अंदर..

इसी वजह से..


अंजलि :- ओह्ह गॉड..ये क्या हो गया..

रोशन भाभी..हमे चुप रहना है..किसी को नही बातएंगी..कि क्या हुआ

हमारे साथ…


Next Episode Will Come Soon…..







Comments

Post a Comment

Popular Posts

Chalu Pandey & Babitaji Sex - STORY

Chalu Pandey & Babitaji Sex - STORY Toh dosto shuruvat krte hai story ko.. Aap toh jante ho chalu pandey inspector hai aur babitaji hamari gokuldham society ki sexy bomb. Aap sab jane honge ki babita ke birthday par iyyer surprise dene ke liye sodhi se car leta hai aur chori ki hoti hai.. Toh usi incident se hamari story ki shuruvaat krte hai. lyyer aur babita dono car leke ghumne jate hai aur utne me police unki gadi uthake leke jate hai aur car chudwane ke liye iyyer aur babita Police Station jati hai. Us police station ka in charge hota hai chalu pandey. lyyer(Gusse me) : sir, hamari car chori krne ke aapki himmat kaise huyi.. Aap police ho ya chor Chalu Pandey: excuse me mr. hame aap mat batao ham kon hai. Ham hamri duty puri tarah se jante hai. lyyer: toh aapne hamari car kyu churai? Chalu Pandey: yeh car chori ki hai aur tumne churai hai yeh car. Patil esko lockup me dalo toh. Aur phir patil usko lockup me dal deta hai lyyer: mene kuch nh kiya hai. Chod do muze. Babita kuch b

Anjali And Champak Sex- STORY

Anjali And Champak Sex- STORY ek din jetha anjali ko call karake request karata hai. anjali: helli ha jetha bhai bolo jetha: hello anjali bhabhi me kya bol raha tha. ke aaj tapu bhi ghar par nahi hai. mujhe bhi thoda late hoga. to aaj dopahar ke bapuji ka khana bana sakte ho. anjali: kya jetha bhai ye kehne ki baat hai aap bas chacha ji ko bol dena ki dopahar ko barabar 1 baje ghar aa jaye. jetha: thank you anjali bhabhi anjali: most welcome acha rakhti hu call call disconnect ho jaata hai. barabar dopahar ke 1 baje champak anjali ghar pohach jata hai. anjali door open karati hai. door khulate hi champak anjali ko aur anjli taarak ko, doni ek dusare ko dekhte hai. champak wahi dhoti kurte me hota hai aur usake takale pe topi hoti hai. par anjali my god black color ke punjabi tide kurta pehana tha. usase anjali boobs ache bade bade dikh rahe the. saath hi anjali ne orange colour ka leggings aur dupata bhi pehana tha. anjali ne apane baalon ki lambi si choti banai thi. saath hi usane ach

Story Of Pinku aur Rita

  Pinku aur Rita Sex Story Ek din tez barish ho rahi thi. Tabhi Rita reporter apane office ka kaam khatam karake dopahar ko ghar jaa rahi thi. Lekin wo ghar pohachane se pehle baarish shuru ho gayi. Lekin Rita scooty chalati rahi. Baarish ki waja wo bheeg chuki thi. Par usane socha ki ghar jaake change karati hoo. Kya farak padata hai. Agar ek din bheeg gayi to. Raaste me hi use Pinku dikhata hai. Pinku raaste ke kisi shop ke yaha ruka hua tha. Rita Pinku ke pass gayi. Rita: hello Pinku tum yaha kaise. Pinku: are Rita wo mujhe bhul lagi thi is liye McDonald's se meal leke ghar jaane wala tha. Lekin uff ye baarish ki wajah se yaha ruka hua hu. Rita: acha ab chalo mere saath me bhi ghar jaa rahi hu. Pinku scooty par baith jaata hai. Scooty chalate chalate. Pinku: acha Rita tum bheegi kaise? Rita: are kya batau ghar aa rahi thi. Beech me hi baarish shuru ho gayi. Pata nahi kab khatam hogi baarish. Chalo jaane do ghar jaake kapade badal leti hoon. Pinku: acha... Dono society me enter h